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This Article is From Sep 06, 2022

अशोक गहलोत पर सचिन पायलट का तीखा तंज- 'कम से कम एक-दूसरे पर कीचड़ न उछालें'

जुलाई 2020 में, सचिन पायलट ने अपने समर्थकों संग विद्रोह कर अशोक गहलोत, जो अक्सर खुले तौर पर उनकी आलोचना करते रहे हैं, की सरकार को लगभग गिरा दिया था लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के मान मनौव्वल के बाद स्थिति संभल गई थी.

अशोक गहलोत पर सचिन पायलट का तीखा तंज- 'कम से कम एक-दूसरे पर कीचड़ न उछालें'
जयपुर:

जैसे-जैसे राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और कांग्रेस पार्टी में भी नए अध्यक्ष का चुनाव नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे पार्टी की राजस्थान इकाई में पुरानी आंतरिक प्रतिद्वंद्विता फिर से जनता के बीच फैलती दिख रही है. पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए, सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से एक-दूसरे का समर्थन करने और आपस में कीचड़ उछालने से परहेज करने का आग्रह किया.

कांग्रेस नेता सचिन पायलट के 45वें जन्मदिन से एक दिन पहले बड़ी संख्या में समर्थक जुटे थे. पायलट, जो राजस्थान के दौसा में थे, ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, "अगर हम एक-दूसरे का समर्थन नहीं कर सकते, तो एक-दूसरे का अपमान भी न करें." उन्होंने कहा, "अगर हम किसी को खुश करने के लिए नारे नहीं लगा सकते हैं, तो उसका विरोध भी न करें. हमें सभी को साथ लेकर चलना होगा." 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद सचिन पायलट राज्य में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने इनकी बजाय अधिक वरिष्ठ और अनुभवी अशोक गहलोत को सीएम बनाया और पायलट को डिप्टी सीएम पद से संतोष करना पड़ा था.

जुलाई 2020 में, सचिन पायलट ने अपने समर्थकों संग विद्रोह कर अशोक गहलोत, जो अक्सर खुले तौर पर उनकी आलोचना करते रहे हैं, की सरकार को लगभग गिरा दिया था लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के मान मनौव्वल के बाद स्थिति संभल गई थी. पार्टी के सूत्रों ने कहा है कि पायलट खेमे का मानना ​​है कि अगर कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान में सत्ता बरकरार रखना चाहती है तो सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाना चाहिए. जयपुर में पायलट का आज जन्मदिन मनाया जाना है, जहां समारोह में बड़ी संख्या में समर्थकों के इकट्ठा होने की उम्मीद है. समर्थक इस सियासी संदर्भ में पायलट के लिए एक बड़ी राजनीतिक हैसियत की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

अशोक गहलोत ने पिछले हफ्ते ही कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए खुद के सबसे आगे होने की खबरों को खारिज कर दिया था और कहा था कि राहुल गांधी को फिर से पार्टी की बागडोर संभालने के लिए मनाने के लिए अंतिम समय तक प्रयास किए जाएंगे. बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 सितंबर को अधिसूचना जारी होगी और 24 से 30 सितंबर तक नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया होगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है और यदि आवश्यक हुआ तो 17 अक्टूबर को चुनाव होगा. परिणाम 19 अक्टूबर को आएंगे.

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