शशि थरूर.
नई दिल्ली:
संसद की एक समिति ने इराक में 39 भारतीय कामगारों की मौत पर विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ की और उनसे एक नया तंत्र बनाने के लिए कहा जिससे विदेशों में काम करने वाले भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकें. वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेशी मामलों पर संसद की स्थायी समिति को विदेश सचिव विजय गोखले और अन्य अधिकारियों ने कल मामले के बारे जानकारी दी.
बैठक का एजेंडा प्रवासी कामगारों से संबंधित मुद्दे थे. इसमें उचित विधायी रूपरेखा और कौशल विकास पहल शामिल हैं जिनका मुख्य जोर संघर्षरत क्षेत्रों में काम कर रहे भारतीय कामगारों की सुरक्षा पर है.
बैठक में मौजूद एक सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि बैठक के दौरान थरूर ने अधिकारियों से एक नए कानून की रूपरेखा बनाने के लिए कहा ताकि विदेशों में काम कर रहे भारतीयों की रक्षा की जा सकें और उनके साथ किसी तरह के शोषण को रोका जा सकें.
समिति के सदस्यों ने इराक में 39 भारतीय कामगारों की मौत को लेकर भी गोखले से सवाल पूछे. इस पर गोखले ने कहा कि उनके पास विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा दी गई जानकारी के अलावा बताने के लिए कुछ नहीं है.
सुषमा स्वराज ने 20 मार्च को संसद में कहा था कि 39 भारतीय कामगारों की पिछले साल इराक में इस्लामिक स्टेट ने हत्या कर दी थी. इनमें से ज्यादातर भारतीय पंजाब के थे. सभी 39 भारतीयों को आईएस ने तीन साल पहले इराक के मोसुल में अगवा किया था.
सुषमा ने कहा कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन भारतीयों को कब मारा गया. इनके शव उत्तर पश्चिम मोसुल में बदूश गांव से बरामद किए गए और डीएनए जांच के जरिए उनकी पहचान हुई. एक विशेष विमान से 39 में से 38 भारतीयों के शव कल स्वदेश लाए गए और शवों को उनके परिवार को सौंप दिया गया.
बैठक का एजेंडा प्रवासी कामगारों से संबंधित मुद्दे थे. इसमें उचित विधायी रूपरेखा और कौशल विकास पहल शामिल हैं जिनका मुख्य जोर संघर्षरत क्षेत्रों में काम कर रहे भारतीय कामगारों की सुरक्षा पर है.
बैठक में मौजूद एक सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि बैठक के दौरान थरूर ने अधिकारियों से एक नए कानून की रूपरेखा बनाने के लिए कहा ताकि विदेशों में काम कर रहे भारतीयों की रक्षा की जा सकें और उनके साथ किसी तरह के शोषण को रोका जा सकें.
समिति के सदस्यों ने इराक में 39 भारतीय कामगारों की मौत को लेकर भी गोखले से सवाल पूछे. इस पर गोखले ने कहा कि उनके पास विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा दी गई जानकारी के अलावा बताने के लिए कुछ नहीं है.
सुषमा स्वराज ने 20 मार्च को संसद में कहा था कि 39 भारतीय कामगारों की पिछले साल इराक में इस्लामिक स्टेट ने हत्या कर दी थी. इनमें से ज्यादातर भारतीय पंजाब के थे. सभी 39 भारतीयों को आईएस ने तीन साल पहले इराक के मोसुल में अगवा किया था.
सुषमा ने कहा कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन भारतीयों को कब मारा गया. इनके शव उत्तर पश्चिम मोसुल में बदूश गांव से बरामद किए गए और डीएनए जांच के जरिए उनकी पहचान हुई. एक विशेष विमान से 39 में से 38 भारतीयों के शव कल स्वदेश लाए गए और शवों को उनके परिवार को सौंप दिया गया.
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