विज्ञापन
Story ProgressBack

बात पुरानी है: जब बागी बलिया ने चंद्रशेखर के सामने मुलायम को मंच से दौड़ा दिया था

रैली में आए लोग पिछड़ी जाति (ओबीसी) के लोगों को आरक्षण देने के लिए लागू की गई मंडल आयोग की सिफारिशों पर मुलामय सिंह यादव के स्टैंड से नाराज थे. सवर्ण जातियों की बहुलता वाले इस जिले में इस तरह का व्यहार कोई नई बात नहीं थी.

Read Time: 3 mins
बात पुरानी है: जब बागी बलिया ने चंद्रशेखर के सामने मुलायम को मंच से दौड़ा दिया था
नई दिल्ली:

बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसे बलिया को बागी बलिया के नाम से भी जाना जाता है. इसे भृगु की धरती भी कहा जाता है. भारत की राजनीति में बलिया और चंद्रशेखर (Chandrasekhar) एक दूसरे का पर्याय थे.उन्होंने करीब तीन दशक तक संसद में बलिया ( Ballia Lok Sabha Constituency) का प्रतिनिधित्व किया.लेकिन एक समय ऐसा भी रहा, जब बलिया ने चंद्रशेखर की बात नहीं मानी और उनकी अपील को अनसुना कर दिया.यह बात है साल 1991 की.वो उस समय भारत के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान थे.

मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का विरोध

दरअसल बलिया के विकास का खांका खींचने के लिए चंद्रशेखर एक रैली में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ एक रैली में आए थे.इस रैली को संबोधित करने के लिए चंद्रशेखर ने मुलायम सिंह यादव को आवाज दी. यादव जैसे ही डाइस पर आए लोगों ने उन पर जूते-चप्पल और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए और उन्हें काले झंडे दिखाए.

रैली में आए लोगों का यह व्यवहार देखकर मुलायम सिंह यादव हतप्रभ रह गए.वो इससे नाराज होकर मंच छोड़कर चले गए. चंद्रशेखर  ने उन्हें मनाने की बहुत कोशिशें की, लेकिन मुलायम नहीं माने.वो रैली छोड़कर चले गए.इसके बाद चंद्रशेखर ने लोगों से यहां तक कह दी कि आपको लोगों के व्यवहार करना सीखना होगा.इस घटना का जिक्र 'इंडिया टु़डे'पत्रिका के संवाददाता रहे फरजंद अहमद में अपनी एक रिपोर्ट में किया है. 

मुलायम सिंह यादव से क्यों नाराज थे लोग?

दरअसल रैली में आए लोग पिछड़ी जाति (ओबीसी) के लोगों को आरक्षण देने के लिए लागू की गई मंडल आयोग की सिफारिशों पर मुलामय सिंह यादव के स्टैंड से नाराज थे. सवर्ण जातियों की बहुलता वाले इस जिले में इस तरह का व्यहार कोई नई बात नहीं थी. मुलायम सिंह यादव से पहले खुद चंद्रशेखर भी इस राजनीति के शिकार हो चुके थे.इस घटना से कुछ महीने पहले ही एक यात्रा के दौरान आरक्षण विरोधी सवर्ण युवाओं ने चंद्रशेखर के साथ धक्का-मुक्की की थी और उनकी गाड़ी पर पथराव किया था. 

यह वहीं चंद्रशेखर थे,जिनके प्रधानमंत्री बनने पर बलिया के लोगों ने दीवाली मनाई थी और सड़कों पर मिठाइयां बांटी थीं. लोगों को उम्मीद थी कि चंद्रशेखर के प्रधानमंत्री बनने के बाद बलिया का भी वैसे ही विकास होगा जैसा कि राजीव गांधी ने अमेठी में किया था.चंद्रशेखर विकास का खाका खींचने के लिए ही मुलायम सिंह यादव को बलिया लेकर आए थे.लेकिन उसके बाद जो हुआ वो इतिहास है.  

ये भी पढ़ें: Bihar : लॉ के छात्र की पीट-पीट कर हत्या के बाद लोगों का प्रदर्शन, पुलिस ने मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
लोकसभा में LJP के नेता चिराग पासवान के भाषण की क्यों है इतनी चर्चा?
बात पुरानी है: जब बागी बलिया ने चंद्रशेखर के सामने मुलायम को मंच से दौड़ा दिया था
नीट परीक्षा फिर से कराने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे छात्र, बोले- 'CBI जांच से कुछ नहीं होगा'
Next Article
नीट परीक्षा फिर से कराने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे छात्र, बोले- 'CBI जांच से कुछ नहीं होगा'
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;