भारतीय वायु सेना (IAF) के हवा से हवा में ईंधन भरने वाले IL-78 विमान ने 'ब्राइट स्टार-23 युद्धाभ्यास' के दौरान मिस्र वायु सेना के विमान में ईंधन भरा. भारतीय वायु सेना ने रविवार को इस युद्धाभ्यास से जुड़ी जानकारी साझा की. एक्स, (पूर्व में ट्विटर) पर आईएएफ ने कहा, "एक्सरसाइज ब्राइट स्टार के दौरान मिस्र के आसमान में दोस्ती के बंधन को प्रदर्शित करते हुए, जहां भारतीय वायु सेना के आईएल -78 हवा से हवा में ईंधन भरने वाले विमान ने मिस्र वायु सेना के विमान में ईंधन भरा.
इससे पहले, वैश्विक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत भारतीय वायु सेना की एक टुकड़ी सोमवार को युद्धाभ्यास' ब्राइट स्टार-23' में भाग लेने के लिए मिस्र वायु सेना बेस पहुंची. इस मौके पर भारतीय सेना ने ट्वीट किया था, "काहिरा में मिस्र वायु सेना के हवाई अड्डे पर लैंडिंग. अगले तीन हफ्तों के लिए हमारा घर."
Bonds of friendship in the skies over Egypt.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) September 3, 2023
Snippets from the #ExerciseBrightStar, where the #IAF IL-78 AAR aircraft refuelled aircraft from the Egyptian Air Force.@EgyArmySpox@indembcairo#DiplomatsInFlightSuits pic.twitter.com/u0ZlbuXLzz
बता दें कि मिस्र में बीते रविवार से शुरू हुए 21 दिवसीय बहुपक्षीय युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के पांच मिग-29 लड़ाकू विमान, छह परिवहन विमान और इसके विशेष बल के कर्मियों का एक समूह भाग ले रहा है. अधिकारियों ने बताया कि यह द्विवार्षिक त्रि-सेवा अभ्यास- ‘ब्राइट-स्टार' काहिरा (पश्चिम) एयर बेस में हो रहा है और इसमें मेजबान देश एवं भारत के अलावा अमेरिका, सऊदी अरब, यूनान तथा कतर की सेनाएं भाग ले रही हैं.
भारतीय वायुसेना इस अभ्यास में पहली बार भाग ले रही है. वायुसेना ने बताया कि वायुसेना दल में पांच मिग-29, दो आईएल-78, दो सी-130 और दो सी-17 विमान शामिल हैं. भारतीय वायुसेना के गरुड़ विशेष बल के कर्मियों के अलावा नंबर 28, 77, 78 और 81 स्क्वाड्रन के कर्मी भी इस युद्धाभ्यास में भाग ले रहे हैं. भारतीय थलसेना के लगभग 150 जवान भी भारतीय दल का हिस्सा हैं.
वायुसेना ने एक बयान में कहा, "इसका मकसद संयुक्त अभियान की योजना एवं क्रियान्वयन का अभ्यास करना है. इस तरह के अभ्यास सीमाओं के पार संबंध बनाने के अलावा भागीदार देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में भी मदद करते हैं. भारत और मिस्र के बीच ‘असाधारण संबंध और गहरा सहयोग है तथा दोनों ने 1960 के दशक में एयरो-इंजन और विमान का संयुक्त रूप से विकास किया था और मिस्र के पायलटों को भारतीय समकक्षों ने प्रशिक्षण दिया था."
बता दें कि भारत और मिस्र के बीच रक्षा एवं रणनीतिक सहयोग पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है. दोनों देशों की सेनाओं ने इस साल जनवरी में पहला संयुक्त अभ्यास किया था. मिस्र भारत से तेजस हल्के लड़ाकू विमान, रडार, सैन्य हेलीकॉप्टर और अन्य सैन्य उपकरण खरीदने में पहले ही रुचि दिखा चुका है. वायुसेना ने तीन सुखोई-30 एमकेआई विमान और दो सी-17 परिवहन विमानों के साथ पिछले साल जुलाई में मिस्र में एक महीने तक चले सामरिक नेतृत्व कार्यक्रम में भाग लिया था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल सितंबर में मिस्र की तीन दिवसीय यात्रा की थी.
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