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19 hours ago
नई दिल्‍ली:

भारत ने आज एक नया कीर्तिमान स्‍थापित कर दिया है. जम्‍मू-कश्‍मीर में बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज 'चिनाब ब्रिज' को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को समर्पित कर दिया है. इस दौरान पीएम मोदी हाथ में तिरंगा लेकर चिनाब ब्रिज पर चलते हुए नजर आए. ये बुलंद भारत का एक अद्भुत नजारा था. इसके बाद उन्‍होंने कटरा से श्रीनगर को जोड़ने वाली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. पीएम मोदी ने कश्‍मीर पहुंचकर परियोजना पर काम करने वाले लोगों के साथ भी बातचीत की. चिनाब ब्रिज, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेल आर्च ब्रिज है, भूकंपीय क्षेत्र पांच में स्थित है. यह ब्रिज दो पहाड़ों के बीच बना है, जहां तेज हवाओं की वजह से विंड टनल फिनोमेना देखा जाता है. इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए, ब्रिज को 260 किलोमीटर प्रति घंटा की हवा की गति का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह पुल चिनाब नदी पर बना है और इसकी ऊंचाई 359 मीटर है, जो एफिल टॉवर से भी ज्यादा है. यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्च ब्रिज है, जिसे इस तरह से बनाया गया है कि यह भूकंप और तेज हवाओं को भी झेल सकता है.

PM मोदी का शेड्यूल  

10.00 AM: जम्‍मू-कश्‍मीर के उधमपुर वायुसेना स्टेशन पर पहुंचेंगे. 
11.00 AM: चिनाब नदी पर बने पुल के लिए प्रस्थान और इसका उद्घाटन.
11.30 AM: चिनाब पुल से केबल स्टे ब्रिज तक ट्रेन यात्रा.
11.45 AM: परियोजना में शामिल सेवानिवृत्त व्यक्तियों सहित इंजीनियरों के साथ बातचीत.
12.00 PM: कटरा स्टेडियम में पहुंचेंगे. 
12.30 AM: रैली को संबोधित करने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे.

PM Modi Jammu Kashmir Visit Updates...

जम्‍मू-कश्‍मीर के लिए 2 बॉर्डर बटालियन

पीएम मोदी ने बताया कि  जम्‍मू-कश्‍मीर के लिए 2 बॉर्डर बटालियन बनाई गई हैं. 2 वुमेंस बटालियन बनाने का कार्य भी पूरा कर लिया गया है. बॉर्डर के इलाकों में भी करोड़ों रुपये खर्च कर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर बनाया जा रहा है.  

ये ब्रिज, एफिल टॉपर से भी ऊंचा : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, 'चिनाब ब्रिज, दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है. ये ब्रिज, एफिल टॉपर से भी ऊंचा है. अब लोग चिनाब ब्रिज के जरिए कश्मीर देखने तो जाएंगे ही, साथ ही ये ब्रिज भी अपने आप में एक आकर्षक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनेगा. चिनाब ब्रिज हो या फिर आंजी ब्रिज... ये जम्मू-कश्मीर की समृद्धि का जरिया बनेंगे. इससे टूरिज्म तो बढ़ेगा ही इकोनॉमी के दूसरे सेक्टर्स को भी लाभ होगा. जम्मू कश्मीर की रेल कनेक्टिविटी दोनों क्षेत्रों के कारोबारियों के लिए नए अवसर बनाएगी। इससे यहां की इंडस्ट्री को गति मिलेगी.'

2 स्‍टेट लेवल के कैंसर अस्‍पताल बने: PM मोदी

जम्‍मू-कश्‍मीर में बीते कुछ सालों में ही 2 स्‍टेट लेवल के कैंसर अस्‍पताल बने हैं. 7 नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं. इससे क्षेत्र के लोगों को काफी फायदा होगा. एमबीबीएस की सीटों की संख्‍या 500 से बढ़कर 1000 से ज्‍यादा हो गई है. जम्‍मू-कश्‍मीर में विकास लगातार हो रहा है. मेरा कश्‍मीर से खास जुड़ाव भी रहा है. मैं यहां काफी आता रहा हूं. 

जम्‍मू-कश्‍मीर मां भारती का मुकुट: PM मोदी

जम्‍मू-कश्‍मीर मां भारती का मुकुट है. ये मुकुट अलग-अलग रत्‍नों से जड़ा हुआ है. यहां की संस्‍कृति, संस्‍कार, जड़ी-बूटियों का संसार, यहां के युवाओं में जो टैलेंट है, वो मुकुट मणि की तरह चमकता है. ये हमारी सरकार का सौभाग्य है कि इस प्रोजेक्ट ने हमारे कार्यकाल में गति पकड़ी और हमने इसे पूरा करके दिखाया. रास्ते में आने जाने की मुश्किलें, मौसम की परेशानी, लगातार पहाड़ों से गिरते पत्थर. ये प्रोजेक्ट पूरा करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन हमारी सरकार ने चुनौती को ही चुनौती देने का रास्ता चुना है. हमने चुनौती को ही चुनौती देने का रास्ता चुना.

