कोरोना से बचाव में सबके लिए नहीं प्लाज़्मा - जानें, कौन दे सकता है, किसे दिया जा सकता है?

ICMR ने अपनी एडवाइजरी में फिर दोहराया है कि देश मे प्लाज्मा का ट्रायल किया गया था और उसमें पाया गया कि कोरोना मरीज़ के लिए प्लाज्मा थेरेपी फायदेमंद नहीं है. आईसीएमआर ने अपनी एडवाइजरी में ये भी बताया कि केवल भारत ही नहीं बल्कि चीन और नीदरलैंड में भी यही पाया गया है.

कोरोना से बचाव में सबके लिए नहीं प्लाज़्मा - जानें, कौन दे सकता है, किसे दिया जा सकता है?

नई एडवायजरी में ICMR ने कहा है कि प्लाज्मा थेरेपी सबके लिए नहीं है.

नई दिल्ली:

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) रोगियों के इलाज की दिशा में प्लाज्मा थेरेपी को लेकर नई एडवायजरी जारी की है. नई एडवायजरी में ICMR ने कहा है कि प्लाज्मा थेरेपी सबके लिए नहीं है. ICMR की एडवाजयरी केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) और दिल्ली सरकार की बैठक के बाद आया है. दरअसल, बड़े पैमाने पर कोरोना मरीजों को प्लाज्मा दिया जा रहा है जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके इस्तेमाल को लेकर नए दिशा निर्देश जारी करने के लिए कहा था. 

आईसीएमआर की एडवाइजरी के मुताबिक प्लाजमा  दान करने वाले लोगों की कैटगरी बनाई गई है. नई एडवायजरी के मुताबिक अब निम्नलिखित शर्तों के साथ ही लोग ही  प्लाज्मा दान कर सकते हैं- 
1. ऐसे पुरुष, महिला ( जो कभी प्रेग्नेंट ना हुई हो)
2. जिनकी उम्र 18 से 65 के बीच हो
3. जिनका वजन 50 किलो से ज्यादा हो
4. जिनका RT-PCR से कोरोना संक्रमण कंफर्म हुआ हो
5. जिनकी कोरोना बीमारी के लक्षण खत्म हुए 14 दिन हो गए हों ( केवल नेगेटिव रिपोर्ट होना काफी नहीं)
6. जिनके खून में IgG एंटीबाडी हो

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एडवायजरी में ये भी स्पष्ट किया गया है कि कौन लोग प्लाज्मा ले सकते हैं- 

1. जिनकी कोरोना बीमारी शुरुआती स्टेज में हो.
2. लक्षण की शुरुआत के 3-7 दिन हुए हो लेकिन 10 दिन से ज़्यादा नहीं.
3. जिनमे कोरोना के ख़िलाफ़ IgG एंटीबाडी ना हो ( उचित टेस्ट से ये देखा जाए)
4. मरीज को सूचित करके उसके सहमति ली जाए

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ICMR ने अपनी एडवाइजरी में फिर दोहराया है कि देश मे प्लाज्मा का ट्रायल किया गया था और उसमें पाया गया कि कोरोना मरीज़ के लिए प्लाज्मा थेरेपी फायदेमंद नहीं है. आईसीएमआर ने अपनी एडवाइजरी में ये भी बताया कि केवल भारत ही नहीं बल्कि चीन और नीदरलैंड में भी यही पाया गया है.