राजस्थान में मुख्यमंत्री वही होगा जो आलाकमान हमारे विधायकों की राय से तय करेंगे : NDTV से प्रताप सिंह खाचरियावास

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि विधायक बीजेपी के षड्यंत्र को तोड़ना चाहते हैं. भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में सरकार गिराने का षड्यंत्र कर रही है. बीजेपी का जो षड्यंत्र चल रहा है, उसे कामयाब नहीं होने देना है. हम इस वक़्त एक रहेंगे, यूनाइट रहेंगे तो हम अगला चुनाव 2023 का जीत रहे हैं. हमारी योजनाएं अच्छी हैं. जनता हमारे साथ है.

राजस्थान कांग्रेस में बड़ा संकट खड़ा हो गया. सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबे वक्त से चल रही खटपट अब एक नए रूप में ही सामने आ गई है. राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने पूरे मामले को लेकर NDTV से खास बातचीत की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वही होगा, जिसको आलाकमान हमारे विधायकों की  राय लेकर तय करेंगे, वही मुख्यमंत्री बनेगा. उन्होंने कहा कि विधायक बीजेपी के षड्यंत्र को तोड़ना चाहते हैं. भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में सरकार गिराने का षड्यंत्र कर रही है. बीजेपी का जो षड्यंत्र चल रहा है, उसे कामयाब नहीं होने देना है. हम इस वक़्त एक रहेंगे, यूनाइट रहेंगे तो हम अगला चुनाव 2023 का जीत रहे हैं. हमारी योजनाएं अच्छी हैं. जनता हमारे साथ है, अभी कुछ दिन पहले वल्लभनगर में उपचुनाव हुआ बीजेपी की ज़मानत ज़ब्त हो गई. कभी ऐसा होता है. धारियावाद में बीजेपी की तीसरे नंबर पर आई. राजस्थान पंचायत के पूरे चुनाव हम जीत गए. नगर निकाय के चुनाव हम जीत गए. राजस्थान के हजारों लोगों को लेकर हम दिल्ली जाते हैं, संघर्ष करते हैं, आंदोलन करते हैं और यदि अशोक गहलोत जी हमारे अभिभावक हैं, उनसे विधायकों ने कोई मांग रख दी तो और कह दिया कि जब आप राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाना तब चले जाना. अभी न वो राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं, न अभी उनको दो पद मिले हैं. सब जगह खबर फैल गई कि नया मुख्यमंत्री बन रहा है. विधायकों में प्रतिक्रिया हो गई. वे हमारे समझाने से समझे नहीं तो अब ये हमारे परिवार का मामला है, मिल बैठकर ठीक हो जाएगा. ऐसी कोई चिंता करने वाली बात नहीं है.

घर में फूट तो उस वक्त हुई जब बीजेपी ने सरकार गिराने की कोशिश की थी
उन्होंने आगे कहा कि जो लोग ये कह रहे हैं वो बीजेपी वाले कह रहे हैं. घर में फूट तो उस वक्त हुई थी, जब बीजेपी ने सरकार गिराने की कोशिश की थी और गवर्नर ने विधानसभा का सत्र भी बुलाया था. वो था मामला. इस वक्त यदि ये बात उठी है तो परिवार में संख्या बल ही सब कुछ होता है. यदि 100 विधायक से अधिक एक तरफ हैं और कुछ डिमांड कर रहे हैं, उनकी सुनना हम सबकी जिम्मेदारी है. पार्टी नेतृत्व की, पार्टी नेतृत्व हमारा है और हमारा नेतृत्व एक पेरेंट रूप से कुछ डिमांड कर रहे हैं तो ये गलत बात नहीं है.

किसी एक व्यक्ति को गुमान नहीं होना चाहिए कि उसने सरकार बनवाई, सबकी मेहनत से सरकार बनती है
2004 में जब चुनाव हुआ था तो मैं जयपुर से चुनाव लड़ रहा था. जब मुझे बुलाकर चुनाव लड़ाया गया. मेरा भी परिवारिक बैकग्राउंड पॉलिटिकल है, सबको पता है. राजस्थान में किसी एक व्यक्ति की मेहनत से चुनाव नहीं जीता जाता. मैं आज एनडीटीवी पर बोल रहा हूं, राजस्थान की जनता आंदोलन में मेरा नाम सबसे ज्यादा जानती है. खून पसीना हमने गिराया. मैं भी पायलट साहब के साथ लड़ रहा था. लाखों कार्यकर्ताओं की मेहनत से सरकार बनती है. ज्वाइंट नेतृत्व से सरकार बनती है. ये जो मीडिया में चला है कि इन्होंने सरकार बनाई तो हम जो राजस्थान में पैदा हुए, मेरा गांव जो खाचरियावास है. मैं क्षत्रिय वंश का राजपूत हूं, जो अपने आप को भगवान राम का वंशज मानते हैं तो हम लोगों की मेहनत का कोई महत्व नहीं हैं. हमने जो घुटने तुड़वाए, जो आंदोलन किया, खून गिरा, उसका कोई महत्व नहीं है. ये जो भाषा बोलते हैं वो गलत हैं. सबकी मेहनत से सरकार बनती है. किसी भी एक व्यक्ति को कभी भी गुमान नहीं होना चाहिए कि मैंने सरकार बना दी. सबको आंदोलन करना भी आता है सरकार में रहकर काम करना भी आता है, सेवा करना भी आता है. एक अशोक गहलोत को बनने में 50 साल लगते हैं. जब मैं और सचिन पायलट जी जैसे लोगों ने राजनीति शुरू की उससे पहले तो अशोक गहलोत जी जैसे ना जाने कहां पहुंच गए थे. ये बात कहना बहुत बड़ी बात हो जाती है. सब मिलकर करते हैं, तभी सरकार बनती है.