कश्मीर के विकास को नई गति मिलेगी: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटरा में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी अब रेलवे के लिए हकीकत बन गया है, जो कभी सपना हुआ करता था. उधमपुर, श्रीनगर, बारामूला, ये रेल लाइन प्रोजेक्ट सिर्फ प्रोजेक्ट का नाम नहीं हैं. ये बल्कि भारत के सामर्थ्य की प्रतीक है. जम्मू-कश्मीर को दो नए भारत ट्रेन मिली हैं. थोड़ी देर पहले मुझे चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज का लोकार्पण करने का अवसर मिला है. आज ही दो नई वंदे भारत ट्रेनें जम्मू कश्मीर को मिली है. जम्मू में नए मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास हुआ है. 46,000 करोड़ रुपये की ये परियोजनाएं जम्मू और कश्मीर के विकास को नई गति देंगे.

पीएम मोदी ने कहा- कई चुनौतियां थी...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटरा की रैली में कहा कि ये रेल लाइन प्रोजेक्‍ट सिर्फ नाम नहीं है, जम्‍मू-कश्‍मीर के नए सामर्थ्य की पहचान है. इस प्रोजेक्‍ट के रास्‍ते में काफी चुनौतियां थीं, लेकिन हमने सभी चुनौतियों को पार करते हुए इस काम को पूरा किया. आज का ये कार्यक्रम भारत की एकता और भारत की इच्छाशक्ति का विराट उत्सव है. माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद से आज वादी-ए-कश्मीर, भारत के रेल नेटवर्क से जुड़ गई है.

तब मैं 8वीं कक्षा में था: मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला

जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला ने चिनाब ब्रिज के लिए पीएम मोदी का धन्‍यवाद दिया. उन्‍होंने कहा, 'जब इस प्रोजेक्‍ट की शुरुआत 1983 में हुई थी, तब मैं आठवीं क्‍लास में पढ़ता था. मेरे बच्‍चे भी कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं. अब जाकर ये प्रोजेक्‍ट पूरा हुआ है. इस प्रोजेक्‍ट से जम्‍मू-कश्‍मीर को भरपूर फायदा होगा.' उमर अब्‍दुल्‍ला जब ये कह रहे थे, तो पीएम मोदी मुस्‍कुरा उठे.  

जब 11 साल पहले PM मोदी कटरा आए थे: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

पीएम मोदी रैली को संबोधित करने के लिए कटरा स्‍टेडियम पहुंच गए हैं. यहां केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, "ठीक 11 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कटरा रेलवे स्टेशन के उद्घाटन के लिए यहां आए थे. उस समय मैंने कहा था कि कटरा में कोई तभी आता है जब माता बुलाती है... पीएम मोदी का यहां आना किसी न किसी कारण से टलता रहा. फिर चुनाव की घोषणा हुई, सरकार बदली और माता की इच्छा पूरी हुई कि पीएम मोदी प्रधानमंत्री बनें और कटरा रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करें. शायद विधाता चाहते थे कि पीएम मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनें ताकि वो कश्मीर घाटी को रेलवे से जोड़ने का ऐतिहासिक काम कर सकें.'

स्कूली बच्चों से पीएम मोदी ने की बातचीत

कटरा रेलवे स्टेशन से कटरा और श्रीनगर को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रेन में सवार स्कूली बच्चों से बातचीत की. उन्होंने ट्रेन में मौजूद रेलवे कर्मचारियों से भी बातचीत की.

PM मोदी ने दिखाई वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कटरा रेलवे स्टेशन से कटरा और श्रीनगर को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखा दी है. अब लोग कटरा से श्रीनगर तक सीधे ट्रेन से सफर कर पाएंगे. कटरा से 2 ट्रेनें हफ्ते में 6 दिन श्रीनगर के लिए रवाना होंगी. इसका किराया भी 1000 रुपये से कम है. इस ट्रेन के सफर के दौरान कश्‍मीर की वादियों के खूबसूरत नजारे का लुत्‍फ भी यात्रियों को उठाने का मौका मिलेगा. 

दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज पी PM मोदी ने लहराया तिरंगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज- चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया, तो उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सीएम उमर अब्दुल्ला और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी वहां मौजूद रहे. प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज- चिनाब ब्रिज का उद्घाटन करते हुए तिरंगा लहराया.

