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This Article is From May 04, 2020

सुप्रीम कोर्ट ने बांद्रा कब्रिस्तान में कोरोना से मृत लोगों को दफनाने का मामला वापस बॉम्बे हाईकोर्ट भेजा

Coronavirus: सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट को दो हफ्ते में फैसला करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट पहले ही मामले को देख रहा है और पहले अंतरिम आदेश जारी किया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने बांद्रा कब्रिस्तान में कोरोना से मृत लोगों को दफनाने का मामला वापस बॉम्बे हाईकोर्ट भेजा
कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट पहले ही मामले को देख रहा है
नई दिल्ली:

Coronavirus: कोरोनावायरस की वजह से जान गंवाने वालों के शवों को दफनाने के लिए ''बांद्रा कब्रिस्तान'' का इस्तेमाल करने की बीएमसी की अनुमति को चुनौती देने वाले मामले को सुप्रीम कोर्ट ने वापस बॉम्बे हाईकोर्ट को भेज दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट को दो हफ्ते में फैसला करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट पहले ही मामले को देख रहा है और पहले अंतरिम आदेश जारी किया गया था.

प्रदीप गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बॉम्बे हाईकोर्ट के 27 अप्रैल के एक अंतरिम आदेश को चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने बांद्रा पश्चिम स्थित तीन कब्रिस्तानों में कोरोना से मरने वाले लोगों को दफनाए जाने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. गांधी ने यह आशंका जताई है कि कोरोना से मरने वाले लोगों को दफनाने से आसपास के इलाकों में वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा है क्योंकि इनके आसपास घनी आबादी है और करीब तीन लाख लोग रहते हैं. इसलिए इन लोगों को कहीं और दफनाया जाए जहां आबादी कम हो. वहीं जमीयत उलमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका के खिलाफ अर्जी दाखिल की है, जिसमें कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों को दफनाए जाने पर आपत्ति जताई गई है.

जमीयत ने आवेदन में कहा है कि याचिकाकर्ता ने कोरोनावायरस से मरे लोगों को दफनाने पर आसपास के इलाके में संक्रमण का खतरा जताया है, जो आधारहीन है. वकील एजाज मकबूल के माध्यम से दाखिल आवेदन में कहा गया है कि इस्लाम धर्म में मरने के बाद दफनाना अनिवार्य है. ऐसा ईसाई सहित कई अन्य धर्मों में भी है. यह संविधान में अनुच्छेद-25 के तहत किसी भी धर्म को अपनाने व उसका अनुसरण करने के अधिकार में सम्मिलित है.

जमीयत ने आवेदन में कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय व डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों में साफ तौर पर कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों को दफनाने से कोई अतिरिक्त खतरा नहीं है. हालांकि उन्होंने दफनाने वाले लोगों को मृतक शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ से बचने की सलाह दी है. अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, कनाडा व मध्य पूर्व देशों में भी कोरोना से मरने वाले लोगों को दफनाया जा रहा है और वहां भी ऐसा करने से वायरस का प्रसार होने की बात नहीं कही गई है.

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