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थाइलैंड में तो हथकड़ी लग चुकी, जानिए अब लूथरा भाइयों को तुरंत भारत लाने के लिए क्या है 'प्लान 2'

लूथरा भाइयों को वापस लाने के लिए डिपोर्टेशन का रास्ता चुना जाएगा. भारत और थाइलैंड के बीच प्रत्यर्पण संधि है, लेकिन यह प्रक्रिया काफी कानूनी उलझन वाली है. भारतीय एजेंसियां प्रत्यर्पण की बजाय दोनों भाइयों को डिपोर्ट करने (वापस भेजने) का विकल्प तलाश रही हैं.

थाइलैंड में तो हथकड़ी लग चुकी, जानिए अब लूथरा भाइयों को तुरंत भारत लाने के लिए क्या है 'प्लान 2'
  • गोवा के अर्पोरा नाइटक्लब आग मामले में फरार हुए लूथरा ब्रदर्स को थाइलैंड के फुकेट में हिरासत में रखा गया है.
  • भारत की एजेंसियां जल्द से जल्द लूथरा ब्रदर्स को भारत लाने की तैयारियां कर रही हैं.
  • सौरभ और गौरव लूथरा पर गैर इरादतन हत्या का आरोप है, जिसमें कम से कम पांच साल की सजा का प्रावधान है.
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हाथों में हथकड़ी, पासपोर्ट पर कैंसिलेशन का लाल निशान, चेहरे पर शिकन.... गोवा नाइट क्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत के बाद भारत से भागे उसके मालिकों सौरभ लूथरा और उसके भाई गौरव लूथरा थाइलैंड पुलिस की हिरासत में हैं. उन्हें फुकेट के एक थाने में रखा गया है. NDTV की टीम इस वक्त फुकेट में मौजूद है. भारतीय अधिकारी इंटरपोल के ब्लू कॉर्नर नोटिस के बाद पकड़े गए दोनों भाइयों को जल्द से जल्द भारत लाने की तैयारी में हैं. इसके लिए दो रास्ते हैं. पहला डिपोर्टेशन और दूसरा एक्स्ट्रडिशन यानी प्रत्यर्पण. लूथरा भाइयों को  जल्द वापस लाने के लिए डिपोर्टेशन का रास्ता चुना जाएगा. भारत और थाइलैंड के बीच प्रत्यर्पण संधि है, लेकिन यह प्रक्रिया काफी कानूनी उलझन वाली है. भारतीय एजेंसियां प्रत्यर्पण की बजाय दोनों भाइयों को डिपोर्ट करवाने (वापस भेजने) का विकल्प तलाश रही हैं. दोनों देशों के अधिकारी एक दूसरे के संपर्क में हैं.  

गोवा नाइट क्लब के मालिकों सौरभ लूथरा और उसके भाई गौरव लूथरा की यह तस्वीर बुधवार सुबह सामने आई. इसमें दोनों थाइलैंड पुलिस की हिरासत में दिख रहे हैं. दोनों को हाथ में हथकड़ी लगी हुई थी. उनके हाथ में रद्द पासपोर्ट भी था. पासपोर्ट पर कैंसिलेशन की मुहर थी.

गोवा नाइट क्लब के मालिकों सौरभ लूथरा और उसके भाई गौरव लूथरा की यह तस्वीर बुधवार सुबह सामने आई. इसमें दोनों थाइलैंड पुलिस की हिरासत में दिख रहे हैं. दोनों को हाथ में हथकड़ी लगी हुई थी. उनके हाथ में उनका रद्द पासपोर्ट भी था. पासपोर्ट पर कैंसिलेशन की मुहर लगी थी. इंटरपोल के ब्लू कॉर्नर नोटिस के बाद दोनों को थाइलैंड पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

क्या कहती है भारत-थाइलैंड की प्रत्यर्पण संधि?

भारत और थाइलैंड ने 2013 में प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए थे. इसके तहत बैंकॉक लूथरा भाइयों को वापस भेजने के लिए बाध्य है अगर उनपर लगे आरोपों में उन्हें कम से कम एक साल की सजा का प्रावधान है. 

