दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में शनिवार शाम को कोचिंग सेंटर की इमारत के बेसमेंट में छात्र चार घंटे से अधिक समय तक फंसे रहे. स्थानीय लोगों का दावा है कि सही समय पर अगर बेसमेंट से पानी निकाला जाता तो तीनों छात्राओं को बचाया जा सकता था. दमकल विभाग को शाम करीब सात बजे ‘राव आईएएस स्टडी सेंटर' नामक कोचिंग में जलभराव की सूचना मिली थी. दो से तीन बच्चों के फंस होने की जानकारी दमकल को दी गई थी. दमकल की 7 गाड़िया मौके पर भेजी गई थी. लेकिन पानी निकालने में काफी समय लगाया गया. ‘राव आईएएस स्टडी सेंटर' के पास ही रहने वाली शालू शर्मा ने बताया कि चार घंटे तक पानी नहीं निकाला गया.
"बच सकते थे बच्चे अगर"
शालू शर्मा ने बताया कि पानी भरा था... लेकिन रात को 9 बजे पानी निकालने का काम शुरू हुआ.. उससे पहले कोई नहीं आया था. चाहते तो बच्चों को बचाया जा सकता था. चार घंटे के बाद पानी निकालने का कामा शुरू किया गया. उससे पहले पुलिस यहां आ गई थी... लेकिन काम 9 बजे शुरू किया गया. मैं 25 सालों से यहां रह रही हूं, यहां अक्सर पानी भरता है. लेकिन कुछ काम नहीं होता है. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को पता है यहां पानी भरता है. बच्चे बच सकते थे. बेसमेंट में लाइब्रेरी की अनुमति नहीं थी.
बेसमेंट में पानी कैसे घुसा?
अभी तक की जांच में सामने आया है की कोचिंग सेंटर मुख्य सड़क से सटे हुए रोड पर बना हुआ है. सड़क ऊंचाई पर है और गली जहां इंस्टीट्यूट बना है वो ढ़लान पर है. शुरुआती जांच के अनुसार बारिश के कारण पानी गली में भरना शुरू हुआ, पानी बेसमेंट के दरवाजे से टकराया जिस कारण दरवाजा टूट गया और पानी बेसमेंट में घुस गया.
दूसरे पहलू सीवर ड्रेन का पानी ओवर फ्लो होना बताया जा रहा है. ड्रेन का पानी ओवर फ्लो हो गया और पानी ने बैक फायर किया और पानी बेसमेंट में भरता चले गया. बेसमेंट में लाइब्रेरी थी. जिसमें एक समय मे 150 बच्चे पढ़ सकते है. हादसे के समय 30 बच्चे मौजूद थे.
हादसे का जिम्मेदारी कौन?
दिल्ली में शनिवार शाम हुई बारिश से राजेंद्र नगर इलाके में स्थित ‘राव आईएएस स्टडी सेंटर' के बेसमेंट में पानी भर गया था. तीन कोचिंग स्टूडेंट्स की मौत के बाद अन्य छात्र सड़क पर उतर आए हैं. रविवार को ओल्ड राजेंद्र नगर में छात्रों ने मृतकों को इंसाफ दिलाने के लिए विरोध-प्रदर्शन किया.
राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने घटना पर दु:ख जताया. उन्होंने कहा, “राजधानी में तीन छात्रों की बेसमेंट में डूबने से हुई मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा? पता चला है कि स्टूडेंट दस दिन से बार-बार ड्रेन साफ करने की डिमांड कर रहे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.” उन्होंने कहा, “अवैध बेसमेंट बिना भ्रष्टाचार के कैसे चल सकते हैं, एक्स्ट्रा फ्लोर कैसे डल जाते हैं, कैसे हो सकता है कि बिना पैसे खाए सड़क-नालियों के ऊपर कब्जे हो जाते हैं. स्पष्ट है कि कोई सुरक्षा नियम का पालन करने की जरूरत नहीं, पैसा दो और काम हो जाता है.
दिल्ली पुलिस ने तीन छात्रों की मौत पर बयान जारी किया है. दिल्ली पुलिस ने एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा- “यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर में हुई. खोज और बचाव अभियान के खत्म होने के बाद तीन शव बरामद किए गए हैं. उनके परिवारों को सूचित कर दिया गया है. मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है.”
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