
- क्लाउडएसईके की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षाबंधन पर साइबर अपराधीधोखाधड़ी कर रहे हैं.
- धोखेबाज़ कूरियर सेवा या डाक विभाग के कर्मचारी बनकर भी ये काम कर रहे हैं.
- सोशल मीडिया पर सस्ते दामों में रक्षा बंधन स्पेशल ऑफर दिखाकर भी फ्रॉड हो रहा है.
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हमें बताएं।देश भाई-बहन के बंधन का प्रतीक रक्षाबंधन मनाने की तैयारी कर रहा है. मगर, साइबर सिक्योरिटी विक्रेता क्लाउडएसईके की रिपोर्ट के अनुसार, साइबर अपराधी इस त्योहार का फ़ायदा उठाकर चालाकी से धड़ाधड़ धोखाधड़ी कर रहे हैं. क्लाउडएसईके की रिपोर्ट के अनुसार, फ़र्ज़ी ई-कॉमर्स साइटों से लेकर भावनात्मक रूप से प्रभावित करने वाले मैसेजों और ईमेल (फ़िशिंग संदेश) के जरिए धोखेबाज़ इस त्योहार का इस्तेमाल पैसे और व्यक्तिगत डेटा चुराने के लिए कर रहे हैं.
क्लाउडएसईके की थ्रेट इंटेलिजेंस टीम ने दावा किया है कि उन्होंने रक्षाबंधन के दौरान ऑनलाइन खरीदारी और उपहारों के आदान-प्रदान में वृद्धि का फ़ायदा उठाने वाले साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कई रणनीतियों की पहचान की है. उनकी रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं:
- फ़िशिंग संदेशों में वृद्धि: धोखेबाज़ इनबॉक्स, व्हाट्सएप और एसएमएस में "राखी उपहार डिलीवरी" या "एक्सक्लूसिव सेल कूपन" का वादा करने वाले संदेशों की बाढ़ ला रहे हैं. इनमें अक्सर ऐसे लिंक होते हैं, जो मैलवेयर इंस्टॉल करते हैं या पेमेंट डेटा चुरा लेते हैं. कूरियर सेवा या भारतीय डाक विभाग के कर्मचारी बनकर धोखेबाज़, "पता अपडेट" करने के लिए छोटी राशि का भुगतान करने की मांग करने वाले लिंक पर क्लिक करके यूजर्स को नकली पार्सल के लिए "दोबारा शुल्क" देने के लिए उकसा रहे हैं.
- भ्रामक ई-कॉमर्स वेबसाइटें: प्रमुख ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म की नकल करके उपयोगकर्ताओं को अज्ञात डोमेन पर होस्ट किए गए फ़िशिंग पेजों पर रीडायरेक्ट करते हैं. ये साइटें 'राखियों', मिठाइयों और उपहारों का बेहद कम दामों पर विज्ञापन देती हैं, और जब यूजर अपनी कार्ड जानकारी दर्ज करते हैं, तो पेमेंट डिटेल चुरा लेती हैं.
- सोशल मीडिया धोखाधड़ी: स्कैमर्स इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल सस्ते दाम में सामान का लोभ देकर फ्रॉड करने के लिए भी कर रहे हैं, जैसे कि "रक्षा बंधन स्पेशल" के तहत ₹599 में आईफोन 16 प्रो। https://rakshabandhanoffer.in.net/RakhiOff/ पर होस्ट किया गया एक धोखाधड़ी वाला विज्ञापन, बैंकिंग विवरण हासिल करने के लिए वैध ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की नकल करता है.
- यूपीआई और गिफ्ट कार्ड घोटाले: धोखेबाज 'राखी' उपहार के नाम पर फर्जी यूपीआई का क्यूआर कोड भेजते हैं. एक ऐसे ही फर्जी विज्ञापन में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 5,000 रुपये के गिफ्ट कार्ड का झूठा वादा किया गया, और फिर यूजर्स को फ़िशिंग साइटों पर भेज दिया गया, जहां से घोटालेबाजों को यूपीआई पेमेंट मिल गया. क्लाउडएसईके की जांच में एक ऐसे ही घोटाले का पता चला, जो एक यूपीआई आईडी (34161FA82032AA2D24E6B40@mairtel*) से जुड़ा था, जो "udayrajkiranastore" नामक एक व्यवसाय से जुड़ा था. इसकी पहचान श्याम सैनी नाम के एक फेसबुक प्रोफ़ाइल से हुई.
- भावनात्मक हेरफेर: घोटालेबाज़ संकट में फंसे भाई-बहन या रिश्तेदार बनकर पारिवारिक रिश्तों का फ़ायदा उठाते हैं और पीड़ितों से 'राखी' उपहारों से जुड़े फ़र्ज़ी "कस्टम फीस" या "तत्काल डिलीवरी फीस" के लिए यूपीआई या बैंक ट्रांसफर के ज़रिए पेमेंट करने का आग्रह करते हैं.
- नकली ग्राहक सहायता (कस्टमर हेल्पलाइन): प्रमुख ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफ़ॉर्म या कूरियर की ग्राहक सहायता टीम बनकर धोखेबाज़ यूजर्स को स्क्रीन या ओटीपी साझा करने के लिए उकसाते हैं, और संवेदनशील वित्तीय जानकारी हासिल करने का प्रयास करते हैं.
क्लाउडएसईके के अनुसार, हिंदी, तेलुगु और तमिल में बहुभाषी फ़िशिंग अभियान ऐसे साइबर अपराधियों की पहुंच बढ़ा रहे हैं, विभिन्न क्षेत्रों को लक्षित कर रहे हैं और उनके प्रभाव को बढ़ा रहे हैं.
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इन खतरों से बचाव के लिए, सिक्योरिटी एक्सपर्ट निम्नलिखित सुझाव देते हैं:
- सुरक्षित खरीदारी करें: विश्वसनीय प्लेटफ़ॉर्म से खरीदारी करें और URL में "https://" और पैडलॉक आइकन की जांच करें. ऐसे सौदों से बचें, जो बहुत ज़्यादा आकर्षक या सस्ते लगें.
- लिंक की जांच करें: मैसेज में आए URL के वास्तविक गंतव्य की जांच के लिए लिंक-विस्तारक टूल का उपयोग करें या खुद से उस वेबसाइट का नाम लिखकर उस पर जाएं.
- पेमेंट सुरक्षित करें: ग्राहक सुरक्षा के साथ क्रेडिट कार्ड जैसे सुरक्षित पेमेंट ऑप्शंस का उपयोग करें और कभी भी ओटीपी या पिन साझा न करें.
- सुरक्षित रूप से ट्रैक करें: 'राखी' पार्सल की निगरानी केवल आधिकारिक कूरियर वेबसाइटों या ऐप्स के माध्यम से करें, अनचाहे संदेशों के लिंक से बचें.
- वरिष्ठ नागरिकों को शिक्षित करें: परिवार के बुजुर्ग सदस्यों को धोखाधड़ी के संकेतों को पहचानना सिखाएं, जैसे कि तत्काल भुगतान की मांग या भावनात्मक अनुरोध.
- तुरंत रिपोर्ट करें: यदि आपके साथ धोखाधड़ी हुई है, तो अपने बैंक से संपर्क करें और भारत के राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) या हेल्पलाइन (1930) पर शिकायत दर्ज करें.
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