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This Article is From Dec 19, 2020

मटर 4-5 रुपये किलो बिक रही, उज्जैन में किसानों ने हंगामा कर वाहनों में तोड़फोड़ की

किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) का असर मालवा के मटर पर भी पड़ा है. मटर ((Madhya Pradesh Peas) का व्यापार दिल्ली तक नहीं होने की वजह से हर साल मंडी में 30-40 रु प्रति किलो बिकने वाले मटर का थोक मंडी में भाव 4 से 5 रुपये प्रति किलो ही मिल रहा है.

मटर 4-5 रुपये किलो बिक रही, उज्जैन में किसानों ने हंगामा कर वाहनों में तोड़फोड़ की
बिहार की गोभी की तरह मध्य प्रदेश में मटर के किसान कम कीमत से परेशान.
उज्जैन:

मध्यप्रदेश के उज्जैन (Ujjain) जिले के खाचरोद में किसानों ने मटर के कम भाव कम मिलने पर शनिवार को जोरदार हंगामा किया. कई कारोबारियों की गाड़ियों में तोड़फोड़ की, कुछ पर पथराव भी किया. नाराज़ किसानों ने कई घंटों तक खाचरौद मंडी बंद कर चक्का जाम कर दिया बाद में प्रशासन के समझाने पर माहौल शांत हुआ. किसान आंदोलन के कारण मंडी में 30-40 रुपये प्रति किलो बिकने वाली मटर (Peas of Malwa ) का थोक मंडी में भाव 4 से 5 रुपये प्रति किलो ही मिल रहा है. इससे पहले बिहार में गोभी की कीमत एक रुपये प्रति किलो होने के कारण किसानों ने खेत में ही फसल नष्ट कर दी थी.

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दरअसल दिल्ली की सीमा पर पंजाब के किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) का असर मालवा के मटर पर भी पड़ा है. मटर ((Madhya Pradesh Peas) का व्यापार दिल्ली तक नहीं होने की वजह से हर साल मंडी में 30-40 रु प्रति किलो बिकने वाले मटर का थोक मंडी में भाव 4 से 5 रुपये प्रति किलो ही मिल रहा है. काफी दिनों से इस बात को लेकर किसानों में नाराजगी थी. शनिवार को किसानों ने चक्का जाम कर दिया और खाचरोद से दूसरे राज्यों में मटर का परिवहन कर रही ट्रांसपोर्ट की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. तीन थानों की पुलिस ने पहुंचकर मोर्चा संभाला. दोपहर 2 बजे से जारी हंगामा देर शाम 5 बजे तक चलता रहा. किसानों का आरोप था कि अन्य प्रदेशों में व्यापारी 27 रुपये प्रति किलो मटर फली बेच रहे हैं वहीं किसानों से 5 रुपये से लेकर 12 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदी की जा रही है.

नाराज़ किसानों को मनाने SDM पुरुषोत्तम कुमार, तहसीलदार मधु नायक एसडीओपी अरविंद सिंह थाना प्रभारी रविंद्र बारिया, भाट पचलाना टीआई राघवेंद्र कुशवाह सहित आसपास के थानों का स्टाफ घटना स्थल पर पहुंचा, 3 घंटे की मशक्कत और प्रशासन के समझाने के बाद किसानों का गुस्सा शांत हुआ. उज्जैन जिले में करीब पांच हजार हेक्टेयर में मटर का उत्पादन होता है. किसानों के मुताबिक मटर के उत्पादन में 8 से 10 रुपये प्रति किलो की लागत आती है, अभी मंडी में उन्हें नुकसान उठाकर मटर बेचना पड़ रहा है. हर दिन यहां से 200 ट्रक हरे मटर की खपत होती है, बेहतरीन पीएफएम 3, गोल्डन 10 क्वालिटी की इस मटर की मांग देश भर में है.

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