आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में नई जान फूंकने के लिए (Resurrect the Congress in UP) प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) अपना बेस कैंप (Base Camp) दिल्ली से लखनऊ (Delhi to Lucknow) शिफ्ट करने की योजना बना रही है. सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में उनके सरकारी बंगले को खाली करने के मिले नोटिस ने उनकी इस योजना को गति दी है. बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को सुरक्षा कारणों से 1997 में उन्हें आवंटित बंगले को 1 अगस्त तक खाली करने का नोटिस दिया गया था. इस नोटिस में कहा गया है कि आवंटन रद्द हो गया है क्योंकि वह अब स्पेशल प्रोजेक्शन ग्रुप प्रोटेक्टी (SPG protectee) नहीं है. इसके साथ ही उन्हें 3.26 लाख रुपये का बकाया भुगतान करने के लिए भी कहा गया था, जो उन्होंने तुरंत ऑनलाइन कर दिया था. सरकारी बंगला खाली करने के मिले नोटिस को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी. पार्टी ने सरकार के इस कदम को कांग्रेस के नेतृत्व के प्रति "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गहरी नफरत और प्रतिशोध" बताया था.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी की इस साल की शुरुआत में 'बेस' शिफ्ट करने की योजना कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण अमल में नहीं लाई जा सकी थी. उनकी बेटी मिराया की इस साल बोर्ड की परीक्षाएं हैं और वह इंतजार कर रही हैं कि वे स्थानांतरित होने से पहले खत्म हो जाएं. कांग्रेस नेता ने लखनऊ में एक घर को अपने लिए फाइनल किया है. यह वह घर है जो कांग्रेस नेता शीला कौल का था जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आंटी थीं. सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी ने विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के लिए उस घर को यूपी में अपने आधार के रूप में इस्तेमाल करने का फैसला किया है. गौरतलब है कि पहले से ही कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने एक ट्वीट में सुझाव दिया है कि कांग्रेस को 2022 के यूपी चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश करना चाहिए. इसके साथ ही प्रियंका को अपना बेस लखनऊ में शिफ्ट करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करना चाहिए.
The path for a national revival of the @INCIndia is via Uttar Pradesh. The clearest statement of intent will be to declare @priyankagandhi as the Chief Ministerial candidate of the Congress in UP. PGV must be primarily based in Lucknow and lead the charge.
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) July 2, 2020
कांग्रेस के एक नेता ने कहा, 'शिफ्ट करने का फैसला पहले लिया गया था. प्रियंका गांधी वाड्रा लखनऊ से काम कर रही थीं. वे अपने को मुख्य भूमिका में रखकर नेतृत्व कर रहीी हैं.,राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में प्रदर्शन में भी वे शामिल हुई थीं.' बेस शिफ्ट करने की योजना प्रियंका गांधी को उसी लखनऊ शहर में ले जाएगी, जहां वह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पिछले कुछ माह से प्रवासी मजदूर संकट, शिक्षक घोटाले और बेरोजगारी सहित कई मुद्दों पर निशाना साधती रही हैं. नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद लखनऊ में प्रियंका की आखिरी यात्रा दिसंबर 2019 में हुई थी. उस समय शहर की पुलिस के साथ उनका आमना-सामना हुआ था. उस समय उन्होंने पुलिसकर्मियों पर गर्दन दबाने और धकेलने का आरोप लगाया था. अपना बेस लखनऊ शिफ्ट करने की प्रियंका की योजना का फायदा राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी होगा. यूपी की अपनी यात्रा के दौरान ये दोनों भी इसे 'घर' के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे.
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