- जमशेदपुर में सर्दियों के मौसम में पहाड़ियों की तलहटी में पारंपरिक खजूर गुड़ बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
- कारीगर सुबह-सुबह खजूर के पेड़ों से ताजा रस निकालकर उसे धीमी आंच पर घंटों पकाकर गुड़ तैयार करते हैं.
- यह गुड़ अपनी शुद्धता और स्वाद के कारण झारखंड के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में भी लोकप्रिय है.
झारखंड के जमशेदपुर में सर्दी की दस्तक के साथ ही दलमा पहाड़ियों की तलहटी में शुद्ध खजूर का गुड़ बनाने की सदियों पुरानी पारंपरिक प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह खास, सेहतमंद और स्वादिष्ट गुड़ तैयार करने के लिए, कारीगर खजूर के पेड़ों से सुबह-सुबह ताजा रस (नीरा) निकालते हैं. फिर इस रस को प्राकृतिक और धीमी आंच पर घंटों तक पकाकर गाढ़ा किया जाता है.
इस प्रक्रिया से बना यह गुड़ अपनी शुद्धता और बेहतरीन स्वाद के लिए जाना जाता है. यही कारण है कि इसकी मांग न केवल पूरे झारखंड में है, बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी यह खूब पसंद किया जाता है.
VIDEO | Jamshedpur, Jharkhand: With the onset of winter, the traditional process of making pure date palm jaggery has begun in the foothills of the Dalma Hills.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 16, 2025
(Full video available on PTI Videos- https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/zuh1dfEEC5
फिल्म 'सौदागर' में मीठा गुड़ की क्या कहानी है?
फिल्म 'सौदागर' में अमिताभ बच्चन का किरदार मोतीलाल, जो मीठा गुड़ बेचता था, वह वास्तव में खजूर के पेड़ के रस (ताड़ी/पाम जूस) से बना होता था. यह गुड़ बहुत स्वादिष्ट होता था और इसी गुड़ की बिक्री और उसके निर्माण की प्रक्रिया कहानी का एक अहम हिस्सा थी. मोतीलाल ने गुड़ बनाने में माहिर मंजुबी से सिर्फ इसलिए शादी की, ताकि वह उसके हाथों से बने उत्तम गुड़ को बेचकर पर्याप्त पैसा जमा कर सके और अपनी पहली प्रेमिका फूलबानों से शादी कर सके. इस योजना के तहत, पैसा जुटाने के बाद वह मंजुबी को छोड़ देता है. फिल्म में आगे चलकर, मोतीलाल को अपने धोखे और लालच का गहरा पश्चाताप होता है.
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