Pegasus scandal: पश्चिम बंगाल की सरकार (West Bengal Government)ने पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Case)की जांच के लिए गठित जस्टिस लोकुर न्यायिक आयोग (Enquiry Commission)का बचाव किया है. बंगाल सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (supreme court)में हलफनामा दाखिल किया है जिसमें कहा गया है कि न्यायिक आयोग का गठन समानांतर जांच नहीं है. इससे सुप्रीम कोर्ट में लंबित कार्यवाही पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हलफनामे में यह भी कहा गया है कि ये मुद्दा सार्वजनिक महत्व का है और राज्य के पास जनता का विश्वास बहाल करने के लिए एक आयोग गठित करने की शक्ति है. इसमें याचिकाकर्ता एनजीओ पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया गया है कि वह आरएसएस के करीब है.जब केंद्र इस मामले को प्रतिबद्ध नहीं है और पेगासस पर टालमटोल करता है तो राज्य मूक दर्शक के रूप में बैठा नहीं रह सकता है.
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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन लोकुर की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एनजीओ की याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया था.सुप्रीम कोर्ट आज इस मुद्दे पर सुनवाई करेगा.
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