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3 years ago
नई दिल्ली:

Parliament Latest Updates : संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दो दिन बचे थे लेकिन हंगामे और गतिरोध के चलते आज संसद शुरू होते ही दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. राज्यसभा के सभापति वैेंकेया नायडु ने सदन न चल पाने को लेकर नाराजगी जताई और सांसदों से कहा कि 'सदन अपनी क्षमता के मुकाबले बहुत कम चली. मैं आप सबसे आग्रह करता हूं कि आप आत्मावलोक करें कि इस सदन में काम कितना बेहतर हो सकता था. मेरा इसपर बहुत आलोचनात्मक नजरिया है.'

उधर, तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन कल निलंबित कर दिए गए थे, जिसके बाद आज वो संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास 12 निलंबित सांसदों के धरने में शामिल हुए. डेरेक पर सदन की रूल बुक फाड़ने का आरोप लगा है. हालांकि, उन्होंने इससे इनकार किया है.

बता दें कि सरकार ने कल लोकसभा में स्मृति ईरानी ने लड़कियों की शादी की उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 करने का प्रस्ताव पेश किया था. वहीं, निर्वाचन विधि संशोधन विधेयक को सोमवार को लोकसभा की मंजूरी मिल गई थी, जिसके बाद विपक्ष के विरोध के बीच इसे कल राज्यसभा में पेश किया गया था. शीकालीन सत्र के आखिरी सप्ताह में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक भी हुई थी.

Parliament Winter Session Highlights : 

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने ''जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं की और शोर-शराबा किया जो दुर्भाग्यपूर्ण है''. जोशी ने शीतकालीन सत्र की समाप्ति पर संवाददाताओं से कहा, ''विपक्ष का जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं करना, आसन के पास आकर शोर-शराबा करना और नियम-पुस्तिका फेंकना दुर्भाग्यपूर्ण है.''

उन्होंने दावा किया कि विपक्ष ने ही महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी, सरकार चर्चा को तैयार थी और लोकसभा अध्यक्ष तथा राज्यसभा के सभापति ने इस पर चर्चा की मंजूरी दी थी, लेकिन कार्यसूची में सूचीबद्ध होने के बावजूद विपक्षी दल चर्चा को तैयार नहीं थे.

जोशी ने यह भी कहा कि 2019 का जनादेश भारतीय जनता पार्टी को और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को मिला था और इसे कांग्रेस और उसके मित्र दल पचा नहीं पा रहे. उन्होंने कहा, ''उनका (कांग्रेस और विपक्षी दलों का) मानना है कि सत्ता तो खानदान को ही मिलनी चाहिए थी लेकिन मोदीजी ने इसे छीन लिया.'' (भाषा)
सदन की कार्यवाही एक दिन पहले अनिश्चित काल के लिये स्थगित करने को लेकर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बोले..

'सरकार कामकाज चाहती ही नही थी. कल कोई बेल में नही गया था कोई गड़बड़ नही हुई. आपने 11 बजे से 2 बजे तक स्थगित कर दिया. परसों भी किया. कोई कारण नही था. सरकार के पास कोई एजेंडा ही नही था. लोगों के हित मे कोई कानून नहीं है. सिर्फ यही चाहते थे उनके जो मुद्दे हैं जिनपर उनको विश्वास है उसको किसी भी तरह पास कर लेना. हमारे 12 लोग बात करने वाले थे, उनको बाहर रख दिया तो सदन में वो कुछ कर लेते और यही किया भी. विपक्ष के नेताओं को समझते तो कुछ होता. इन्होंने तो डिवाइड करने की कोशिश की. सिर्फ पांच पार्टियों को बुलाया बाकी को छोड़ दिया. सरकार की मंशा थी 20 मिनट में बिल पास हो जाये. उनकी मंशा ना खुले. उनकी गलतियां सबके सामने ना आ पाएं. सही मुद्दे पर जवाब ना देना पड़े इसीलिए उन्होंने कुछ लोगो को सस्पेंड किया.'
निलंबित सांसदों ने गांधी प्रतिमा के सामने संविधान की प्रस्तवना पढ़ा और न्याय की मांग की. डोला सेन, नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, राज मणि पटेल, रूपेन बोरा, फूलो देवी नेताम और  प्रियंका चतुर्वेदी
को शीतकालीन सत्र के शुरुआती दिनों में ही सदन से निलंबित कर दिया गया था. 

आज उन्होंने कहा कि 'सरकार अहंकारी हो चुकी है. इस सरकार में किसी को न्याय नही मिल रहा है. ये सच की लड़ाई हम जीते हैं. हम लोकतंत्र के लिये लड़ते रहेंगे. विपक्ष की एकता और मजबूत हुई है. हम माफी नही मांगे. मजबूर करने की कोशिश जरूर हुई लेकिन मजबूत हुए. सरकार किसानों के हत्यारे को बचा रही है.'
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन बोले..

'किसान बिल पास हुआ तब भी सस्पेंड किया था. मोदी और अमित शाह रोजाना चाकू से लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. मैं चाहता हूं देश इस बात को जाने.' रूल बुक फेंकने के आरोप पर कहा कि हमें पहले फुटेज तो दिखाओ. वो जो चाहें वो करें. संसद को जला दिया. मोदी कितनी बार संसद में आए. ये गुजरात जिमखाना नही है. बंगाल में टीएमसी ने बीजेपी को जवाब दे दिया है.'

मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन पर पर कहा कि 'सरकार ने 12 सांसदों को इसलिए निलंबित कर दिया, ताकि बिल आसानी से पास हो सके. हमने निलंबन वापस लेने की मांग की थी ताकि सदन सुचारू रूप से चल सके, लेकिन वो नहीं माने.'
निलंबित सांसदों का प्रदर्शन

डेरेक ओ'ब्रायन सहित राज्यसभा के 13 निलंबित सांसदों ने अपने निलंबन के विरोध में संसद परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के पास संविधान की प्रस्तावना पढ़ी.
राज्यसभा के सभापति वैेंकेया नायडु ने जताई नाराजगी

सदन में हंगामे की वजह से कार्यवाही प्रभावित होने के चलते सभापति ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि 'सदन अपनी क्षमता के मुकाबले बहुत कम चली. मैं आप सबसे आग्रह करता हूं कि आप आत्मावलोक करें कि इस सदन में काम कितना बेहतर हो सकता था. मेरा इसपर बहुत आलोचनात्मक नजरिया है.'
संसद की कार्यवाही स्थगित

आज संसद शुरू होते ही दोनों सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गए हैं. पहले लोकसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया, उसके बाद राज्यसभा भी स्थगित हो गई है. इसका मतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र आज ही खत्म हो गया है.
विपक्षी सांसदों का विरोध तेज 

राज्यसभा सदस्य और तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ'ब्रायन बुधवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास 12 निलंबित सांसदों के साथ धरने पर बैठे. ओ' ब्रायन को मंगलवार को राज्यसभा में सदन की नियमावली पुस्तिका आसन की ओर उछालने के कारण सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था.

इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मानसून सत्र के दौरान 'अशोभनीय आचरण' करने के कारण वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। ये निलंबित सांसद गांधी प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठे हैं और अपने निलंबन के विरोध में इसी स्थान पर 'जन संसद' का आयोजन कर रहे हैं. (भाषा)

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