- सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून खत्म कर नया रोजगार कानून लाने की तैयारी कर रही है
- नया कानून विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) के नाम से जाना जाएगा
- प्रियंका गांधी ने संसद में कहा कि नए बिल में रोजगार की कानूनी गारंटी कमजोर की जा रही है
केंद्र सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को खत्म कर उसकी जगह नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने की तैयारी में है. नये कानून विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण), जिसे शॉर्ट में VB-G RAM G कहा जा रहा है. हालांकि विपक्ष की तरफ से इसे महात्मा गांधी के नाम को हटाए जाने की योजना बतायी जा रही है. इस मुद्दे पर मंगलवार को संसद में अपनी बात रखते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी जी मेरे परिवार के नहीं थे लेकिन मेरे परिवार जैसे ही हैं. वो पूरे देश के लिए परिवार जैसे ही हैं.
लोकसभा में पेश किया गया जी राम जी बिल, नाम बदलने का विरोध कर रहा है विपक्ष, प्रियंका ने कहा, "संविधान की मूल भावना का उल्लंघन"#ParliamentWinterSession pic.twitter.com/fzfyttW8OV
— NDTV India (@ndtvindia) December 16, 2025
प्रियंका गांधी ने कहा कि बिल में रोजगार की कानूनी गारंटी कमजोर की जा रही है. मनरेगा पर फंड मांग पर आधारित होती है जबकि नए क़ानून में यह पूर्व निर्धारित होगा. उन्होंने कहा कि बिल संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ है. मनरेगा में 90 फ़ीसदी अनुदान केंद्र देता था जो घट कर 60 फ़ीसदी कर दिया गया है इससे राज्यों की परेशानी बढ़ गयी है.
प्रियंका गांधी ने कहा कि काम के दिन बढ़ा रहे लेकिन मेहनताना नहीं बढ़ रहा है. योजना का नाम बदलने की सनक समझ में नहीं आती, इससे खर्च बढ़ता है. बिल वापस लिया जाए, स्थाई समिति में भेजा जाए.
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