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This Article is From Jul 30, 2016

'खुले में थूकने की आदत से खुले में शौच की आदत की तरह निपटा जाए' : सांसदों ने कहा

'खुले में थूकने की आदत से खुले में शौच की आदत की तरह निपटा जाए' : सांसदों ने कहा
  • सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत पर राज्यसभा में चर्चा
  • थूकने की आदत भारत की छवि के लिए ठीक नहीं
  • इस बारे में जागरुकता अभियान शुरू किया जाए
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नई दिल्ली: राज्यसभा में तमाम सांसदों ने सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत पर लगाम कसने के लिये कदम उठाने की बात कही। कुछ सांसदों के विचार में खुले में थूकने की आदत को खुले में शौच जाने की आदत की तरह डील किया जाना चाहिए। क्योंकि थूकने की आदत 'अतुल्य भारत' की छवि के साथ मेल नहीं खाती। दरअसल पिछले हफ्ते प्रश्नकाल के दौरान टीएमसी सांसद नदीम-उल हक़ ने कहा कि 'भारत एक थूकने वाला देश (spitting country) है। हम जब बोर होते हैं तो थूकते हैं, थके होते हैं या गुस्से में होते हैं या फिर कुछ नहीं कर रहे होते तब भी थूकते रहते हैं। हर जगह थूकते ही रहते हैं।'

उन्होंने जानना चाहा कि क्या इस बारे में कोई अध्ययन कराया गया है कि थूकने से टीबी की बीमारी फैलती है। नदीम-उल हक़ ने कहा कि थूकने की आदत को भी स्वच्छ भारत अभियान में शामिल करने की ज़रूरत है।

'कोई केंद्रीय कानून नहीं'
इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा थूकने की आदत पर लगाम लगाने के लिये केंद्र सरकार द्वारा जागरुकता अभियान शुरू करने से सहमत नज़र आए। नड्डा ने कहा कि थूकने की आदत के खिलाफ कोई केंद्रीय क़ानून नहीं बनाया गया है लेकिन हम इस बारे में जागरुकता अभियान शुरू करने पर गौर करेंगे। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि 'इस बारे में कोई केंद्रीय क़ानून नहीं है। कोई अध्ययन भी नहीं कराया गया है। लेकिन हम इस पर गौर करेंगे। यह अच्छा विचार है। हम सहमत हैं कि इस बारे में समाज में जागरुकता की ज़रूरत है।'

नड्डा ने आगे कहा कि 'सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता के लिये यह अच्छा विचार है। मैं इस बारे में बैठक करूंगा और देखूंगा कि क्या कर सकता हूं। थूकने की आदत से निपटने के लिये स्वास्थ्य मंत्रालय का अलग से कोई बजट नहीं है।' सांसद केटीएस तुलसी ने कहा कि 'ज़रूरत इसकी है कि थूकने की आदत को खुले में शौच जाने की आदत की तरह माना जाए। दुनिया में टीबी के सर्वाधिक मरीज भारत में पाए जाते हैं। हमारे यहां टीबी के मरीजों की संख्या चीन से भी ज़्यादा है।' बीजेडी के अनुभव मोहंती ने जानना चाहा कि क्या सरकार इससे सहमत है कि थूकने की आदत गुटखे के कारण बढ़ रही है। इस पर नड्डा ने कहा कि सरकार गुटखे का सेवन कम करने के लिये तमाम कदम उठा रही है।

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