राहुल गांधी ने जीएसटी को लेकर दिया बयान
नई दिल्ली:
जीएसटी आज आधी रात को लॉन्च हो जाएगा. इसके लिए संसद भवन में व्यापक तैयारियां की गई हैं. इन्हीं सबके बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जीएसटी में बहुत संभावनाएं हैं लेकिन अपना प्रचार करने के लिए इसे आधे अधूरे स्वरूप में जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है. नोटबंदी की तरह ही जीएसटी को एक अक्षम और असंवेदनशील सरकार द्वारा संस्थागत तैयारी के बगैर लागू किया जा रहा है. भारत में ऐसे जीएसटी को लाए जाने की जरूरत है जो करोड़ों नागरिकों, छोटे व्यवसायियों और कारोबारियों को इतनी चिंता में नहीं डालें.
इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से ऐतिहासिक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इस गरिमामय कार्यक्रम की आभा को 'आछे कारणों' से नहीं बिगाड़ा जाना चाहिए. सूचना प्रसारण, शहरी विकास और आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री नायडू ने दावा किया कि कांग्रेस इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही है कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं और इसीलिए वह संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम का विरोध कर रही है. हालांकि उन्होंने कांग्रेस से समारोह के समारोह के बहिष्कार के निर्णय पर पुनवर्चिार का अनुरोध किया.
एक चैनल से नायडू ने कहा, कांग्रेस इसका विरोध महज इसलिए कर रही है, क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीन मंत्र रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांस्फॉर्म को सफल होता नहीं देखना चाहते क्योंकि यह उनकी राजनीतिक है. नायडू के मुताबिक जब विपक्ष समेत देश के सभी राजनीतिक दल जीएसटी मसौदे पर एकमत है, ऐसे में उनका विरोधो सिर्फ यह दिखाता है कि वह प्रधानमंत्री के साथ खड़े होने में हिचक रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि देश का सबसे बड़ा कर सुधार, गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी या वस्तु एवं सेवा कर, शुक्रवार की मध्यरात्रि (यानी शनिवार, 1 जुलाई, 2017) को संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया जाएगा. आज़ादी के बाद से यह चौथा मौका होगा, जब सेंट्रल हॉल में आधी रात को कोई समारोह आयोजित होगा. पिछले तीनों कार्यक्रम देश की आज़ादी से जुड़े हैं, और यह भी एक कारण है कि कांग्रेस ने शुक्रवार रात के कार्यक्रम के बहिष्कार का ऐलान किया है. कई अन्य विपक्षी दल भी कार्यक्रम से दूर रहने वाले हैं. माना जा रहा है कि कई अप्रत्यक्ष करों का स्थान लेने जा रहे जीएसटी से 20 खरब अमेरिकी डॉलर की हमारी अर्थव्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी. (इनपुट्स भाषा से भी)
इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से ऐतिहासिक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इस गरिमामय कार्यक्रम की आभा को 'आछे कारणों' से नहीं बिगाड़ा जाना चाहिए. सूचना प्रसारण, शहरी विकास और आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री नायडू ने दावा किया कि कांग्रेस इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही है कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं और इसीलिए वह संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम का विरोध कर रही है. हालांकि उन्होंने कांग्रेस से समारोह के समारोह के बहिष्कार के निर्णय पर पुनवर्चिार का अनुरोध किया.
एक चैनल से नायडू ने कहा, कांग्रेस इसका विरोध महज इसलिए कर रही है, क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीन मंत्र रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांस्फॉर्म को सफल होता नहीं देखना चाहते क्योंकि यह उनकी राजनीतिक है. नायडू के मुताबिक जब विपक्ष समेत देश के सभी राजनीतिक दल जीएसटी मसौदे पर एकमत है, ऐसे में उनका विरोधो सिर्फ यह दिखाता है कि वह प्रधानमंत्री के साथ खड़े होने में हिचक रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि देश का सबसे बड़ा कर सुधार, गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी या वस्तु एवं सेवा कर, शुक्रवार की मध्यरात्रि (यानी शनिवार, 1 जुलाई, 2017) को संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया जाएगा. आज़ादी के बाद से यह चौथा मौका होगा, जब सेंट्रल हॉल में आधी रात को कोई समारोह आयोजित होगा. पिछले तीनों कार्यक्रम देश की आज़ादी से जुड़े हैं, और यह भी एक कारण है कि कांग्रेस ने शुक्रवार रात के कार्यक्रम के बहिष्कार का ऐलान किया है. कई अन्य विपक्षी दल भी कार्यक्रम से दूर रहने वाले हैं. माना जा रहा है कि कई अप्रत्यक्ष करों का स्थान लेने जा रहे जीएसटी से 20 खरब अमेरिकी डॉलर की हमारी अर्थव्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी. (इनपुट्स भाषा से भी)
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