लूथरा ब्रदर्स को यहीं रखा गया है.

लूथरा ब्रदर्स को यहीं रखा गया है.

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थाइलैंड के सामने क्या दलीलें रखेगी भारत सरकार?

सौरभ और गौरव भाइयों पर मुख्य आरोप गैर इरादतन हत्या का है. इस मामले में कम से कम 5 साल की सजा का प्रावधान है. ऐसे में भारत और थाइलैंड के बीच हुई संधि की जो न्यूनतम शर्त है वो यहां पूरी हो रही है. लेकिन प्रत्यर्पण के आग्रह में काफी तकनीकी पेच फंसता है. ऐसे में थाइलैंड से दोनों भाइयों के अपराध बताकर उसके जल्द भारत भेजने का आग्रह किया जा सकता है. थाइलैंड के कोर्ट में ये दलील दी जा सकती है कि दोनों भाई भारतीय और थाइलैंड के कानून के तहत सजा के अधिकारी हैं.

प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया क्यों जटिल है?

प्रत्यर्पण के लिए भारत को औपचारिक अनुरोध करना होगा और ‘डबल क्रिमिनैलिटी' साबित करनी होगी, यानी थाई अदालत को दिखाना होगा कि आरोपित अपराध भारत और थाईलैंड दोनों में दंडनीय है. यह प्रक्रिया समय लेने वाली है. भारत के पिछले अनुभव बताते हैं कि ऐसे मामलों में सालों लग सकते हैं, जैसे निरव मोदी और विजय माल्या (यूके), मेहुल चोकसी (बेल्जियम), दाऊद इब्राहिम (पाकिस्तान) के मामले.

विदेश मंत्रालय को करनी होगी रिक्वेस्ट

भारत की ओर से प्रत्यर्पण के अनुरोध केवल भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा किए जा सकते हैं, जो औपचारिक रूप से राजनयिक माध्यमों से अनुरोधति राष्‍ट्र को प्रत्यर्पण का अनुरोध प्रस्तुत करता है. जनता के सदस्यों के अनुरोध पर प्रत्यर्पण उपलब्ध नहीं है.

डिपोर्टेशन ही बेहतर विकल्प

सूत्रों के अनुसार, भारतीय एजेंसियां प्रत्यर्पण के बजाय डिपोर्टेशन का रास्ता तलाश रही हैं, क्योंकि यह अपेक्षाकृत तेज है. थाई सरकार अब तक बेहद सहयोगी रही है.

थाइलैंड कर सकता है रिपोर्ट

थाइलैंड का इमिग्रेशन विभाग उन्हें 'ओवरस्टे' या 'अवैध प्रवास' के तहत डिपोर्ट कर सकता है. इसमें आमतौर पर स्थानीय अदालत की लंबी प्रक्रिया नहीं होती. डिपोर्टेशन आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर एक-दो हफ्ते में पूरा हो सकता है, जबकि प्रत्यर्पण में महीनों या साल लग सकते हैं.

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, लूथरा ब्रदर्स के पासपोर्ट निलंबित होने के बाद थाइलैंड में उनकी मौजूदगी अवैध हो गई थी, इसी आधार पर उन्हें हिरासत में लिया गया. सूत्रों ने बताया, अब भारतीय एजेंसियों को उन्हें वापस लाने के लिए टीम भेजनी होगी. थाई सरकार बेहद सहयोगी रही है और कार्रवाई तेज़ी से हुई.

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भारत सरकार ने की हर संभव कोशिश

बताते चलें कि भारत से भागने के बाद से ही दोनों भाइयों पर नकेल कसी जाने लगी थी. गुरुवार, 11 दिसंबर को गोवा पुलिस की पहल पर लूथरा ब्रदर्स के पासपोर्ट सस्पेंड कर दिए गए. इससे पहले इंटरपोल ने दोनों भाइयों के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी कर दिया. कुल मिलाकर दोनों भाइयों को भारत लाने और न्याय के कटघरे में खड़ा करने के लिए पूरी कोशिश की गई. इसी का नतीजा है कि थाइलैंड में दोनों भाई हिरासत में लिए जा चुके हैं और जल्द भारत में होंगे.

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