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टोन Vs आसन का अपमान : राज्यसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन क्यों हुआ घमासान, जानें पूरी कहानी

राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को एक भावुक कर देने वाला बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि बीते कुछ दिनों जिस तरह से मुझे लेकर टिप्पणी की जा रही है वो मेरा कोई अपमान नहीं है, बल्कि वो इस चेयर का अपमान है.

टोन Vs आसन का अपमान : राज्यसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन क्यों हुआ घमासान, जानें पूरी कहानी
सभापति जगदीप धनखड़ की टोन को लेकर जया बच्चन का बड़ा आरोप
नई दिल्ली:

राज्य सभा में शुक्रवार को फिर हंगामा खूब बरपा. जया बच्चन नाम में 'अमिताभ' जोड़े जाने को लेकर खफा हुईं. विपक्ष सभापति जगदीप धनखड़ के टोन पर अपने अटैक का 'टोन' सेट करता नजर आया. और उधर सत्ता पक्ष इस पूरे घमासान को आसन के अपमान से जोड़कर उसे घेरता रहा. 'टोन बनाम आसन' के अपमान के इस वार-पलटवार के साथ संसद के बजट सत्र का समापन हो गया. राज्यसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन टोन को लेकर विपक्ष की तरफ से खूब हंगामा हुआ. बीजेपी सांसद घनश्याम तिवाड़ी की मल्लिकार्जुन खरगे पर पुरानी टिप्पणी की चर्चा करते हुए कांग्रेस ने सभापति से सवाल पूछे और तिवाड़ी के टोन पर सवाल खड़े किए. बाद में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ के टोन पर ही सवाल खड़े कर दिए. जया बच्चन की टिप्पणी पर सभापति ने अपनी कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि उन्होंने अपनी निजी जीवन में भले ही बहुत कुछ हासिल किया हो, लेकिन एक ऐक्टर डायरेक्टर का सब्जेक्ट होता है, यह बात भी उन्हें समझनी चाहिए. विपक्ष के वॉकआउट के बाद सत्ता पक्ष के सांसदों ने आसन के अपमान को लेकर विपक्ष पर जमकर घेरा. जानिए बजट सत्र के आखिरी दिन संसद में हुआ क्या-क्या  

पहले मलिल्कार्जुन खरगे को लेकर तिवाड़ी के बयान पर मचा बवाल

आपको बता दें कि शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई तो कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश ने सभापति जगदीप धनखड़ से घनश्याम तिवाड़ी के पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि जो भी खरगे के बारे में कहा गया था वह बेहद आपत्तिजनक थी. हमने जब उस दौरान यह मुद्दा उठाया तो आपने कहा था कि आप इस मामले को देखेंगे.जयराम रमेश की इस बात का जवाब देते हुए सभापति धनखड़ ने कहा कि इस मामले को लेकर खरगे और तिवाड़ी से उनकी बातचीत हुई है. तिवाड़ी ने उन्हें बताया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है. लेकिन फिर भी किसी को ऐसा लगता है कि उन्होंने कोई गलती की है तो वह माफी मांगने के लिए तैयार हैं. सभापति ने कहा कि बैठक बाद उन्होंने तिवाड़ी द्वारा कहे गए एक-एक शब्द को पढ़ा है, मुझे उसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगा. तिवाड़ी ने मुझे बातचीत में बताया कि उन्होंने खरगे की तुलना भगवान से की थी. और जितना मैं समझ पाया हूं उसके मुताबिक तिवाड़ी ने खरगे की तारीफ ही की थी. इसके बाद कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि उस दिन तिवाड़ी ने जिस टोन और जिन शब्दों का इस्तेमाल किया वो कहीं से भी सही नहीं है. 

जब सभापति पर जया बच्चन ने लगाया आरोप 

सभापति ने मल्लिकार्जुन खरगे को लेकर की गई टिप्पणी पर अभी कांग्रेस के सांसदों को शांत कराया था कि समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने अपने नाम को लेकर आपत्ति जताई. जया बच्चन ने सभापति से कहा कि मैं एक कलाकार हूं. बॉडी लैंग्वेज समझती हूं. एक्प्रेशन समझती हूं.सर मुझे माफ करिएगा, मगर आपका टोन जो है, वह ठीक नहीं है. जया बच्चन की टिप्पणी पर सभापति ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि आप बैठ जाएं.सत्ता पक्ष ने इस मामले पर जब शोर मचाया तो धनखड़ ने कहा, 'मुझे पता है कि कैसे निपटना है.' उन्होंने कहा 'जया जी आपने बड़ा सम्मान हासिल किय है. आप जानती हैं कि एक एक्टर डायरेक्टर का सब्जेक्ट है. आप वो नहीं देख पाती हैं,जो मैं यहां से देखता हूं.मेरी टोन, मेरी भाषा मेरे टेंपर पर बात की जा रही है. पर मैं किसी और की स्क्रिप्ट के आधार पर नहीं चलता, मेरे पास अपनी खुद की स्क्रिप्ट है.

विपक्ष पर हमलावर हुआ सत्ता पक्ष

राज्यसभा में हंगामे के बीच सत्ता पक्ष ने विपक्षी सांसदों पर आसन (सभापति) का अपमान करने का आरोप लगाया. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि आज राज्यसभा में जो कुछ हुआ वो लोकतंत्र के लिए काले दिन की तरह है. सभापति पर जिस तरह के आरोप लगाए हैं वो कहीं से भी सही है. विपक्ष को लोकतंत्र के इस मंदिर कि मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए. 

क्या विपक्ष कर रहा है धनखड़ की घेराबंदी 

बीते कुछ दिनों में जिस तरह से विपक्ष सभापति जगदीप धनखड़ पर निशाना साध रहा है. उसे देखकर तो ऐसा ही लग रहा है कि पूरा विपक्ष इन दिनों सभापति की घेराबंदी करने में जुटा है. गुरुवार को एक ऐसा ही वाक्या उस समय दिखा जब मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित किए जाने का मामला उठाने की कोशिश की. हालाकि, उन्हें सभापति ने ऐसा करने की अनुमति नहीं दी. इसके बाद टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी इस मुद्दे को उठाना चाहा तो सभापति ने उन्हें सदन से बाहर निकाल देने की चेतावनी दी. इसके बाद सभापति ने सभी सांसदों को संबोधित करते हुए एक भावुक कर देने वाला संबोधन दिया. उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों जिस तरह से मुझे लेकर टिप्पणी की जा रही है वह मेरे ऊपर हमला नहीं है बल्कि वह चेयर का अपमान है. सभापति के इस बयान के बाद भी शुक्रवार को सदन में जो हुआ वो ये साफ तौर पर बताता है कि विपक्षी सांसद इन दिनों सभापति की घेराबंदी कर रहे हैं. 

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