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9 महीने में 6 विदेशी दौरों में सुरक्षा प्रोटोकाल का उल्‍लंघन... राहुल गांधी को लेकर CRPF का खरगे को पत्र

सूत्रों के मुताबिक, 10 सितंबर को लिखी गई इस चिट्ठी में कहा गया है कि राहुल गांधी बिना पूर्व सूचना के विदेश चले जाते हैं, जो उनकी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है.

9 महीने में 6 विदेशी दौरों में सुरक्षा प्रोटोकाल का उल्‍लंघन...  राहुल गांधी को लेकर CRPF का खरगे को पत्र
  • CRPF ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है
  • राहुल गांधी बिना पूर्व सूचना के विदेश यात्रा करते हैं, जिससे उनकी सुरक्षा में गंभीर खतरा
  • राहुल गांधी को जेड प्लस सुरक्षा कवर CRPF द्वारा प्रदान किया जाता है
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नई दिल्ली:

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र लिखकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर चिंता जताई है. नेता प्रतिपक्ष के सुरक्षा प्रोटोकॉल उल्लंघन पर चिंता जताते हुए यह पत्र सीआरपीएफ के वीवीआईपी सुरक्षा प्रमुख सुनील जून ने लिखा है. उन्‍होंने 10 सितंबर को लिखे पत्र में राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन न करने और कई मौकों पर उनका उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि रायबरेली के सांसद वीवीआईपी प्रोफाइल वाले एक राजनीतिक व्यक्ति होने के बावजूद अपनी सुरक्षा को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

यह घटनाक्रम राहुल गांधी के रायबरेली दौरे के दौरान सुरक्षा उल्लंघन के बाद सामने आया है, जहां से वे लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.

विदेश दौरे की पहले नहीं दी जाती सूचना: जून 

सीआरपीएफ प्रमुख ने राहुल गांधी के लगातार विदेश दौरों पर भी चिंता जताई, जिनकी जानकारी उनकी सुरक्षा टीम को पहले से नहीं दी जाती है. 

पत्र में कथित तौर पर कहा गया है, "पिछले 9 महीनों में राहुल ने 6 विदेशी दौरों के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया. ये सभी 6 विदेशी दौरे सुरक्षा एजेंसी को सूचित किए बिना किए गए, जिससे सुरक्षा एजेंसी को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा."

विदेश दौरे से 15 दिन पहले करना होता है सूचित

गौरतलब है कि राहुल गांधी वीवीआईपी श्रेणी में आते हैं और उन्हें Z+ सुरक्षा कवर प्राप्त है. सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार, Z+ ASL सुरक्षा प्राप्त उनके जैसे वीवीआईपी व्यक्तियों को विदेश दौरे से 15 दिन पहले अपनी सुरक्षा एजेंसी को सूचित करना होता है, लेकिन कांग्रेस नेता सुरक्षा टीम को सूचित और अपडेट करने में सफल रहे हैं.

जब भी राहुल गांधी कहीं जाते हैं, लगभग 10-12 सशस्त्र सीआरपीएफ कमांडो उन्हें सुरक्षा प्रदान करते हैं. उन्नत सुरक्षा संपर्क (एएसएल) के एक भाग के रूप में बल गांधी द्वारा दौरा किए जाने वाले स्थानों का प्रारंभिक निरीक्षण करता है.

राहुल गांधी की हालिया मलेशिया यात्रा का भाजपा ने 'उपराष्ट्रपति चुनावों के बीच छुट्टियों की यात्रा' कहकर मज़ाक उड़ाया था, जबकि तस्वीरों में उन्हें बिना किसी सुरक्षा के विदेशी धरती पर घूमते हुए भी दिखाया गया था.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया था विरोध 

कांग्रेस सांसद को बुधवार को अपने दौरे के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया और 'राहुल गांधी, वापस जाओ' के नारे लगाए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन राहुल का काफिला करीब 15 मिनट तक राजमार्ग पर फंसा रहा. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस हुई और पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के बाद ही राहुल का काफिला आगे बढ़ सका.

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