
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि वैश्विक अवसरों को आकार दे रही है.
- यूरोप के देशों ने भारत में निवेश के रूप में सौ अरब डॉलर का ऐलान किया है.
- भारत और जी-7 देशों के बीच व्यापार 60 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है और भारत विश्वसनीय साझेदार बन चुका है.
एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को भारत की ताकत और जरूरत से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि आज भारत की ग्रोथ ग्लोबल ऑपरचुनिटी को शेप कर रही है और ये वाक्य मैं बड़ी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं. हाल में हुआ ईएफटीए ट्रेड एग्रीमेंट इसका बहुत बड़ा उदाहरण है.
भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन का...
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूरोप के देशों ने भारत में 100 बिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान किया है. इससे भारत में बड़ी संख्या में जॉब क्रिएट होंगी. कुछ ही दिन पहले इंग्लैंड के पीएम सबसे बड़े बिजनेस डेलिगेशन के साथ भारत आए थे. ये दिखाता है कि दुनिया भारत में अपने लिए अवसर बड़ी आशा के साथ देख रही है. आज जी -7 देशों के साथ ट्रेड 60 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुका है. पूरी दुनिया आज भारत को Reliable, Responsible और Resilient पार्टनर के रूप में देख रही है. इलेक्ट्रॉनिक, फार्मा ओटोमोबाइल, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में भी निवेश की लहर आ रही है. यही निवेश भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन का एक नर्व सेंटर बनाने में मदद कर रहा है.
आज इसलिए पूरी दुनिया भारत को एक Reliable, Responsible और Resilient Partner के रूप में देख रही है… pic.twitter.com/qEwnXMbXpd
— Narendra Modi (@narendramodi) October 18, 2025
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने अनजान रास्तों पर चलने का साहस दिखाया है. हमारे संतों, वैज्ञानिकों, नाविकों ने ये साहस दिखाया है. कोरोना वैक्सीन की जरूरत हो, स्कील्ड मैनपावर हो या फिनटेक जैसे सेक्टर हों, हमने रिस्क को रिफॉर्म में हर रिफॉर्म को रिजेलियेंस में और हर रिजेलियंस को रिफॉर्म में बदला है. आईएमएफ चीफ ने कहा है कि वो भारत में रिफॉर्म से बेहद आशान्वत हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में एक समय पहले रिफॉर्म हुआ था, एक इको सिस्टम इसको गाता है, लेकिन वो कंपल्शन के कारण था और उसका कारण आईएमएफ था, लेकिन आज रिफॉर्म होता है कन्विक्शन के कारण. आज वही आईएमएफ इसकी तारीफ कर रहा है. हर कोई कह रहा था कि मास लेवल पर डिजिटल काम संभव नहीं, लेकिन भारत ने सबको गलत साबित कर दिया. आज दुनिया का 50 फीसदी डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में ही होता है. भारत का यूपीआई दुनिया के डिजिटल पेमेंट सिस्टम को डोमिनेट कर रहा है. यानी हर प्रेडिक्शन से बेहतर करना, ये आज भारत का मिजाज बना चुका है.
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