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आर वेंकटरमणी दो साल के लिए फिर से भारत के अटॉर्नी जनरल नियुक्त

आर वेंकटरमणी को अगले दो साल के लिए फिर से भारत का अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया है. उनकी पुनर्नियुक्ति एक अक्टूबर से प्रभावी होगी. 75 साल के वेंकटरमणी ने 30 सितंबर 2022 को के वेणुगोपाल का स्थान लेते हुए अटॉर्नी जनरल का पद संभाला था.

आर वेंकटरमणी दो साल के लिए फिर से भारत के अटॉर्नी जनरल नियुक्त
  • वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमणी को दो साल के लिए फिर से भारत का अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया है.
  • उनकी पुनर्नियुक्ति एक अक्टूबर से प्रभावी होगी. उनका वर्तमान कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है.
  • अटॉर्नी जनरल एक संवैधानिक पद है, जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति केंद्र सरकार की सिफारिश पर करते हैं.
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नई दिल्‍ली :

वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमणी को शुक्रवार को अगले दो साल के लिए फिर से भारत का अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया है. देश के शीर्ष विधि अधिकारी के रूप में उनकी पुनर्नियुक्ति एक अक्टूबर से प्रभावी होगी. उनका वर्तमान तीन साल का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है. 75 साल के वेंकटरमणी ने 30 सितंबर 2022 को के वेणुगोपाल का स्थान लेते हुए अटॉर्नी जनरल का पद संभाला था. अटॉर्नी जनरल एक संवैधानिक पद है, जिसकी नियुक्ति केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. 

अधिसूचना में कहा गया, "राष्ट्रपति वरिष्ठ अधिवक्ता श्री आर वेंकटरमणी को 01.10.2025 से दो साल की अतिरिक्त अवधि के लिए भारत का अटॉर्नी जनरल पुनः नियुक्त करती हैं."

अटॉर्नी जनरल को देश की किसी भी अदालत में पेश होने का अधिकार प्राप्त है. सरकारी मुकदमों को निपटाने के साथ ही अटॉर्नी जनरल जटिल कानूनी मुद्दों पर सरकार को सलाह भी देते हैं. 

दशकों तक सुप्रीम कोर्ट में की वकालत

13 अप्रैल 1950 को पुडुचेरी में जन्मे वेंकटरमणी दशकों तक सर्वोच्च न्यायालय में वकालत करते रहे. उन्होंने कानून की विभिन्न शाखाओं विशेष रूप से संवैधानिक कानून, अप्रत्यक्ष कर कानून, मानवाधिकार कानून, दीवानी और फौजदारी कानून, उपभोक्ता कानून के साथ ही सेवाओं से संबंधित कानूनों में वकालत की है. 

इसके साथ ही वेंकटरमणी ने सर्वोच्च न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों में केंद्र, कई राज्य सरकारों, विश्वविद्यालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रमुख मुकदमों में उनका प्रतिनिधित्व किया है. 

विधि आयोग के सदस्‍य भी रहे वेंकटरमणी 

वेंकटरमणनी जुलाई 1977 में तमिलनाडु बार काउंसिल में शामिल हुए और 1979 में सर्वोच्च न्यायालय चले गए. उन्हें 1997 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था. वे 2010 में विधि आयोग के सदस्य भी रहे. 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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