तमिलनाडु में सशक्त जनभावना के मद्देनजर संभव है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम सम्मेलन) में शामिल होने के लिए श्रीलंका न जाएं, लेकिन सम्मेलन के पूर्ण बहिष्कार की आशंका नहीं है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद कर सकते हैं।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री के आवास पर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बैठक में यह राय सामने आई कि इस समय मनमोहन सिंह का श्रीलंका जाना 'कठिन' होगा।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में इस बात का संज्ञान लिया गया कि तमिलनाडु के सभी राजनीतिक दल प्रधानमंत्री की प्रस्तावित श्रीलंका यात्रा के खिलाफ हैं और वहां की विधानसभा में राष्ट्रमंडल सम्मेलन में भारत के भाग लेने के खिलाफ आम सहमति से प्रस्ताव पारित किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास पर कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक की अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की। बैठक में वरिष्ठ मंत्री एके एंटनी, पी चिदंबरम, सुशील कुमार शिंदे और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने हिस्सा लिया। सूत्रों के मुताबिक अंतिम फैसला नहीं किया गया है और सरकार को अपना रुख स्पष्ट करने में एक-दो दिन लग सकते हैं।
सूत्रों ने बताया कि औपचारिक निर्णय जल्दी ही लिया जाएगा और उसकी घोषणा की जाएगी। तमिलनाडु के राजनीतिक दलों एवं अन्य संगठनों ने चोगम बैठक में किसी भी स्तर पर भारत की भागेदारी का विरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि श्रीलंका सरकार ने गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन किया है और उनकी जातीय तमिलों को अधिकार सौंपने की कोई योजना नहीं है।
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