भाई की करतूत में कहीं अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम का हाथ न हो, इसी दलील के साथ मुंबई पुलिस ने अदालत में 14 दिन के लिए इकबाल कासकर का पुलिस रिमांड मांगा था, लेकिन अदालत ने सिर्फ दो दिन, यानि 6 फरवरी तक का रिमांड दिया।
वर्ष 2003 में दुबई से प्रत्यर्पित कर लाए गए इकबाल कासकर को जेजे मार्ग पुलिस ने मंगलवार को जबरन उगाही के लिए धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सलीम शेख नाम के एस्टेट एजेंट ने पुलिस में शिकायत की है कि इकबाल कासकर ने उसे अपने घर में बुलाकर तीन लाख रुपये की मांग की, और मना करने पर उसकी पिटाई की।
मंगलवार को पुलिस ने मामले पर सिर्फ रुपये मांगने और मारपीट का मामला दर्ज किया था, लेकिन बुधवार को पुलिस ने मामले में जान से मारने की धमकी और मौत का डर दिखाने जैसी तीन धाराएं और जोड़ दीं।
इकबाल के वकील श्याम केशवानी का कहना है कि जब पुलिस को कुछ नहीं मिलता, वह मामला बड़ा बनाने के लिए डी कंपनी का नाम जोड़ देती है। इस मामले में भी ऐसा ही किया गया है, जबकि आरोपों में कोई दम नहीं है।
पुलिस ने इकबाल के साथ शब्बीर उस्मान शेख को भी गिरफ्तार किया है, जबकि एक और आरोपी की तलाश कर रही है। जानकारों का मानना है कि रिमांड कॉपी में दाऊद का नाम जोड़कर पुलिस एक तीर से दो शिकार करने की कोशिश कर रही है - पहला, जबरन वसूली में अंडरवर्ल्ड लिंक स्थापित होगा, और दूसरा, पाकिस्तान में छिपे दाऊद इब्राहिम पर शिकंजा कसने की कोशिशों को बल मिलेगा।
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