पीएम मोदी ने किया चिनाब ब्रिज का उद्घाटन

पीएम मोदी ने चिनाब नदी पर बने रेलवे के सबसे बड़े ब्रिज का उद्घाटन कर दिया है. हाथ में तिरंगा लेकर पीएम मोदी चिनाब रेलवे ब्रिज पर निकल पड़े. ये नजारा बुलंद भारत की बुलंद तस्‍वीर पेश करती है.  

दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल पर पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल पर पहुंचे, तो नजारा मनमोह लेने वाला था. पीएम मोदी ने पुल का निरीक्षण किया. ये ब्रिज कटरा से श्रीनगर से जोड़ने का काम करेगा, जिससे बहुत कुछ नजदीक आ जाएगा. इससे सेना को सीमा तक रसद पहुंचाने में भी मदद मिलेगी. इस ब्रिज की खास बात यह है कि ये हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा.

चिनाब ब्रिज बनाने वाले श्रमिकों से मिले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने चिनाब नदी पर रेलवे का सबसे बड़ा ब्रिज बनाने वाले श्रमिकों से मुलाकात की. पीएम मोदी का श्रामिकों से बात करते हुए वीडियो भी सामने आया. इस दौरान पीएम मोदी ने श्रमिकों की प्रशंसा की, जिनकी कड़ी मेहनत से यह ब्रिज यकीकत के धरातल पर उतर पाया है.

पीएम मोदी पहुंचे चिनाब ब्रिज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्‍मीर के चिनाब ब्रिज पर पहुंच गए हैं. यहां वह इस ब्रिज का उद्घाटन करेंगे.  प्रधानमंत्री मोदी ने यूएसबीआरएल (उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक) परियोजना पर एक प्रदर्शनी देखने के दौरान जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से बात की, उन्होंने परियोजना पर काम करने वाले लोगों के साथ भी बातचीत की. इस खास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री 46,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन करेंगे.

प्रधानमंत्री का विजन... 11 सालों में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी

रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने बताया, 'अगर रेलवे की बात करें तो पिछले 11 सालों में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी हुई हैं. प्रधानमंत्री का विजन है कि जब कोई परियोजना शिलान्यास की जाती है, तो उसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए. हम उसी विजन के अनुसार काम कर रहे हैं. यह विजन पंबन ब्रिज और यूएसबीआरएल परियोजना में दिखाई देता है. हम पूरे पूर्वोत्तर को जोड़ने के लिए भी काम कर रहे हैं, आइजोल तक रेलवे लाइन बिछाने का काम चल रहा है और जल्द ही ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी. इसी तरह सिक्किम परियोजना में भी काम चल रहा है. हमने कर्णप्रयाग को जोड़ने के लिए एक अलग सुरंग बनाई है जो टी50 से भी लंबी होगी. इसलिए हम दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्रों पर एक साथ काम कर रहे हैं, जहां हाल ही तक रेलवे कनेक्टिविटी नहीं थी.'

सुरक्षा का कड़ा इंतजाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्‍मू-कश्‍मीर दौरे से पहले रामबन के संगलदान रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा कड़ी है. पीएम मोदी आज चिनाब पुल का उद्घाटन करेंगे और पुल के डेक का दौरा करेंगे. इसके बाद वह अंजी पुल का दौरा करेंगे और उसका उद्घाटन करेंगे. वह दोपहर करीब 12 बजे वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे. इसके बाद, वह कटरा में 46,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का मौका...

पीएम मोदी से मिलने के लिए जम्‍मू-कश्‍मीर के लोग बेहद उत्‍साहित है. एक छात्र ने कहा, "मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का मौका मिलेगा... यह मेरे लिए सुनहरा अवसर है. वह वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के लिए यहां आ रहे हैं. यह श्रीनगर के लिए पहली ट्रेन होगी और जो लोग हवाई मार्ग से श्रीनगर नहीं जा सकते, उनके लिए यह परिवहन का अच्छा साधन है."

ज़ीरो से नीचे तापमान, फिर भी कनेक्टिविटी बरकरार

जम्मू-कश्मीर जैसे सर्द मौसम वाले क्षेत्र में सुचारू रेल संचालन सुनिश्चित करने के लिए इस वंदे भारत ट्रेन में विशेष तकनीकी सुविधाएं प्रदान की गई हैं. कश्मीर की कठिन परिस्थितियों में ड्राइवर की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए इस वंदे भारत ट्रेन में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे सुगम यात्रा संभव होगी.

