राजधानी दिल्ली और आसपास के राज्यों में पराली जलाने की घटना के बाद होने वाले प्रदूषण (Pollution) की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली और पंजाब सरकार (Punjab Government) की तरफ से तैयारी शुरू कर दी गई है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पड़ोसी राज्यों के मंत्रियों के साथ बैठक कर पराली जलाने की घटना पर रोक लगाने का मुद्दा उठाया है. वहीं पंजाब सरकार का कृषि विभाग पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए फसल कटाई के आगामी मौसम में राज्यभर में 24 हजार फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीन मुहैया करवाने की योजना पर काम कर रहा है.
गोपाल राय ने लिखा पत्र
पराली जलाने की घटना रोकने के लिए प्लान बनाने की मांग करते हुए दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार में पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और क़ृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है. पत्र में गोपाल राय ने लिखा '3 अगस्त को NCR राज्यों के सम्बंधित मंत्रियों के साथ बैठक की थी लेकिन फिर भी पराली जलाने की घटना शुरू हो गयी. इसलिए सभी सम्बंधित राज्यों के साथ बैठक करने की आवश्यकता है, इसलिए शीघ्र बैठक बुलाए ताकि प्लान बनाकर पराली जलाने की घटना पर रोक लग सके'. गोपाल राय ने पत्र में लिखा है कि अगर NCR के राज्यों में पराली जलाने की घटना पर रोक नहीं लगेगी, तो दिल्ली सरकार द्वारा विंटर एक्शन प्लान के तहत उठाए कदम प्रभाव शाली नहीं रहेंगे.
पंजाब सरकार सीआरएम मशीनरी पर देगी सब्सिडी
इधर पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने बुधवार को कहा कि विभाग को सीआरएम मशीनरी पर सब्सिडी हासिल करने के लिए अब तक किसानों के 1,58,394 आवेदन मिले हैं. उन्होंने कहा कि विभाग इन-सिटू प्रबंधन के तहत (फसल अवशेष को खेत में ही मिलाने) सुपर एसएमस, हैपी सीडर, धान की पराली को काटने वाला ‘चॉपर', ‘मल्चर', ‘स्मार्ट सीडर', ‘जीरो टिल ड्रिल', ‘सर्फेस सीडर', ‘सुपर सीडर', ‘क्राप रीपर', ‘श्रब मास्टर' उपलब्ध कराएगा, जबकि धान के अवशेष के एक्स-सीटू प्रबंधन (पराली का ईंधन के रूप में इस्तेमाल) के तहत ‘बालर' और ‘स्ट्रा रेक' उपलब्ध कराएगा.
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष राज्य पराली जलाने के मामलों को 30 प्रतिशत तक कम करने में सक्षम रहा.
विभाग ने 2023 के खरीफ मौसम में सब्सिडी युक्त सीआरएम उपलब्ध कराने के लिए 350 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की है. सब्सिडी के लिए आवेदन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से मांगे गये हैं ताकि पारदर्शिता को सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व्यक्तिगत किसानों को सीआरएम मशीन खरीदने के लिए 50 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है, लेकिन कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना के लिए सीआरएम मशीनों की खरीद पर 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है.
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