पालघर में सभा को संबोधित करते सीएम योगी आदित्यनाथ
मुंबई:
मुंबई के पालघर लोकसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना आमने सामने है. उपचुनाव भले ही महाराष्ट्र के पालघर हो रहे हों, मगर चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए उत्तर प्रदेश के नेता मैदान में उतर चुके हैं. पालघर उपचुनाव में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. खास बात यह है कि बीजेपी इस उपचुनाव को जीतने के लिए शिवसेना पर खूब निशाना साध रही है. पालघर उपचुनाव में योगी ने शिवसेना पर हमला बोला और उन्होंने अफ़ज़ल खान से शिवसेना की तुलना कर दी. बता दें कि 28 मई को पालघर उपचुनाव है.
दरअसल, शिवसेना के मैदान में उतर जाने से पालघर उपचुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है. शिवसेना को पटखनी देने के लिए बीजेपी ने एक तरफ जहां आदिवासियों में लोकप्रिय विवेक पंडित से हाथ मिलाया है तो दूसरी तरफ उत्तर भारतीय मतदाताओं को रिझाने के उत्तर प्रदेश से नेताओं की फौज बुला ली है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो शिवसेना की तुलना अफ़ज़ल खान से कर बड़ा हमला बोला है.
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योगी ने अपने भाषण में कहा कि "जो छत्रपति शिवाजी का नाम लेते हैं छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर अफ़ज़ल खान का काम करते हैं." पालघर में बीजेपी के प्रचार में आए योगी आदित्यनाथ ने शिवसेना का नाम लिए बिना सीधा हमला बोला. वे यहीं नहीं रुके, पालघर से बीजेपी के स्वर्गीय सांसद चिंतामणि वनगा के बेटे को शिवसेना से टिकट दिए जाने को पीठ में छूरा घोंपने की संज्ञा दी.
उन्होंने कहा कि 'आज महाराष्ट्र का जो मैं चित्र देख रहा हूं तो सबसे दुखी कोई आत्मा रो रही होगी तो स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे की होगी. क्योंकि उन्होंने कभी पीठ में छूरा घोंपने का काम नहीं किया. बता दें कि पालघर लोकसभा उपचुनाव महाराष्ट्र के पालघर में है, मगर ऐसा लगता है कि प्रचार में सीएम योगी समेत पूर्वांचल के नेताओं की फौज मैदान में उतर आई.
पालघर लोकसभा सीट बीजेपी के सांसद चिंतामन वनगा के निधन के कारण खाली हुई है. बीजेपी ने यहां से राजेंद्र गावित को उम्मीदवार बनाया है जबकि शिवसेना ने दिवंगत सांसद चिंतामन वनगा के बेटे श्रीनिवास वनगा को अपना प्रत्याशी बनाया है.
देश में पहले विमान कारखाने के लिए पायलट से महाराष्ट्र सरकार ने की 35,000 करोड़ की डील
पूर्वी उत्तर प्रदेश के 4 विधायकों के साथ उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी भी मतदाताओं को रिझाने में लगी हैं. पालघर लोकसभा में कुल 17 लाख 24 हजार मतदाता हैं. कुल 6 विधानसभाओं में से अकेले नाला सोपारा में 4 लाख के ऊपर मतदाता हैं. नालासोपारा उत्तर भारतीय बहुल क्षेत्र है. इसी तरह वसई, विरार बोइसर और पालघर में भी उत्तरभारतीय बसे हुए हैं. कुल मतदाताओं में आदिवासी 30 फीसदी हैं तो उत्तर भारतीय 21 फीसदी है.
शायद इसी वजह से बीजेपी लोकप्रिय भोजपुरी गायक और सांसद मनोज तिवारी का रोड शो भी करवा चुकी है. इतना ही नहीं, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी विरार आकर हुंकार भर चुके हैं. पालघर की 6 विधानसभाओं में से 3 पर बहुजन विकास पार्टी का कब्जा है. बताते हैं कि इलाके में उत्तर भारतीयों को बसाने में इनकी अहम भूमिका है और स्थानीय निकाय पर भी इसी पार्टी का कब्जा है.
VIDEO: पालघर उपचुनाव में बीजेपी ने झोंकी पूरी ताकत
दरअसल, शिवसेना के मैदान में उतर जाने से पालघर उपचुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है. शिवसेना को पटखनी देने के लिए बीजेपी ने एक तरफ जहां आदिवासियों में लोकप्रिय विवेक पंडित से हाथ मिलाया है तो दूसरी तरफ उत्तर भारतीय मतदाताओं को रिझाने के उत्तर प्रदेश से नेताओं की फौज बुला ली है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो शिवसेना की तुलना अफ़ज़ल खान से कर बड़ा हमला बोला है.
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योगी ने अपने भाषण में कहा कि "जो छत्रपति शिवाजी का नाम लेते हैं छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर अफ़ज़ल खान का काम करते हैं." पालघर में बीजेपी के प्रचार में आए योगी आदित्यनाथ ने शिवसेना का नाम लिए बिना सीधा हमला बोला. वे यहीं नहीं रुके, पालघर से बीजेपी के स्वर्गीय सांसद चिंतामणि वनगा के बेटे को शिवसेना से टिकट दिए जाने को पीठ में छूरा घोंपने की संज्ञा दी.
उन्होंने कहा कि 'आज महाराष्ट्र का जो मैं चित्र देख रहा हूं तो सबसे दुखी कोई आत्मा रो रही होगी तो स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे की होगी. क्योंकि उन्होंने कभी पीठ में छूरा घोंपने का काम नहीं किया. बता दें कि पालघर लोकसभा उपचुनाव महाराष्ट्र के पालघर में है, मगर ऐसा लगता है कि प्रचार में सीएम योगी समेत पूर्वांचल के नेताओं की फौज मैदान में उतर आई.
पालघर लोकसभा सीट बीजेपी के सांसद चिंतामन वनगा के निधन के कारण खाली हुई है. बीजेपी ने यहां से राजेंद्र गावित को उम्मीदवार बनाया है जबकि शिवसेना ने दिवंगत सांसद चिंतामन वनगा के बेटे श्रीनिवास वनगा को अपना प्रत्याशी बनाया है.
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पूर्वी उत्तर प्रदेश के 4 विधायकों के साथ उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी भी मतदाताओं को रिझाने में लगी हैं. पालघर लोकसभा में कुल 17 लाख 24 हजार मतदाता हैं. कुल 6 विधानसभाओं में से अकेले नाला सोपारा में 4 लाख के ऊपर मतदाता हैं. नालासोपारा उत्तर भारतीय बहुल क्षेत्र है. इसी तरह वसई, विरार बोइसर और पालघर में भी उत्तरभारतीय बसे हुए हैं. कुल मतदाताओं में आदिवासी 30 फीसदी हैं तो उत्तर भारतीय 21 फीसदी है.
शायद इसी वजह से बीजेपी लोकप्रिय भोजपुरी गायक और सांसद मनोज तिवारी का रोड शो भी करवा चुकी है. इतना ही नहीं, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी विरार आकर हुंकार भर चुके हैं. पालघर की 6 विधानसभाओं में से 3 पर बहुजन विकास पार्टी का कब्जा है. बताते हैं कि इलाके में उत्तर भारतीयों को बसाने में इनकी अहम भूमिका है और स्थानीय निकाय पर भी इसी पार्टी का कब्जा है.
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