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This Article is From Dec 26, 2023

PM मोदी मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की करेंगे अध्यक्षता

पीएमओ ने कहा कि यह सम्मेलन सरकारी हस्तक्षेपों के वितरण तंत्र को मजबूत करके आबादी के लिहाज से जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लक्ष्य को हासिल करने के वास्ते सहयोगात्मक कार्रवाई के लिए आधार तैयार करेगा.

PM मोदी मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की करेंगे अध्यक्षता
इस सम्‍मेलन में मुख्‍य सचिवों सहित करीब 200 से अधिक लोग भाग लेंगे. (फाइल)
नई दिल्ली :

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) राजधानी दिल्ली में 27 से 29 दिसंबर तक आयोजित होने वाले मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन (National Conference of Chief Secretaries) की अध्यक्षता करेंगे. इस आयोजन का मुख्य विषय 'जीवन की सुगमता' यानी 'ईज ऑफ लिविंग' है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी. यह इस तरह का तीसरा सम्मेलन है. पहला जून 2022 में धर्मशाला में और दूसरा जनवरी 2023 में दिल्ली में आयोजित किया गया था.

पीएमओ ने कहा कि सहकारी संघवाद के सिद्धांत को लागू करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहभागी शासन और साझेदारी को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्य सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाता है. 

इस वर्ष मुख्य सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन 27 से 29 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा. इस तीन दिवसीय सम्मेलन में केन्द्र सरकार के प्रतिनिधि, मुख्य सचिव और सभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित 200 से अधिक लोग भाग लेंगे. 

पीएमओ ने कहा कि यह सम्मेलन सरकारी हस्तक्षेपों के वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी, दोनों आबादी के लिहाज से जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लक्ष्य को हासिल करने के वास्ते सहयोगात्मक कार्रवाई के लिए आधार तैयार करेगा. पीएमओ के अनुसार सम्मेलन में विकास के साझा एजेंडे के कार्यान्वयन पर जोर दिया जाएगा और राज्यों के साथ साझेदारी में एकजुट कार्रवाई का खाका तैयार किया जाएगा. 

कल्याणकारी योजनाओं तक आसान पहुंच और सेवा वितरण में गुणवत्ता पर विशेष जोर देने के साथ, सम्मेलन में चर्चा वाले पांच उप-विषयों में भूमि और संपत्ति, बिजली, पीने का पानी, स्वास्थ्य और स्कूली शिक्षा शामिल हैं.

इनके अलावा, साइबर सुरक्षा: उभरती चुनौतियां, कृत्रिम मेधा (एआई) पर परिप्रेक्ष्य, जमीनी कहानियां: आकांक्षी ब्लॉक और जिला कार्यक्रम, राज्यों की भूमिका: योजनाओं और स्वायत्त संस्थाओं को युक्तिसंगत बनाना और पूंजीगत व्यय में वृद्धि करना, शासन में एआई: चुनौतियां और अवसर विषय पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे. 

इनके अलावा, नशा मुक्ति और पुनर्वास, अमृत सरोवर, पर्यटन संवर्धन, ब्रांडिंग और राज्यों की भूमिका, पीएम विश्वकर्मा योजना और पीएम स्वनिधि जैसी योजनाओं और विषयों पर केंद्रित विचार-विमर्श किया जाएगा. 

सम्मेलन में प्रत्येक विषय के अंतर्गत राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों की सर्वश्रेष्ठ परिपाटियों को भी प्रस्तुत किया जाएगा ताकि राज्य किसी अन्य राज्य में प्राप्त सफलता को दोहरा सकें या अपनी आवश्कयताओं के अनुसार कार्य कर सकें. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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