
मोनिका खानगेमबम ने फेसबुक पोस्ट के जरिए एयरपोर्ट पर हुए कथित भेदभाव का जिक्र किया है..
नई दिल्ली:
मोनिका खानगेमबम (Monika Khangembam) ने अपने फेसबुक पेज के जरिए दिल्ली एयरपोर्ट पर अधिकारियों द्वारा उनके साथ कथित भेदभाव का आरोप लगाया। इसके बाद सरकार ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लिया। पेशे से कम्यूनिकेशन प्रफेशनल मोनिका ने कहा कि उनसे एक इमिग्रेशन अधिकारी ने पूछा कि क्या वह असल में भारतीय ही हैं? और क्या वह सभी राज्यों के नाम उन्हें बता सकती हैं?
सुषमा का जवाब
मोनिका ने फेसबुक पर यह बताते हुए जो पोस्ट लिखी है वह वायरल हो गई है। नजर में आने के बाद इस पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संज्ञान लेते हुए कहा कि 'मैं यह जानकर खेद महसूस कर रही हूं।' सुषमा स्वराज ने ट्वीट के जरिए कहा कि मैं अपने सीनियर कुलीग श्री @rajnathsingh जी से बात करूंगी कि एयरपोर्ट पर आव्रजन अधिकारियों को सेंसिटाइज (संवेदनशील) करें।
मोनिका ने एक लंबी पोस्ट के जरिए लिखा है कि उन्हें 'इतना ज्यादा शर्मिंदा कभी नहीं होना पड़ा' जितना कि शनिवार को सियोल जाने वाली फ्लाइट में बोर्ड करने से पहले उन्होंने इमिग्रेशन काउंटर पर महसूस किया।
'हर वक्त सुनना पड़ता है'
मोनिका ने लिखा है- नस्लभेदी इमिग्रेशन डेस्ट ने मेरा पासपोर्ट देखा और कहा- इंडियन तो नहीं लगती हो। मुझे यह हर वक्त सुनना पड़ता है, इसलिए मैंने इस पर कोई खासस प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन फिर उसने आगे कहा- पक्का इंडियन हो?
कॉरपोरेट कम्यूनिकेश्स ऐग्जेक्यूटिव मोनिका ने कहा कि वह फ्लाइट के लिए लेट हो रही थीं और उनके यह प्रार्थना करने के बाद भी कि वह लेट हो रही हैं, अधिकारी शांत नहीं हुआ। मोनिका ने बताया कि अगले काउंटर पर खड़ी महिला भी ठिठोली कर रही थी। मैं उन्हें कह रही थी कि मैं प्रक्रिया के इस तरह से रुक जाने के चलते सच में लेट हो रही हूं। और उन्होंने फिर कहा- कहां से हो? मैंने कहा- मणिपुर। उन्होंने फिर कहा- तो मुझे बताओ मणिपुर के बॉर्डर से कितने राज्यों की सीमा छूती है? उनके नाम बताओ।
मोनिका ने एक दूसरी पोस्ट में कहा- मैंने और नॉर्थ ईस्ट के कई और लोग भी लगातार इस तरह के नस्लभेदी व्यवहार और ठिठोली से दो चार होते रहे हैं, कभी व्यंग्यात्मक टिप्पणी के जरिए, कभी व्यवहार के जरिए। कभी कभी आप इस तरह के व्यवहार को परिभाषित नहीं कर सकते लेकिन आप इसे महसूस करते हो और जताते नहीं हो।
सुषमा का जवाब
मोनिका ने फेसबुक पर यह बताते हुए जो पोस्ट लिखी है वह वायरल हो गई है। नजर में आने के बाद इस पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संज्ञान लेते हुए कहा कि 'मैं यह जानकर खेद महसूस कर रही हूं।' सुषमा स्वराज ने ट्वीट के जरिए कहा कि मैं अपने सीनियर कुलीग श्री @rajnathsingh जी से बात करूंगी कि एयरपोर्ट पर आव्रजन अधिकारियों को सेंसिटाइज (संवेदनशील) करें।
Monika Khangembam - I am sorry to know this. Immigration is not with me./1
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 10, 2016
I will speak to my senior colleague Shri @rajnathsingh ji to sensitise Immigration officials at the airport./2
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 10, 2016
मोनिका ने एक लंबी पोस्ट के जरिए लिखा है कि उन्हें 'इतना ज्यादा शर्मिंदा कभी नहीं होना पड़ा' जितना कि शनिवार को सियोल जाने वाली फ्लाइट में बोर्ड करने से पहले उन्होंने इमिग्रेशन काउंटर पर महसूस किया।
'हर वक्त सुनना पड़ता है'
मोनिका ने लिखा है- नस्लभेदी इमिग्रेशन डेस्ट ने मेरा पासपोर्ट देखा और कहा- इंडियन तो नहीं लगती हो। मुझे यह हर वक्त सुनना पड़ता है, इसलिए मैंने इस पर कोई खासस प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन फिर उसने आगे कहा- पक्का इंडियन हो?
कॉरपोरेट कम्यूनिकेश्स ऐग्जेक्यूटिव मोनिका ने कहा कि वह फ्लाइट के लिए लेट हो रही थीं और उनके यह प्रार्थना करने के बाद भी कि वह लेट हो रही हैं, अधिकारी शांत नहीं हुआ। मोनिका ने बताया कि अगले काउंटर पर खड़ी महिला भी ठिठोली कर रही थी। मैं उन्हें कह रही थी कि मैं प्रक्रिया के इस तरह से रुक जाने के चलते सच में लेट हो रही हूं। और उन्होंने फिर कहा- कहां से हो? मैंने कहा- मणिपुर। उन्होंने फिर कहा- तो मुझे बताओ मणिपुर के बॉर्डर से कितने राज्यों की सीमा छूती है? उनके नाम बताओ।
मोनिका ने एक दूसरी पोस्ट में कहा- मैंने और नॉर्थ ईस्ट के कई और लोग भी लगातार इस तरह के नस्लभेदी व्यवहार और ठिठोली से दो चार होते रहे हैं, कभी व्यंग्यात्मक टिप्पणी के जरिए, कभी व्यवहार के जरिए। कभी कभी आप इस तरह के व्यवहार को परिभाषित नहीं कर सकते लेकिन आप इसे महसूस करते हो और जताते नहीं हो।
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