श्रीनगर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक लेंगे गृहमंत्री राजनाथ सिंह. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के श्रीनगर पहुंचने से ठीक पहले एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने भीड़ से निपटने के लिए मिर्ची बम को पैलेट गन के विकल्प के तौर पर मंजूरी दे दी. सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पीएवीए यानी पेलार्गोनिक एसिड विनाइल अमाइड शेल्स के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है.
जल्द ही इस मिर्ची बम की पहली ख़ेप कश्मीर भेजी जाएगी. बताया जा रहा है कि इसके प्रभाव में आने वाला व्यक्ति अशक्त हो जाएगा जिससे उसकी हिंसक गतिविधि को रोकना और उसे हिरासत में लेना आसान हो जाएगा. हालांकि पैलेट गन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, विशेष परिस्थितियों में सुरक्षाबल अब भी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे.
जुलाई में बुरहान वानी की मौत के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान लोगों को काबू में लाने के लिए सुरक्षा बलों ने पैलेट गन का इस्तेमाल किया था जिससे बड़ी संख्या में लोगों के दृष्टिहीन हो गए थे. देशभर में इस घटना की काफी आलोचना हुई थी, जिसके बाद सरकार को पैलेट गन का विकल्प तलाशने की जरूरत पड़ी.
पिछले 57 दिनों से कश्मीर घाटी में हालात असामान्य हैं. प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में अब तक करीब 70 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं हज़ारों लोग घायल हुए हैं. अलगाववादियों ने हड़ताल को 8 सितंबर तक बढ़ाने का ऐलान किया है, जिस पर सुरक्षा एजेंसियों का सवाल है कि जब सभी अलगाववादी नेता नज़रबंद हैं तो फिर ये कैलेंडर कौन जारी कर रहा है?
कश्मीर के हालातों पर चर्चा करने के लिए और घाटी में शांति बहाल करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह आज श्रीनगर में सर्वदलीय बैठक लेने जा रहे हैं. इस बैठक के लिए सीएम महबूबा मुफ़्ती ने हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस समेत सभी पक्षों को बातचीत का न्योता भेजा है. महबूबा ने पीडीपी अध्यक्ष के तौर पर ख़त लिखा है.
जल्द ही इस मिर्ची बम की पहली ख़ेप कश्मीर भेजी जाएगी. बताया जा रहा है कि इसके प्रभाव में आने वाला व्यक्ति अशक्त हो जाएगा जिससे उसकी हिंसक गतिविधि को रोकना और उसे हिरासत में लेना आसान हो जाएगा. हालांकि पैलेट गन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, विशेष परिस्थितियों में सुरक्षाबल अब भी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे.
जुलाई में बुरहान वानी की मौत के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान लोगों को काबू में लाने के लिए सुरक्षा बलों ने पैलेट गन का इस्तेमाल किया था जिससे बड़ी संख्या में लोगों के दृष्टिहीन हो गए थे. देशभर में इस घटना की काफी आलोचना हुई थी, जिसके बाद सरकार को पैलेट गन का विकल्प तलाशने की जरूरत पड़ी.
पिछले 57 दिनों से कश्मीर घाटी में हालात असामान्य हैं. प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में अब तक करीब 70 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं हज़ारों लोग घायल हुए हैं. अलगाववादियों ने हड़ताल को 8 सितंबर तक बढ़ाने का ऐलान किया है, जिस पर सुरक्षा एजेंसियों का सवाल है कि जब सभी अलगाववादी नेता नज़रबंद हैं तो फिर ये कैलेंडर कौन जारी कर रहा है?
कश्मीर के हालातों पर चर्चा करने के लिए और घाटी में शांति बहाल करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह आज श्रीनगर में सर्वदलीय बैठक लेने जा रहे हैं. इस बैठक के लिए सीएम महबूबा मुफ़्ती ने हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस समेत सभी पक्षों को बातचीत का न्योता भेजा है. महबूबा ने पीडीपी अध्यक्ष के तौर पर ख़त लिखा है.
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