राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत से झटका लगा है. कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए उन्हें 2 साल की सजा सुनाई है. इस मुद्दे पर बीजेप नेता पीयूष गोयल ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि अपने सार्वजनिक जीवन में किसी को भी कोई भी चीज सोच समझकर बोलना चाहिए और सार्वजनिक जीवन में शालीनता का परिचय देना चाहिए. राहुल गांधी ने अपने वक्तव्य में लोकतांत्रिक मूल्यों पर बार-बार हमला किया है. संसद में पीठासीन अधिकारियों, लोक सभा, अध्यक्ष और न्यायपालिका पर उनका प्रहार देश को मान्य नहीं है. कोई भी इस चीज को स्वीकार नहीं करेगा.
बीजेपी नेता ने कहा कि राहुल गांधी को अपनी सोच को बदलने की जरूरत है. कोई भी व्यक्ति देश और संविधान से बड़ा नहीं हो सकता. उन्होंने प्रधानमंत्री पद जैसे संवैधानिक पद की भी अवहेलना की है. हर एक को संवैधानिक संस्थाओं का आदर करना चाहिए. उन्होंने पहले भी जो उस वक्त के प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह से उनका भी अपमान किया था. विदेशी धरती पर जाकर भारत का अपमान किया देश का संविधान का अपमान किया गलत आरोप लगाया. ऐसे व्यक्ति शोभा नहीं देते.
बताते चलें कि कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को 2019 में दर्ज 'मोदी सरनेम' वाले आपराधिक मानहानि के मामले में गुजरात के सूरत की जिला कोर्ट ने दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई. हालांकि, बाद में उनको कोर्ट से जमानत मिल गई. यह मामला राहुल गांधी द्वारा दिए गए ‘मोदी उपनाम' संबंधी टिप्पणी से जुड़ा है. राहुल गांधी को 30 दिनों के लिए जमानत देते हुए और निर्णय के खिलाफ अपील हाईकोर्ट में करने की अनुमति दी गई.
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