दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में शनिवार शाम को भारी बारिश के बाद एक कोचिंग सेंटर की इमारत के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन छात्राओं की मौत हो गई. चार घंटे से अधिक समय तक ये छात्र बेसमेंट में फंसे रहे और पानी में डूबने से इनकी जान चले गई. बचाव अभियान शुरू होने के कुछ घंटों बाद ही दो छात्राओं के शव बाहर निकाल लिए गए थे. जबकि तीसरे छात्र का शव देर रात बरामद किया गया. ये सभी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. वहीं पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और कुछ लोगों को हिरासत में लिया है.
दिल्ली अग्निशमन विभाग (डीएफएस) के अनुसार, शाम करीब सात बजे ‘राव आईएएस स्टडी सेंटर' नामक कोचिंग मेंं जलभराव की सूचना मिली थी. दो से तीन बच्चों के फंस होने की जानकारी थी. दमकल की 7 गाड़िया मौके पर भेजी गई थी. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), स्थानीय पुलिस और अग्निशमन विभाग द्वारा चलाए गए बचाव अभियान के दौरान छात्राओं के शव घटनास्थल से बरामद किए गए.
पुलिस उपायुक्त (मध्य दिल्ली) एम हर्षवर्धन ने कहा शवों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए अस्पताल भेज दिया गया है. शव निकलने के बाद भी बेसमेंट में करीब 7 फीट पानी था.
आखिर कैसे भरा बेसमेंट में पानी
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बेसमेंट में एक लाइब्रेरी थी जहां कई विद्यार्थी मौजूद थे. बेसमेंट में लगभग 30 छात्र थे. अचानक बेसमेंट में पानी भरने लगा जिसके कारण फंसे हुए विद्यार्थियों को बाहर निकालने के लिए रस्सियों का इस्तेमाल करना पड़ा. लेकिन तीन छात्रा बेसमेंट में ही फंसे रह गए. कोचिंग सेंटर में पानी भर जाने से वहां रखा फर्नीचर तैरने लगा.
हादसे के वक्त वहां मौजूद कुछ छात्रों ने बताया कि अचानक से बेसमेंट के अंदर पानी भर गया. एक छात्रा ने TOI को बताया कि पानी का बहाव इतना तेज था कि बेसमेंट का गेट ही टूट गया और एकदम से बेसमेंट के अंदर पानी भर गया. एक अन्य छात्र ने बताया कि खराब जल निकासी से यहां जलभराव हुआ. जिससे ये हादसा हुआ.
"नालियों की सफाई नहीं हुई थी"
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज ने घटनास्थल का दौरा किया और घटना के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि स्थानीय विधायक ने नालियों की सफाई के लिए स्थानीय लोगों की ओर से बार-बार की गई अपील को नजरअंदाज कर दिया. सचदेवा ने कहा, ‘‘ इस हादसे के लिए दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही जिम्मेदार है. जल बोर्ड की मंत्री आतिशी और स्थानीय विधायक दुर्गेश पाठक को जिम्मेदारी लेते हुए अपने-अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए. ''
एक्शन में दिल्ली सरकार
इस हादसे के बाद दिल्ली सरकार एक्शन में आ गई है. दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को इस घटना की जांच शुरू करने और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. आतिशी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ यह घटना कैसे घटी, इसकी जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं. इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा.''
पहले भी हुआ ऐसा हादसा
इस सप्ताह की शुरुआत में ही मध्य दिल्ली के पटेल नगर इलाके में भारी बारिश के बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले 26 वर्षीय एक अभ्यर्थी की उस समय करंट लगने से मौत हो गई, जब उसने एक लोहे के गेट को छू लिया, जिसमें से बिजली गुजर रही थी.
पिछले साल जून में दिल्ली के मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में आग लग गई थी. छात्रों को रस्सी के सहारे कूदकर जान बचानी पड़ी थी. इस हादसे में कुल 61 छात्र घायल हुए थे.
दिल्ली में कई सारे ऐसे शैक्षिक कोचिंग सेंटर हैं जो कि सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं. मई में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण को आदेश दिया था कि वे निर्धारित अग्नि सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन में संचालित होने वाले किसी भी कोचिंग सेंटर को तुरंत बंद कर दें.
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