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'मोदी आ रहा है...' पीएम मोदी ने जब याद दिलाई चुनाव से पहले की अपनी भविष्यवाणी

पीएम मोदी ने मुंबई में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर के साथ ग्लोबल फिनटेक समिट में कहा, "आज की बैठक में हम लोगों ने यूक्रेन और गाजा को लेकर भी चर्चा की. भारत शांति चाहता है. वैश्विक अस्थिरता के दौर में भारत और यूके के संबंध मजबूत हैं."

'मोदी आ रहा है...'  पीएम मोदी ने जब याद दिलाई चुनाव से पहले की अपनी भविष्यवाणी
  • पीएम मोदी ने मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में 2024 के चुनावों का जिक्र करते हुए पिछले कार्यक्रम की याद दिलाई
  • पीएम ने ब्रिटेन के पीएम स्टार्मर के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में वैश्विक शांति, यूक्रेन और गाजा पर चर्चा की
  • पीएम मोदी ने कहा कि भारत शांति चाहता है और वर्तमान वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत-यूके संबंध मजबूत बने हुए हैं
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"पिछली बार मैं इस कार्यक्रम में आया था, तो 2024 के चुनाव बाकी थे. लेकिन उस दिन मैंने कहा था कि मैं अगले कार्यक्रम में आऊंगा. और उस समय आपने सबसे ज्यादा ताली बजाई थी. और उस समय राजनीति शास्त्र के जानकार जो यहां बैठे थे, उन्होंने मान लिया था कि मोदी आ रहा है..." मौका मुंबई में ग्लोबल फिनटेक समिट का था. मंच पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर भी मौजूद थे. पीएम मोदी ने अपने चिर परिचित अंदाज में ये लाइनें बोलीं तो हॉल एक बार फिर तालियों से गूंज गया. 

पीएम मोदी ने इस मौके पर ग्लोबल कंपनियों को भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने का न्योता दिया. उन्होंने कहा कि देश दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है. ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी केवल सुविधा का साधन नहीं, बल्कि समानता का माध्यम भी है.  उन्होंने कहा, ‘इस समावेशी दृष्टिकोण ने भारत की बैंकिंग प्रणाली को बदल दिया है. पहले बैंकिंग एक विशेषाधिकार थी, लेकिन डिजिटल प्रौद्योगिकी ने इसे सशक्तीकरण का साधन बना दिया है. आज डिजिटल भुगतान हर व्यक्ति के जीवन का हिस्सा है और इसका श्रेय ‘जैम तिकड़ी' यानी जन धन, आधार और मोबाइल को जाता है.'

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं सभी देशों, खासकर ब्रिटेन को भारत के साथ साझेदारी के लिए आमंत्रित करता हूं. सभी वैश्विक निवेशक भारत की वृद्धि गाथा का हिस्सा बनें. हमें ऐसा फिनटेक विश्व बनाना है जहां प्रौद्योगिकी, लोग और धरती सबका समान रूप से विकास हो. नवाचार का लक्ष्य केवल वृद्धि नहीं, बल्कि अच्छाई भी होना चाहिए और वित्त का मतलब सिर्फ संख्या नहीं बल्कि मानव प्रगति भी है.'

उन्होंने भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए कहा, ‘हम जब लोकतंत्र की बात करते हैं तो यह केवल चुनाव या नीति निर्माण तक सीमित नहीं है. भारत ने लोकतांत्रिक भावना को शासन का मजबूत स्तंभ बनाया है. इसका सर्वोत्तम उदाहरण प्रौद्योगिकी है.' इस अवसर पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने कहा कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) दोनों देशों के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को बढ़ावा देगा. स्टार्मर ब्रिटेन के 125 प्रमुख व्यापारिक नेताओं, उद्यमियों एवं शिक्षाविदों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बुधवार सुबह दो दिवसीय यात्रा पर मुंबई पहुंचे थे.

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