पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यहां ‘अलग परिस्थितियों' में तिरंगा फहराया है जब जम्मू-कश्मीर सैन्य दुर्ग में तब्दील हो गया है और संविधान द्वारा प्रदत्त भरोसे को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा ध्वस्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कश्मीर में पहली बार वर्ष 1948 में तिरंगा फहराया था और तब लोगों का हुजूम इस जश्न को मनाने के लिए जमा हुआ था.
महबूबा ने सिलसिलेवार किए गए ट्वीट में कहा, ‘‘ आज इतिहास गवाह है कि राहुल गांधी ने एकदम विपरीत परिस्थितियों में वहीं ऐसे समय में तिरंगा फहराया जब जम्मू-कश्मीर सैन्य दुर्ग में तब्दील हो गया है. भारतीय संविधान द्वारा दिए गए भरोसे को भाजपा द्वारा ध्वस्त कर दिया गया है और यह पूरी तरह से विश्वासघात है.'' उन्होंने कहा, ‘‘जब वर्ष 1948 में प्रधानमंत्री नेहरू ने विशाल जनसैलाब के बीच कश्मीर में तिरंगा फहराया तब वह पल जश्न का था. जम्मू-कश्मीर के लोग सफलतापूर्वक घुसपैठियों से लड़े और उन्हें पीछे धकेला. इस प्रकार भारत के साथ आपसी विश्वास और सम्मान के आधार पर नया संबंध स्थापित हुआ.''
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नेहरू की कोशिशों से मुस्लिम बहुल जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय सुनिश्चित हुआ. उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने कश्मीरियों को भरोसा दिया कि उनकी धार्मिक पहचान ही नहीं बल्कि भारत में उनकी संस्कृति संरक्षित रहने संबंधी चिंताओं को दूर किया जाएगा. यह उन्होंने संवैधानिक प्रावधान के जरिये किया और अनुच्छेद 370 के तहत गारंटी दी गई.''
महबूबा ने कहा कि इन तथ्यों के बावजूद भाजपा दावा करती है कि उसने कश्मीर का मुद्दा ‘असंवैधानिक रूप से अनुच्छेद-370 को हटाकर' सुलझा दिया है.'' उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वह न केवल इस मुद्दे का समाधान करने में असफल रही बल्कि हमारा 2000 वर्ग किलोमीटर इलाका चीन को उपहार में दे दिया.'' गौरतलब है कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के तहत रविवार को श्रीनगर के ऐतिहासिक लाल चौक पर कड़ी सुरक्षा के बीच तिरंगा फहराया. इस तरह की सुरक्षा आमतौर पर प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान की जाती है.
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