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This Article is From Jun 23, 2023

क्या-क्या हासिल हुआ PM नरेंद्र मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा में...

PM नरेंद्र मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा के दौरान दोनों मुल्कों में रक्षा, अंतरिक्ष व व्यापार सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की खातिर कई प्रमुख उपलब्धियां हासिल की गईं.

PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम घोषणाएं की गईं...

वॉशिंगटन:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा की गई अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा (State Visit to the US) में दोनों देशों के बीच रक्षा, अंतरिक्ष और व्यापार सहित कई अहम क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रमुख काम हुए. इनमें कई बड़ी घोषणाएं शामिल हैं.

रक्षा : भारत में होगा लड़ाकू जेट इंजनों का संयुक्त उत्पादन - एक ऐतिहासिक समझौते में GE एयरोस्पेस ने भारतीय वायुसेना (IAF) के हल्के लड़ाकू विमानों (LCA) 'Mk2 तेजस' के लिए संयुक्त रूप से लड़ाकू जेट इंजनों का उत्पादन करने के लिए हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए.

इस समझौते में भारत में GE एयरोस्पेस के F414 इंजनों का संभावित संयुक्त उत्पादन शामिल है, और GE एयरोस्पेस इसके लिए आवश्यक निर्यात अधिकार हासिल करने के लिए अमेरिकी सरकार के साथ काम कर रही है. समझौता LCA-Mk2 कार्यक्रम के हिस्से के रूप में भारतीय वायुसेना के लिए 99 इंजन बनाने की GE एयरोस्पेस की पिछली प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाएगा.

हथियारबंद ड्रोन : भारत द्वारा जनरल एटॉमिक्स के MQ-9 'रीपर' हथियारबंद ड्रोन की खरीद पर मेगा डील की घोषणा हुई है. यह एक ऐसा कदम है, जो न केवल हिन्द महासागर में, बल्कि चीन के साथ सीमा पर भी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और निगरानी क्षमताओं को और मज़बूत करेगा. जनरल एटॉमिक्स के MQ-9 'रीपर' हथियारबंद ड्रोन 500 प्रतिशत अधिक पेलोड ले जा सकता है और पहले के MQ-1 प्रीडेटर की तुलना में इसमें नौ गुना ज़्यादा हॉर्सपॉवर है.

अंतरिक्ष : भारत और अमेरिका 2024 में एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भेजने के लिए सहयोग कर रहे हैं. भारत ने आर्टेमिस समझौते में शामिल होने का भी फैसला किया है, जो समान विचारधारा वाले देशों को नागरिक अंतरिक्ष अन्वेषण पर जोड़ता है, और NASA और ISRO 2024 में ISS के लिए एक संयुक्त मिशन पर सहमत हुए हैं.

1967 की बाहरी अंतरिक्ष संधि (OST) में दरकिनार कर दिया गया आर्टेमिस समझौता ऐसे सिद्धांतों का गैर-बाध्यकारी सेट है, जिसे 21वीं सदी में नागरिक अंतरिक्ष अन्वेषण को निर्देशित करने और इस्तेमाल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह 2025 तक मनुष्यों को चंद्रमा पर लौटा लाने का अमेरिकी नेतृत्व वाला मिशन है, जिसका अंतिम लक्ष्य मंगल और उससे आगे अंतरिक्ष अन्वेषण का विस्तार करना है.

व्यवसाय : सेमीकंडक्टर विनिर्माण - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी चिप-निर्माता माइक्रोन टेक्नोलॉजी को आमंत्रित किया, क्योंकि हमारा मुल्क इस प्रोडक्ट की सप्लाई चेन के कई हिस्सों में फायदे दिलाता है. उन्होंने प्रक्रिया प्रौद्योगिकी और उन्नत पैकेजिंग क्षमताओं के विकास के लिए भारत में एप्लाइड मैटेरियल्स को भी आमंत्रित किया. PM मोदी ने जनरल इलेक्ट्रिक को भारत में विमानन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने के लिए भी आमंत्रित किया.

कूटनीति : दोनों देशों के नागरिकों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका बेंगलुरू और अहमदाबाद में दो नए वाणिज्य दूतावास (कॉन्स्यूलेट) खोलेगा, जबकि भारत सिएटल में एक मिशन स्थापित करेगा.

एच-1बी वीसा : अमेरिका अब ऐसा एच-1बी वीसा पेश करने के लिए तैयार है, जिसे देश में रहकर ही रीन्यू किया जा सकेगा. यह एक अहम फ़ैसला है, जो अमेरिका में रहने वाले हज़ारों भारतीय पेशेवरों को अपने वर्क वीसा के नवीनीकरण के लिए विदेश यात्रा की परेशानी के बिना अपनी नौकरी जारी रखने में मदद करेगा.

बहुप्रतीक्षित एच-1बी वीसा गैर-अप्रवासी वीसा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी श्रमिकों को ऐसे विशेष व्यवसायों में नियोजित करने की अनुमति देता है, जिनके लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है. प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हज़ारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस पर निर्भर हैं.

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