विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Sep 17, 2023

पीएम मोदी आज ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत करेंगे, देश भर में होंगे आयोजन

PM Vishwakarma Scheme: केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला कर्नाटक के मैंगलोर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे

Read Time: 3 mins
पीएम मोदी आज ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत करेंगे, देश भर में होंगे आयोजन
PM Vishwakarma: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत करेंगे.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर कारीगरों और शिल्पकारों के पारंपरिक कौशल को बढ़ावा देने वाली ‘पीएम विश्वकर्मा' योजना की शुरुआत करेंगे. इस नई योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को मान्यता और उनको समग्र समर्थन प्रदान करना है, ताकि उनके उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार हो सके और उन्हें एमएसएमई वेल्यू चेन के साथ जोड़ा जा सके.

इस योजना के शुभारंभ पर सरकार की ओर से रविवार को लाभार्थियों के बीच व्यापक जागरूकता फैलाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में लगभग 70 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला कर्नाटक के मैंगलोर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे.

इस खास अवसर पर मैंगलोर में डॉ टीएमए पाई इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में 600 से अधिक कारीगर और शिल्पकार इसमें भाग लेंगे. इनमें पारंपरिक नौका निर्माता, मछली पकड़ने के जाल निर्माता, सुनार, बढ़ई, मूर्तिकार, दर्जी और कुम्हार आदि शामिल होंगे.

भारत की कला और शिल्प विशिष्ट, प्राचीनता, मूल्यों और दृढ़ विश्वास से समृद्ध हैं. पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार, जिन्हें आम तौर पर 'विश्वकर्मा' कहा जाता है, कलात्मक क्षमता में काम करते हैं.यह कारीगर पारंपरिक उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करके अपने हाथों से वस्तुएं बनाते हैं.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक प्रधानमंत्री राजधानी के द्वारका स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) में इस योजना की शुरुआत करेंगे.केंद्र सरकार ने ‘पीएम विश्वकर्मा' योजना को शुरू करने की घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 में की थी. इस योजना के लिए वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक वित्तीय परिव्यय 13,000 करोड़ रुपये रखा गया है.

इस योजना का उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के अभ्यास को बढ़ावा देना और मजबूत करना तथा गुणवत्ता के साथ-साथ उनके उत्पादों और सेवाओं की पहुंच में सुधार करना भी है.

योजना में 18 पारंपरिक शिल्प कवर किए जाएंगे

‘पीएम विश्वकर्मा' के तहत 18 पारंपरिक शिल्प को कवर किया जाएगा. इनमें बढ़ई (सुथार), नाव निर्माता, अस्त्रकार, लोहार, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला, चर्मकार/जूता बनाने वाला/फुटवियर कारीगर, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले शामिल हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
टीम इंडिया की विजय परेड: रोड शो के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी
पीएम मोदी आज ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत करेंगे, देश भर में होंगे आयोजन
पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के जीवन पर लिखी तीन पुस्तकों का पीएम मोदी ने किया विमोचन
Next Article
पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के जीवन पर लिखी तीन पुस्तकों का पीएम मोदी ने किया विमोचन
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;