Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कर्नाटक विधानसभा में अश्लील तस्वीरें देखे जाने के मामले में जांच कर रही विधानसभा की समिति ने एक पूर्व मंत्री को दोषी पाया है और उनकी ‘निंदा’ की सिफारिश की है जबकि दो अन्य को क्लीन चिट दे दी।
समिति ने सदन में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगाने का भी प्रस्ताव दिया है।
भाजपा विधायक श्रीशैलप्पा वी बिदारूर की अगुवाई वाली समिति ने सदन के पटल पर रखी गई रिपोर्ट में कहा कि इस बात के प्रथम दृष्टया सबूत हैं कि पूर्व मंत्री लक्ष्मण सावदी ने मोबाइल फोन पर अश्लील वीडियो देखा था जो उनका नहीं था।
समिति ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि यह ‘गैरइरादतन’ था।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘इस बात के कोई सबूत नहीं है कि पूर्व मंत्री सीसी पाटिल ने मोबाइल पर अश्लील वीडियो देखा था और कृष्णा पालेमर इसे मुहैया कराने के लिए जिम्मेदार थे।’ समिति ने कहा कि सावदी ने मोबाइल फोन पर जो वीडियो दिखा, उसमें और उनके पास के एक पेन ड्राइव में रखे क्लिप में समानता थी।
समिति के मुताबिक, हालांकि जब मोबाइल फोन को ऑन किया गया सदस्य सरकार के एक आदेश को भी पढ़ रहे थे और अश्लील वीडियो को देखे जाने की गतिविधि को इरादतन नहीं माना जा सकता।