राजस्थान: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,मंत्री शांति धारीवाल सहित कई दिग्गजों ने दाखिल किया नामांकन पत्र दाखिल

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के कई बागियों ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया.

राजस्थान:  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,मंत्री शांति धारीवाल सहित कई दिग्गजों ने दाखिल किया नामांकन पत्र दाखिल

नई दिल्ली:

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल और अन्य नेताओं ने सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल किए. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बागियों ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया. राज्य में विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को होंगे और मतगणना तीन दिसंबर को होगी. चित्तौड़गढ़ से भाजपा के बागी चंद्रभान सिंह आक्या, जयपुर के झोटावाडा से राजपाल सिंह शेखावत, डीडवाना से यूनुस खान, शाहपुरा से कैलाश मेघवाल, और शिव विधानसभा क्षेत्र से रवींद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय उम्मीदवारों के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया.

जोधपुर के जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष रवींद्र भाटी हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे और वह बाड़मेर के शिव निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के टिकट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया गया, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया. जयपुर की झोटवाड़ा सीट से टिकट नहीं मिलने पर राजपाल सिंह ने कहा कि पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार से कार्यकर्ता खुश नहीं हैं.

जयपुर (ग्रामीण) से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ झोटवाड़ा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इसी तरह चित्तौड़गढ़ में भाजपा ने मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काट दिया और वहां से नरपत सिंह राजवी को मैदान में उतार दिया, जिससे आक्या बागी हो गए. आक्या ने कहा कि उन्होंने अंतिम समय तक पार्टी के फैसले बदलने का इंतजार किया और जब कोई बदलाव नहीं हुआ तो उन्होंने चित्तौड़गढ़ सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया.

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री यूनुस खान ने नागौर की डीडवाना सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया. पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. उन्होंने सचिन पायलट के खिलाफ टोंक सीट से 2018 में विधानसभा चुनाव लड़ा था और हार गए थे. इसके अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने शाहपुरा (भीलवाड़ा) से नामांकन दाखिल किया. उन्हें भी टिकट नहीं दिया गया. मेघवाल ने कुछ समय पहले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था जिसके बाद उन्हें अनुशासनहीनता के लिए नोटिस जारी किया गया था.

खेल मंत्री अशोक चांदना ने बूंदी की हिंडोली विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया, जहां उनके समर्थन में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा ने एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया. जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने, कोटा में शहरी विकास और संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने नामांकन दाखिल किया.

धारीवाल कोटा उत्तर सीट से जबकि गहलोत जोधपुर की सरदारपुरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. कोटा उत्तर सीट पर धारीवाल का मुकाबला भाजपा के प्रह्लाद गुंजल से होगा. नामांकन के बाद मीडिया से बातचीत में धारीवाल ने दावा किया कि राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर घर तक पहुंच रहा है और एक करोड़ चार लाख परिवारों को 500 रूपये में गैस सिलेंडर मिल रहा है. इस बीच प्रहलात गुंजल ने भी धारीवाल पर निशाना साधा और कहा कि धारीवाल को हर कांग्रेसी राजस्थान में सबसे भ्रष्ट कहता है.

कांग्रेस के बागी शिव प्रसाद मीणा, गौरव शर्मा, रूपेश शर्मा, राकेश बोयत ने कोटा और बूंदी की अलग-अलग सीटों से नामांकन दाखिल किया. कोटा के लाडपुरा में भाजपा द्वारा कल्पना देवी को टिकट दिए जाने के बाद भाजपा के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)