बीजेपी ने सोमवार को चार राज्यों के लिए चुनाव प्रभारी और चुनाव सहप्रभारी नियुक्त किए. ये राज्य हैं हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर. इनमें से तीन राज्य हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में इस साल के अंत तक विधानसभा के चुनाव होने हैं. झारखंड को छोड़कर बाकी के दो राज्यों में बीजेपी की सरकार है. बीजेपी ने जिस तरह से प्रभारी नियुक्त किए हैं, उससे उम्मीद जगी है कि जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव भी इसी साल कराए जा सकते हैं. चुनाव आयोग ने इस साल मार्च में कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा के चुनाव कराए जाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जम्मू कश्मीर दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20-21 जून को जम्मू कश्मीर के दौरे पर जा रहे हैं.वो 21 जून को श्रीनगर में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे.इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को 'योग महोत्सव 2024'के रूप में मनाया जाएगा.इसका विषय 'महिला सशक्तिकरण के लिए योग' रखा गया है. माना जा रहा है कि यह कार्यक्रम श्रीनगर स्थित की शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर के परिसर में आयोजित किया जाए. पीएम मोदी के इस दौरे को भी राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है.
बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है.अभी वहां के लिए किसी सह प्रभारी की नियुक्ति नहीं की गई है.साल 2019 में जम्मू कश्मीर के पुर्नगठन के बाद से बीजेपी राज्य में अपने दम पर सरकार बनाने के लिए प्रयास कर रही है.
जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव
इस महीने पूरे हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की पांच में से दो सीटों पर ही चुनाव लड़ा था. उसे दोनों सीटों पर जीत मिली थी. ये दो सीटें हैं जम्मू और उधमपुर लोकसभा सीट.बीजेपी ने केवल हिंदू बहुल जम्मू और उधमपुर सीट पर ही उम्मीदवार उतारे थे. मुस्लिम बहुल तीन सीटों पर उसने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे.
बाकी की तीन में से दो सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती थी.इस चुनाव में बीजेपी ने 24.36 फीसदी वोट हासिल किए थे. नेशनल कॉन्फ्रेंस को 22.30, कांग्रेस को 19.38 और पीडीपी को 8.48 फीसदी वोट मिले थे.इससे पहले 2019 के चुनाव में जम्मू कश्मीर में लोकसभा की छह सीटे थीं.इनमें से तीन सीटें बीजेपी और तीन नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीती थीं.
जम्मू कश्मीर में बीजेपी का प्रदर्शन
जम्मू कश्मीर में बीजेपी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन 2014 के विधानसभा चुनाव में किया था.उस चुनाव में उसने 87 में से 25 सीटों पर जीत हासिल की थी.इसके बाद बीजेपी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने गठबंधन सरकार बनाई थी. यह सरकार करीब तीन साल तक चली थी.बीजेपी ने गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.इससे महबूबा मुफ्ती की सरकार 19 जून 2018 को गिर गई थी.
जम्मू कश्मीर विधानसभा में कितनी सीटें हैं?
अगस्त 2019 में राज्य का पुनर्गठन किया गया था.इसके बाद संसद ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 को पारित किया था.इसके बाद से जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की 95 हो गई. वहीं विधानसभा की कुल सीटें बढ़कर 119 हो गई हैं. इनमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की 24 सीटें भी शामिल हैं.
प्रदेश में नई विधानसभा के गठन के लिए कश्मीर में 47 और जम्मू में 43 समेत 90 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होंगे. कश्मीरी पंडित समुदाय के दो सदस्य और पाकिस्तानी शरणार्थियों के एक सदस्य को नामांकित किया जाएगा.इनका नामांकन जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल करेंगे.सदन में दो महिलाओं के नामांकन का प्रावधान पहले से ही था.जम्मू कश्मीर में पहली बार नौ सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की गई हैं. अनुसूचित जाति के लिए सात सीटें आरक्षित हैं.बहुमत साबित करने के लिए किसी भी दल को अब 48 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.
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