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प्रियंका गांधी के लिए वायनाड से चुनावी सफर होगा आसान या मिलेगी टक्कर?

Priyanka Gandhi Election: प्रियंका गांधी पहली बार चुनावी समर में उतरने जा रही हैं. कांग्रेस ने इसका ऐलान किया तो अब वायनाड सीट एक बार फिर हाई प्रोफाइल हो गई है. भाजपा और सीपीआई अब किसे उतारेंगे...जानिए...

प्रियंका गांधी के लिए वायनाड से चुनावी सफर होगा आसान या मिलेगी टक्कर?
Wayanad By Election 2024: वायनाड उपचुनाव पर अब देश और दुनिया की नजर रहेगी.

Priyanka Gandhi Will Contest Election: वायनाड लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव (Wayanad By-Election) का ऐलान हो चुका है और लगे हाथ कांग्रेस (Congress) पार्टी ने भी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के नाम की घोषणा कर दी है..राहुल गांधी (Rahul Gandhi) 2024 का लोकसभा चुनाव दो जगहों से लड़े थे. पहले वायनाड में चुनाव हुआ, फिर उन्होंने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की परंपरागत सीट रायबरेली से भी लड़ने का फ़ैसला किया और गांधी परिवार की एक और परंपरागत सीट अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को मैदान में उतारा गया.कांग्रेस ने वायनाड,रायबरेली और अमेठी तीनों सीटें जीत लीं.राहुल गांधी को एक सीट छोड़ने की बात हुई तो वे वायनाड पहुंचे और वहां की जनता का धन्यवाद किया और यह भी कहा कि यहां से कोई गांधी ही चुनाव लड़ेगा..सबको पता था कि प्रियंका गांधी ही यहां से उम्मीदवार होंगी...

क्या राहुल का रिकॉर्ड तोड़ेंगी?

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अब जब प्रियंका के नाम की घोषणा हो चुकी है तो सब यह चर्चा कर रहे हैं कि क्या प्रियंका गांधी के जीत का अंतर राहुल से अधिक होगा ? 2019 में राहुल गांधी को 65 फ़ीसदी वोट मिले थे और उन्होंने ये सीट 4 लाख 31 हज़ार वोटों से जीता था. जबकि 2024 की लोकसभा में राहुल गांधी को 60 फ़ीसदी वोट मिले थे और उनकी जीत का अंतर 3 लाख 64 हज़ार वोटों का था.अब देखना है कि प्रियंका की जीत कितने वोटों से होती है? 

इंदिरा, सोनिया भी गईं थीं

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वैसे गांधी परिवार का दक्षिण से चुनाव लड़ना कोई नया नहीं है.इमरजेंसी के बाद 1978 के उपचुनाव के लिए जब इंदिरा गांधी को चुनाव लड़ना था तो उन्होंने कर्नाटक के चिकमंगलूर को चुना था. तब एक नारा बहुत प्रचलित हुआ था, "एक शेरनी सौ लंगूर ,चिकमंगलूर चिकमंगलूर". इंदिरा गांधी चिकमंगलूर से भारी मतों से जीतीं थीं और वहीं से उनकी फिर से भारतीय राजनीति में वापसी हुई.उसके बाद 1999 में सोनिया गांधी कर्नाटक के बेल्लारी से चुनाव लड़ीं और बीजेपी के सुषमा स्वराज को हराया. ये चुनाव भी सोनिया गांधी के राजनीतिक भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण था, क्योंकि ये चुनाव सुषमा स्वराज ने उनके विदेशी मूल के व्यक्ति के प्रधानमंत्री बनने के मुद्दे पर लड़ा गया था. हालांकि सोनिया गांधी ने बेल्लारी छोड़कर अमेठी को चुना. 

स्मृति से तो नहीं होगा मुकाबला?

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फिर 2019 में राहुल गांधी ने अमेठी के साथ साथ वायनाड को भी चुना .राहुल अमेठी में स्मृति ईरानी से हार गए, मगर वायनाड जीत गए.फिर 2024 में राहुल वायनाड और रायबरेली दोनों जगह से जीते और रायबरेली को रखा. अब वायनाड से प्रियंका चुनाव लड़ेंगी तो सबसे बड़ा सवाल है कि बीजेपी किसको मैदान में उनके ख़िलाफ़ उतारती है? क्योंकि 2024 में बीजेपी को एक लाख 41 हज़ार ही वोट मिले थे और सीपीआई की ऐनी राजा को 2 लाख 74 हज़ार वोट मिले थे. क्या इस बार भी सीपीआई किसी महिला उम्मीदवार, जैसे ऐनी राजा को ही टिकट देती है या कोई नया उम्मीदवार उतारेगी? उधर सबकी निगाहें बीजेपी पर होंगी की क्या वो किसी बड़े चेहरे को वायनाड में लाती है? क्या स्मृति ईरानी को बीजेपी यहां लड़ा सकती है? वरना वायनाड का यह उपचुनाव प्रियंका गांधी के चुनावी राजनीति में प्रवेश करने के लिए जाना जाएगा. साथ में इसके लिए भी कि क्या वो राहुल गांधी के जीत के अंतर को पार कर एक बड़ी जीत दर्ज कर पाती हैं या नहीं.

वायनाड सीट से प्रियंका गांधी लड़ेंगी चुनाव, जानिए कांग्रेस ने इस समय ये फैसला क्यों किया

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