एक समय जो बाहर जाकर बैठ गए वो सीएम बनेंगे, जिन्होंने साथ दिया वो नहीं बनेंगे, ऐसा क्यों होगा?
उन्होंने आगे कहा किअशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनें, ये बहुत बड़ा सम्मान है, हम भी चाहते हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष वो बनेंगे और इस झगड़े में उन्हें शामिल करना इसलिए गलत है कि एक मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि वह अपने एमएलए की बात सुने. बात ये हो रही है कि आप ये कह रहे हैं कि एक पद पर मैं रहूंगा तो आप कह रहे हैं कि एक पद पर आ जाओ, सब छोड़कर चले जाना तो आप आ गए. ऐसे व्यक्ति का चुनाव तो करवाओ. आपने कहा था कि मैं अभिभावक हूं, जो आपके साथ खड़े रहे 102 एमएलए उनको कौन संभालेगा. ये तो वर्टिकल डिविजन हो गया. आमने सामने वॉर चला है. आप पुराने एनडीटीवी के बयान उठाकर देख लो. वो हमारे खिलाफ बयान दे रहे हैं, हम उनके खिलाफ बयान दे रहे हैं. जब बीजेपी सरकार गिराने की कोशिश कर रही थी तो हम साथ खड़े थे. होटलों में हम  वेणूगोपाल, अजय माकन और रणदीप सूरजेवाला के साथ हम बैठे थे. उनसे पूछिए. एक बात बताइए जो साथ बैठे थे, उनमें से कोई सीएम नहीं बनेगा, जो बाहर जाकर बैठे थे, उनमें से सीएम बनेगा. संख्या बल का भी महत्व होता है. 100 से ज्यादा विधायक कुछ रहे हैं सुनना चाहिए. लोग सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तरफ देख रहे हैं. बीजेपी के जुल्म का जवाब देने के लिए लोग हमारी तरफ देख रहे हैं. 

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विधायक कुछ कह रहे हैं तो उनकी बात सुनिए और समाधान कीजिए
राजस्थान में बड़े-बड़े आंदोलन और प्रदर्शन हम कर रहे हैं. महंगाई के खिलाफ आंदोलन चल रहा है. मोदी सरकार का जवाब देने के लिए सोनिया और राहुल का नेतृत्व जबरदस्त है. कांग्रेस को अब आगे आना होगा. ये वक्त छोटी-मोटी बातों का नहीं है. कहा गया है कि विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी. आपके एमएलए आपके परिवार के सदस्य हैं. अनुशासनात्मक कार्रवाई अगर कुछ करना है, बगावत करनी है तो बीजेपी की सरकार के खिलाफ करनी है. लड़ना और मरना है तो मोदी सरकार के खिलाफ लड़ना और मरना है. आपके विधायक कुछ कह रहे हैं तो उसे सुनिए और समाधान कीजिए. ये हमारे घर का मामला है. राजस्थान का एक एक एमएलए की आवाज सुनने का काम आलाकमान करेगा. अच्छा हल निकलेगा. इससे पूरे देश में अच्छा संदेश जाएगा. कांग्रेस आलाकमान के पास सही फीडबैक जाना चाहिए. आप क्या समझते हैं कि कांग्रेस आलाकमान की गलती नहीं है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के वहां फीडबैक सही जाना चाहिए, सच्चाई जानी चाहिए. जैसे ही सच सामने आया कि 100 से ज्यादा विधायक एक तरफ हैं तो सब हिल गए.वोटिंग में बहुमत के आधार पर फैसला होता है. देश में सरकार आज बीजेपी की बनी है तो संख्या बल के आधार पर बनी है. अपने आप बन गई क्या. इस वक्त बीजेपी को जवाब देना है, आपस में नहीं लड़ना है. और हम अपने नेतृत्व के साथ खड़े हैं. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अशोक गहलोत तमाम नेतृत्व के साथ खड़े हैं. और आप सुन लेना ये लोग जब भी आह्वान करेंगे सबसे ज्यादा बल राजस्थान से लेकर निकलेंगे और मोदी सरकार से डरने वाले नहीं है. मंहगाई, गरीबी, बेरोजगारी इन मुद्दों पर कांग्रेस जब भी लड़ेगी, लड़ेंगे.