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This Article is From Jul 01, 2014

खराब मानसून का पश्चिम भारत पर सबसे बुरा असर होने के आसार : सरकार

खराब मानसून का पश्चिम भारत पर सबसे बुरा असर होने के आसार : सरकार
नई दिल्ली:

कृषिमंत्री राधा मोहन सिंह ने आज कहा कि इस साल सामान्य से कम मानसून रहने का सबसे बुरा असर पश्चिमी भारत में होने के आसार हैं। इस क्षेत्र में कुछ जगह सूखे जैसी स्थिति भी पैदा हो सकती है।

बारिश के अभाव के मुद्दे पर महाराष्ट्र के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद सिंह ने कहा, 'मानूसन में देर हुई है। पश्चिमी भारत पर सबसे गंभीर असर पड़ने के आसार हैं और उस क्षेत्र में कुछ जगह सूखे जैसी स्थिति बन सकती है।' उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में विदर्भ जैसे सूखा प्रवण क्षेत्रों के लिए राज्य सरकारों के साथ अलग से एक आपदा योजना तैयार की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पेय जल और चारों की कोई कमी न हो।

उन्होंने कहा, 'विदर्भ क्षेत्र सूखा प्रवण है। किसानों की मदद के लिए हम हर संभव उपाय के बारे में सोचेंगे ताकि वे फसल के बर्बाद होने के कारण आत्महत्या करने को विवश न हों।'

मंत्री ने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार मानसून की स्थिति में 6 जुलाई के बाद सुधार आने की संभावना है। उन्होंने कहा, 'अगर इसमें सुधार होता है, तो खरीफ फसल की बुवाई की क्षति को निश्चित तौर पर पूरा कर लिया जाएगा।' उन्होंने कहा कि अगर कोई राज्य सरकार किसी इलाके में सूखा घोषित करती है तो कृषि मंत्रालय डीजल और बीज सब्सिडी देने के लिए शीघ्र ही एक मंत्रिमंडलीय परिपत्र को आगे प्रेषित करेगा।

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