- बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के विरोध में विपक्षी सांसदों ने संसद में जमकर हंगामा किया.
- लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने तख्तियां लेकर नारेबाजी की, तो राज्यसभा में कई सांसद आसन के पास पहुंच गए.
- बिहार विधानसभा में विपक्षी दलों के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे और वोटर लिस्ट रिवीजन का विरोध किया.
बिहार में वोटर लिस्ट के स्पेशल गहन रिवीजन (एसआईआर) को लेकर मंगलवार को दिल्ली से लेकर बिहार तक संसद और विधानसभा में हंगामा हुआ. लोकसभा और राज्यसभा में तो प्रश्नकाल और शून्यकाल भी नहीं चल सके. हंगामा इतना बढ़ा कि कार्यवाही बुधवार तक स्थगित करनी पड़ी. उधर, बिहार में एसआईआर के विरोध में विपक्षी दलों के विधायक काले कपड़े पहनकर विधानसभा पहुंचे और सदन में हंगामा किया.
लोकसभा में तख्तियां लेकर प्रदर्शन
लोकसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य बिहार में विशेष मतदाता पुनरीक्षण को लेकर नारेबाजी करने लगे. कांग्रेस, सपा, डीएमके और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आप हंगामा करने के लिए तख्तियां लेकर आए हैं, यह सदन की परंपरा के अनुकूल नहीं है. आप लोग सदन चलने दीजिए. आज प्रश्नकाल में देश के किसानों के मुद्दे पर चर्चा होनी है. लगता है कि आप प्रश्नकाल नहीं चलाना चाहते, किसानों के मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहते.
अध्यक्ष के बार-बार अनुरोध के बावजूद हंगामा नहीं रुका तो सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई. उसके बाद 12 बजे जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष के सदस्य फिर से नारेबाजी करने लगे. कांग्रेस, सपा, टीएमसी, डीएमके और आरजेडी जैसे दलों के सांसद तो वेल में आकर नारे लगाने लगे. कुछ सदस्य तख्तियां लहरा रहे थे, जिन पर मतदाता सूची रिवीजन के विरोध में नारे लिखे थे.
सरकार चर्चा को तैयार, पर विपक्षी सांसद नही!
पीठासीन अध्यक्ष जगदंबिका पाल विपक्षी सदस्यों से आग्रह करते रहे कि आप अपनी सीट पर चले जाइए. यहां प्लेकार्ड मत दिखाइए. यह सदन की गरिमा और मर्यादा को ठेस पहुंचाता है. अगर आप चर्चा चाहते हैं तो बीएसी की बैठक में इस मुद्दे को और अन्य मुद्दों को लाइए, वहां निर्णय लिया जाएगा. सरकार सभी विषयों पर चर्चा और जवाब के लिए तैयार है. इसके बावजूद विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा तो कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
विपक्षी सांसदों ने सदन के अंदर ही नहीं, बाहर भी जमकर हंगामा किया. सदन की कार्यवाही से पहले विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद के मकर द्वार के बाहर विशेष मतदाता पुननिरीक्षण के मामले पर जबर्दस्त प्रदर्शन किया. उनका आरोप था कि चुनाव आयोग सत्ता पक्ष के साथ मिलकर यह काम कर रहा है, जो असंवैधानिक है.
राज्यसभा में प्रश्नकाल-शून्यकाल तक नहीं चले
राज्यसभा में हंगामे की वजह से दो बार स्थगन के बाद बैठक दोपहर 2 बजे शुरू हुई. उपसभापति हरिवंश ने पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को समुद्र से माल वहन विधेयक 2025 प्रस्ताव पेश करने को कहा. लेकिन विपक्षी सदस्यों ने एसआईआर सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. कुछ सदस्य आसन के पास आ गए.
उपसभापति ने सदस्यों से अपनी जगह लौट जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की. लेकिन हंगामा न थमते देख उन्होंने बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी. हंगामे के कारण सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल भी नहीं हो पाए.
बिहार में काले कपड़े पहनकर जताया विरोध
बिहार विधानसभा में विपक्षी दलों के विधायक राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में मंगलवार को काले कपड़े पहनकर सदन में पहुंचे और सदन में हंगामा किया. इसके कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
सुबह 11 बजे सदन में आते विधानसभा अध्यक्ष हैरान दिखे. उन्होंने विपक्षी दलों के विधायकों से कहा कि आप सभी बहुत अच्छे लोग हैं. आप काले कपड़े क्यों पहनकर आए हैं? यह अच्छा नहीं लग रहा है. कार्यवाही शुरू होने के आधे घंटे से भी कम समय में विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी क्योंकि विपक्षी दलों के विधायक जमकर हंगामा कर रहे थे. कुछ सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास चले गए. विधायकों के हंगामे से प्रश्नकाल में भी बाधा हो रही थी.
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