पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद का विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. मस्जिद कमेटी ने इस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस याचिका में निचली अदालत के सर्वे के आदेश को चुनौती दी गई है और फैसले पर तुरंत रोक लगाने की अपील की गई है. सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि से असाधारण मामला है, इसलिए अदालत असाधारण कदम उठाया जाए. अब शुक्रवार (29 नवंबर) को CJI संजीव खन्ना की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी.
संभल में अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद के पहली बार किये गये सर्वेक्षण के बाद से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है. अदालत ने यह आदेश जिस याचिका पर दिया है उसमें दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है वहां पहले कभी हरिहर मंदिर था.
बीते रविवार को मस्जिद का दोबारा सर्वेक्षण किये जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में 4 लोगों की मौत हो गयी थी और 25 अन्य जख्मी हो गये थे.
संभल हिंसा मामले में किस-किस पर दर्ज हुई FIR?
संभल हिंसा केस में पहली FIR दरोगा दीपक राठी ने दर्ज कराई है. इसमें सपा सांसद और विधायक के बेटे का नाम है. इस FIR में 800 अज्ञात आरोपी भी हैं. इनपर भीड़ को उकसाने के लिए भड़काऊ बयान देने का आरोप है. दूसरी FIR दरोगा शाह फैसल ने कराई है, इसमें कहा कि नखास इलाके में उप्रदवियों ने बाइक में आग लगा दी. गन की मैगजीन छीन ली. इसमें भी कुछ नामजद और बाकी अज्ञात हैं.
संभल हिंसा के मामले में तीसरी FIR सर्किल ऑफिसर अनूप चौधरी ने दर्ज कराई है. इस FIR में 800 अज्ञात नाम हैं. इन्होंने आरोप लगाया कि उपद्रवियों ने उनके पैर में गोली मारी. इस केस में चौथी FIR पुलिसकर्मी जगदीश कुमार ने दर्ज कराई. इन्होंने मैगजीन और टीयर गैस लूटने का आरोप लगाया है. पांचवी FIR समाजवादी पार्टी के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर ने 150 अज्ञात पर दर्ज कराई. छठवीं FIR एसडीएम रमेश बाबू ने 800 अज्ञात के खिलाफ कराई है. इन्होंने हमले का आरोप लगाया है. सातवीं FIR पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सदर विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर हिंसा भड़काने के आरोप में दर्ज की.
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