विज्ञापन

कैसे UPSC अभ्यर्थी बेसमेंट में पढ़ने के लिए मजबूर हैं? सुनिए छात्रा की आपबीती

इस मुद्दे पर बात करते हुए छात्रा स्नेहा ने कहा कि पूरे इलाके में बेसमेंट में बड़े पैमाने पर लाइब्रेरी चल रही हैं और छात्र बेसमेंट में ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं. साथ ही कमरा देने के नाम पर दलाल मोटी रकम लेते हैं.

कैसे UPSC अभ्यर्थी बेसमेंट में पढ़ने के लिए मजबूर हैं? सुनिए छात्रा की आपबीती
नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा शुक्रवार को पुराने राजेंद्र नगर के राव कोचिंग संस्थान में यूपीएससी के तीन अभ्यर्थियों की मौत की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के आदेश का यूपीएससी की एक अभ्यर्थी ने स्वागत किया.दिल्ली के राजेंद्र नगर में यूपीएससी की तैयारी कर रही छात्रा स्नेहा ने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा कि मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है, यह स्वागतयोग्य है. मुझे लगता है कि अब मामले की सही और निष्पक्ष जांच होगी. साथ ही इस इलाके में जो भी समस्याएं हैं, उनका भी समाधान होना चाहिए.

इस मुद्दे पर बात करते हुए छात्रा स्नेहा ने कहा कि पूरे इलाके में बेसमेंट में बड़े पैमाने पर लाइब्रेरी चल रही हैं और छात्र बेसमेंट में ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं. साथ ही कमरा देने के नाम पर दलाल मोटी रकम लेते हैं.

बेसमेंट में पढ़ने को मजबूर स्टूडेंट्स

सीबीआई जांच करेगी तो हमारी कई समस्याएं खुलकर बाहर आएंगी. तार लटक रहे हैं, बेसमेंट में मौजूद लाइब्रेरी में बाहर निकलने का सिर्फ एक ही रास्ता होता है. अगर आग लग जाती है या किसी तरह की समस्या आती है तो हम स्टूडेंट्स मान कर चलते हैं कि वहां डेथ की संभावना है.

रेंट भी एक समस्या

छात्रा ने कहा कि मकान मालिक का जब भी मन करता है तो रेंट बढ़ा देते हैं. कभी 10 हजार तो कभी 15 हजार रुपये मांगते हैं. नए कमरे में भी उतने ही पैसे लगते हैं.

राजनीति से कोई मतलब नहीं

ये मुद्दा स्टूडेंट्स के सुरक्षा का है.राजनीति से हमें कोई नहीं लेना देना है. अगर बेसमेंट की जिम्मेदारी और तार की जिम्मेदारी एमसीडी की है, वो उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए.

पढ़ाई प्रभावित हुई हैं

पढ़ाई प्रभावित हुई है. 3-4 दिन तक हम पढ़ नहीं पाए हैं. इस घटना के बाद हम काफी डरे हुए हैं. धीरे-धीरे हमारी कोशिश है कि प्रोस्टेस्ट के साथ-साथ हम पढ़ाई पर भी फोकस कर रहे हैं. लाइब्रेरी का रेंट बढ़ा है. रूम तो शेयर कर ले रहे हैं, मगर लाइब्रेरी काफी महंगा हो गया है. 6 हजार लाइब्रेरी का रेंट हैं. पैरेंट्स डरे हुए हैं. घर वापस बुला रहे हैं.

छोटे शहरों के स्टूडेंट्स को काफी समस्या होती है.

स्नेहा ने कहा कि घटना के बाद हमारी पढ़ाई प्रभावित हुई है. कई छात्र ऐसे हैं जो नियमित रूप से लाइब्रेरी में पढ़ने जाते हैं. लाइब्रेरी बंद होने की वजह से छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. अभिभावक भी चिंतित हैं. उनके फोन आ रहे हैं. हमारे कई दोस्त अपने घर चले गए हैं. घटना के बाद छात्रों में दहशत का माहौल है.

जलनिकासी की समस्या

उन्होंने कहा कि इलाके में जलनिकासी की समस्या है और साथ ही खुले तार भी हैं. लापरवाहों को बख्शा नहीं जाना चाहिए. सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए. अगर एमसीडी की ओर से लापरवाही की गई है, तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. हमारी मांग है कि छात्रों को उचित माहौल दिया जाए, ताकि वे ठीक से पढ़ाई कर सकें. साथ ही इलाके में सरकारी लाइब्रेरी बनाई जाए.

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नजर स्थित राव आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत के मामले में शुक्रवार को सीबीआई जांच के आदेश दिए. हाईकोर्ट ने कहा है कि सेंट्रल विजिलेंस कमीशन की निगरानी में सीबीआई इस मामले की जांच करेगी.

दिल्ली नगर निगम कमिश्नर ने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया कि इलाके में बरसाती पानी की निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर निवासियों और दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है, इसके चलते बरसाती पानी की निकासी में दिक्कत होती है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com