
- प्रधानमंत्री मोदी की प्रमुख पहल ‘परीक्षा पे चर्चा’ (पीपीसी), को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया है.
- 'परीक्षा पे चर्चा' को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा माईगव के सहयोग से 2018 से आयोजित किया जा रहा है.
- गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का आधिकारिक प्रमाण पत्र नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल "परीक्षा पे चर्चा" ('Pariksha Pe Charcha') को "एक महीने में नागरिक सहभागिता मंच पर सबसे अधिक लोगों के पंजीकरण" के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान MyGov प्लेटफार्म पर आयोजित "परीक्षा पे चर्चा" कार्यक्रम के 8वें संस्करण के दौरान हुए 3.53 करोड़ पंजीकरणों की वजह से दिया गया है.
सोमवार को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में आधिकारिक गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रमाणपत्र औपचारिक रूप से प्रदान किया गया. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के आधिकारिक निर्णायक (official adjudicator of Guinness World Records) ऋषि नाथ ने इस रिकॉर्ड की घोषणा की. कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद मौजूद थे.
"परीक्षा पे चर्चा" कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय द्वारा MyGov के सहयोग से 2018 से आयोजित किया जा रहा है. ये प्रधानमंत्री मोदी द्वारा परिकल्पित और संचालित एक वैश्विक मंच है जिसपर वो खुद छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से सीधे संवाद करते हैं. शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, "परीक्षा पे चर्चा" कार्यक्रम के 8वें संस्करण (8th edition) को 21 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने देखा.
भारत सरकार की नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 (NEP 2020) में तनाव-मुक्त और joyful learning पर ज़ोर दिया गया है. यह छात्रों को किसी विषय को रटकर सीखने की जगह experiential learning पर आधारित महत्वपूर्ण संज्ञानात्मक कौशल (cognitive skills) विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करती है.
साल में शुरू हुआ था "परीक्षा पे चर्चा"
पहली बार "परीक्षा पे चर्चा" का आयोजन 16 फरवरी, 2018 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में किया गया. इस कार्यक्रम में स्कूलों और कॉलेजों के 2500 से ज़्यादा छात्र शामिल हुए थे और देशभर के 8.5 करोड़ से ज़्यादा छात्रों ने डीडी/टीवी चैनलों/रेडियो चैनलों पर इस कार्यक्रम को देखा या सुना था. इस पहले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने समग्र विकास, दृढ़ता और परीक्षा के दौरान संतुलन बनाए रखने के महत्व पर ज़ोर दिया था. शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस कार्यक्रम की सफलता ने भविष्य के कार्यक्रमों के लिए एक नई दिशा तय की..
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