1997 में शुरू हुआ था कश्मीर को रेल मार्ग से जोड़ने का काम

कश्मीर को रेल मार्ग से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने की महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम 1997 में शुरू हुआ था. हालांकि, भूवैज्ञानिक, स्थलाकृतिक और मौसम संबंधी चुनौतियों के कारण परियोजना को पूरा करने की समयसीमा कई बार बढ़ाई गई, जिससे इसकी लागत बढ़ गई और यह 41,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि में पूरी हो पाई. कुल 272 किलोमीटर लंबी यूएसबीआरएल परियोजना के 209 किलोमीटर हिस्से का काम विभिन्न चरणों में पूरा किया गया. 118 किलोमीटर लंबे काजीगुंड-बारामूला खंड का पहला चरण अक्टूबर 2009 में पूरा हुआ. इसके बाद 18 किलोमीटर लंबा बनिहाल-काजीगुंड खंड जून 2013 में, 25 किलोमीटर लंबा उधमपुर-कटरा खंड जुलाई 2014 में और 48.1 किलोमीटर लंबा बनिहाल-संगलदान खंड पिछले वर्ष फरवरी में पूरा हुआ. 46 किलोमीटर लंबे संगलदान-रियासी खंड का काम भी पिछले साल जून में पूरा हो गया था, जबकि रियासी और कटरा के बीच 17 किलोमीटर का हिस्सा बचा था, जो आखिरकार पिछले साल दिसंबर में पूरा हुआ.

ज़ीरो से नीचे तापमान, फिर भी कनेक्टिविटी बरकरार

जम्मू-कश्मीर जैसे सर्द मौसम वाले क्षेत्र में सुचारू रेल संचालन सुनिश्चित करने के लिए इस वंदे भारत ट्रेन में विशेष तकनीकी सुविधाएं प्रदान की गई हैं.

सिलिकॉन हीटिंग पैड: यह वॉटर और बायो-टॉयलेट टैंकों में पानी को जमने से रोकेंगे. साथ ही, इनमें ओवरहीट प्रोटेक्शन सेंसर लगे हैं, जो यह सुनिश्चित करता है कि शून्य या माइनस तापमान में भी रेल संचालन सुचारू रूप से हो.

हीटेड प्लंबिंग पाइपलाइन: जीरो डिग्री से भी कम तापमान में सेल्फ-रेगुलेटेड हीटिंग केबल्स पानी को जमने से रोकेंगे.

ऑटो-ड्रेनिंग मैकेनिज्म: प्लंबिंग लाइनों में पानी के जमने की समस्या को रोकेगा, जिससे संचालन में कोई बाधा नहीं आएगी.

क्यों खास है कश्मीर वाली वंदे भारत?

यह वंदे भारत एक्सप्रेस विश्वसनीयता, सुरक्षा और यात्रियों के आराम को सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक एवं उन्नत सुविधाओं से युक्त है. इस वंदे भारत ट्रेन को कश्मीर घाटी की कठिन जलवायु परिस्थितियों में सुगम यात्रा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे अब हर मौसम में कश्मीर घाटी तक पहुंचना आसान होगा और वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत, क्षेत्र में यात्री सेवाएँ एवं पर्यटन अनुभव बेहतर बनाएगी. 

इंजीनियरिंग का कमाल

"मेक इन इंडिया" के तहत इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में बनी वंदे भारत ट्रेन आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस है, जो बिजली सी चलती है. मगर सुरक्षित और आरामदायक सफर की मिसाल है. इसका सफर हर भारतीय को गर्व से भर देगा.  

कश्‍मीर की बर्फीली वादियों में दौड़ेगी वंदे भारत

चिनाब नदी पार कर वंदे भारत ट्रेन कश्‍मीर की वादियों में अब दौड़ेगी. हल्की ठंडक और वसंत की खिलती बहार... हिमालय की बर्फीली चोटियाँ, सेब के पेड़ों पर गुलाबी फूलों की चादर, और मैदानों की हरी घास... यह सब अब सिर्फ कल्पना नहीं रहेगा, क्योंकि अब जल्द ही, यह सब आप अपनी आंखों के सामने, जम्मू कश्मीर के लिए स्पेशल डिजाइंड वंदे भारत ट्रेन में बैठकर देख सकेंगे. जैसे ही ट्रेन पहलगाम की घाटियों से गुजरेगी, हरियाली से सजी वादियाँ, दूर तक फैले चीड़ के जंगल और चरवाहों की झलक आपको एक लम्हे में रोक देंगे. देवदार की खामोशी को चीरती वंदे भारत की रफ्तार, तकनीक और प्रकृति का अद्भुत संगम जल्द ही आपको देखने को मिलेगा.

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