
- इकबाल कासकर को ठाणे में एक्सटॉर्शन रैकेट चलाने के दौरान गिरफ्तार किया गया था, जो दाऊद इब्राहिम का छोटा भाई है.
- राज ठाकरे और नारायण राणे के संभावित खतरे की जानकारी पुलिस को मिली थी, जिसके बाद उनके दौरे कैंसिल कराए गए थे.
- इकबाल कासकर गिरफ्तारी के वक्त वह "कौन बनेगा करोड़पति" देख रहा था और बिरयानी खा रहा था.
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को मुंबई ही नहीं देश भर के लोग जानते हैं. मुंबई से अंडरवर्ल्ड के सफाए में उनका बड़ा योगदान माना जाता है. अब तक 112 एनकाउंटर कर चुके प्रदीप शर्मा ने एक से बढ़कर एक बड़े क्रिमिनल्स को डील किया है. एनडीटीवी से उन्होंने एक्सक्लूसिव बातचीत में अंडरवर्ल्ड के कई किस्से सुनाए. इस दौरान उन्होंने दाऊद इब्राहिम के छोटे भाई इकबाल कासकर की गिरफ्तारी का किस्सा भी बताया. जब इकबाल गिरफ्तार हुआ तो वो अमिताभ बच्चन का कौन बनेगा करोड़पति शो देख रहा था.
राज ठाकरे की कौन करना चाहता था हत्या

प्रदीप शर्मा ने राज ठाकरे से जुड़ा एक किस्सा सुनाया. उन्होंने कहा, "मैं और मेरे मित्र अविनाश धर्माधिकारी कांदिवली क्राइम ब्रांच में कार्यरत थे. हम लोग कुछ नंबर्स पर काम कर रहे थे. अचानक राज ठाकरे का नाम आने लगा उसमे और बातचीत होने लगी. तब राज ठाकरे शायद कोंकण का दौरा करने वाले थे. हम लोगों ने फिर ये बात हमारी ज्वाइंट सीपी मीरा को बताई. फिर उन्होंने सीपी एएन रॉय को ये बात बताई. फिर राज ठाकरे को ये बात बताई गई. इस बारे में अभी भी ज्यादा तो नहीं बता सकता लेकिन बड़ा खतरा था. खतरा किससे था, ये भी नहीं बता सकता. राज ठाकरे को भी नहीं बताया गया. उसके बाद उन्होंने अपना दौरा कैंसिल कर दिया था. ऐसा ही नारायण राणे के बारे में हुआ था. दाऊद गैंग से उनको हमेशा थ्रेट्स रहे. तो उनका भी सिधुगर्ग वगैरह कोई दौरा था, तो उनको भी हम लोगों ने कहा था कि अगर दौरे को टाल सकते हैं तो टाल दीजिए."
दाऊद के भाई को कैसे पकड़ा

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने आगे कहा, "दाऊद का एक छोटा भाई इकबाल कासकर अब भी मुंबई में रहता है. उसको दुबई से डिपोर्ट किया गया था. मुंबई आकर एक केस में अरेस्ट किया गया. फिर उस केस से बाहर आने के बाद वो ठाणे में एक्सटॉर्शन रैकेट चला रहा था. उसी समय मेरी पोस्टिंग ठाणे में हुई. इस रैकेट का पता चला तो हमने जांच शुरू की और जांच इकबाल तक पहुंची. फिर हमलोग नागपाड़ा में गए. इकबाल अपनी बहन के घर में रहता था. घर के नीचे उसने 8-10 लोग लगा रखे थे. वहां पुलिस वाले भी कम जाते हैं, मगर कोई चला जाए तो उसको खबर कर देते थे. मुझे ये बात पता चली तो मैंने 3-4 अपने प्राइवेट लोगों को 8-10 दिन तक नजर रखने को कहा. फिर फाइनली एक दिन हमलोग गए और इकबाल के ही आदमी को साथ लेकर उसके दरवाजे के की होल के सामने खड़ा कर दिया. उसने की होल से अपना आदमी देखा तो दरवाजा खोल दिया. फिर हम अंदर गए. उस समय इकबाल शालीमार रोड की बिरयानी खाते हुए कौन बनेगा करोड़पति देख रहा था. मैंने उससे कहा, चलो इकबाल भाई, तुम्हारा वक्त खत्म हो गया. उसने कहा, बिरयानी खा लूं. मैंने कहा, हां, खा लो. फिर वो आराम से अरेस्ट हो गया और हम ठाणे लेकर आए. 2017 की बात है ये वो और अब 2025 है. अब भी वो अंदर ही है."
दाऊद को कौन धमकाकर लेता था पैसा

प्रदीप शर्मा ने बताया, "पूछताछ के दौरान उसने बताया था कि दाऊद पाकिस्तान में ही है. हर महीने दाऊद उसको पैसे भेजता था अरेस्ट करने से पहले. जब ज्यादा उसे पैसे की जरूरत होती थी तो दाऊद के फोन आने पर उससे बात नहीं करता था. ये दिखाने के लिए मैं नाराज हूं तो इसको मनाने के लिए दाऊद इसको रिश्वत देता था और ज्यादा पैसे देता था. इकबाल कभी भी समुद्र के किनारे नहीं जाता था. पूछताछ में उसने बताया कि समुद्र किनारे न जाने का कारण ये है कि अगर समुद्र किनारे वो गया तो दाऊद जहाज भेजकर उसे अगवा कर पाकिस्तान लेता जाएगा और वो पाकिस्तान जाना नहीं चाहता था."
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