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शूटर्स को अपने गैंग में लेने से पहले दाऊद लेता था कौन सा टेस्ट, पढ़िए कालिया की कहानी

गवली गैंग का शूटर आखिर क्यों हुआ दाऊद गैंग में शामिल? दाऊद इब्राहिम के गैंग ने इसके लिए उस शूटर की कैसे ली परीक्षा? एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने सुनाया किस्सा.

शूटर्स को अपने गैंग में लेने से पहले दाऊद लेता था कौन सा टेस्ट, पढ़िए कालिया की कहानी
  • मुंबई में 80-90 के दशक में अंडरवर्ल्ड का दौर था और पुलिस ने एनकाउंटर को अंडरवर्ल्ड खत्म करने का तरीका माना था.
  • प्रदीप शर्मा ने दाऊद के सबसे खतरनाक शूटर सादिक कालिया का सामना किया था, जो कई गैंगवार मर्डर्स में वांटेड था.
  • कालिया को मोहन रावले पर हमला करने की सुपारी मिली थी. फायरिंग में घायल होकर अस्पताल में उसकी मौत हुई थी.
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मुंबई में 80-90 का दौर अंडरवर्ल्ड का था. जब पुलिस को लगा कि अंडरवर्ल्ड को समाप्त करने का एकमात्र तरीका एनकाउंटर ही है तो फिर मुंबई पुलिस में लगातार एनकाउंटर होने लगे और फिर कुछ पुलिस वाले बन गए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट. इन्हीं में से एक बड़ा नाम प्रदीप शर्मा ने बनाया. नाना पाटेकर ने प्रदीप शर्मा के किरदार को ही अब तक 56 फिल्म ने निभाया था. अब उनकी नई फिल्म अब तक 112 आने वाली है. एनडीटीवी ने प्रदीप शर्मा से बात की तो उन्होंने अंडरवर्ल्ड के एक खतरनाक शूटर का किस्सा सुनाया.  

कौन था सादिक कालिया 

प्रदीप शर्मा ने बताया, "दाऊद का सबसे बड़ा शूटर था सादिक कालिया. ये 22 गैंगवार मर्डर्स में शामिल था और वांटेड था. उसको हमलोग तलाश रहे थे. एक दिन सूचना मिली कि वो और उसके साथी दादर भाजी मार्केट कोहिनूर इंस्टीट्यूट के सामने शाम 5 बजे आने वाले हैं. मैं और मेरी टीम वहां गए. हम उसे पहचानते नहीं थे. उसकी कोई तस्वीर भी नहीं थी. ऐसी सूचना थी कि वो उस दिन उस समय के सांसद मोहन रावले को मारने के लिए जाने वाला था. दाऊद के निर्देश थे कि शिवसेना के सांसदों को उस रात को ही मारना है. जब हम पहुंचे तो हमें देख उन लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी फायरिंग में वो घायल हुआ और अस्पताल में उसकी मौत हो गई."

दाऊद गैंग में कैसे शामिल हुआ

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने आगे बताया, "कालिया के दाऊद गैंग में आने की कहानी बहुत दिलचस्प है. ये पहले गवली गैंग में था. उस समय माहौल ये था कि अगर गवली को किसी की सुपारी मिलती थी तो अपने शूटर्स की एक मीटिंग बुलाता था और पूछता कि कौन सुपारी लेगा? तब एक साथ पांच-छह हाथ उठते थे. सादिक कालिया को कभी भी गवली मौका नहीं देता था. कालिया इससे बहुत निराश था. उसका एक बहनोई था. शायद इफ्तेकार नाम था. वो भी गवली गैंग में था. उसने अपने बहनोई से कहा कि इस गैंग में तो मुझे आगे आने का मौका ही नहीं मिल रहा है. मुझे दाऊद-शकील गैंग से मिलवा दो. मुझे वहां उनके लिए काम करना है. इफ्तेकार ने कहा कि मैं कैसे करा सकता हूं. मैं तो खुद गवली गैंग में हूं. तो कालिया ने इस्माइल मलबारी से संपर्क किया. उसके जरिए कालिया छोटा शकील गैंग से जुड़ गया. छोटा शकील उस समय दाऊद का सेकेंड मैन था और आज भी है. फिलहाल वो लोग पाकिस्तान में हैं."

कालिया की खौफनाक परीक्षा

प्रदीप शर्मा ने बताया, "छोटा शकील ने कालिया से पहली ही मुलाकात में पूछा कि तू तो गवली गैंग में है. गवली ने तूझे प्लांट तो नहीं किया हमारी गैंग में. तूझे हमारा भरोसा जीतना पड़ेगा.  इस पर कालिया ने कहा कि ठीक है आप हथियार दो और बताओ किसे मारना है. शकील ने कहा कि हथियार से कोई भी मार देगा. तू चौपर (अंडरवर्ल्ड की भाषा में पत्रा) से मार. कालिया तैयार हो गया. इस पर शकील ने कहा कि तूझे अपने बहनोई को मारना है. क्योंकि वो भी गवली गैंग में है. तू मार के दिखा तो हमें लगेगा कि तू प्लांटेड नहीं है. फिर कालिया ने अग्निपाड़ा एरिया में रात को आठ बजे अपने बहनोई को बुलाया और उसको चौपर से काट दिया. फिर घर में जाकर अपनी बहन को बताया कि मैंने बहनोई को मार दिया. आई एम वेरी सॉरी और फिर घर छोड़ कर चला गया."

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