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सरहद के पास पाकिस्‍तान के फुस्‍स 'पटाख़ों' का अंबार, डिफ्यूज करने में जुटी इंडियन आर्मी

पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी की तीव्रता सात मई को बढ़ गई थी, जब भारतीय सशस्त्र बलों ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सीमा पार नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे.

सरहद के पास पाकिस्‍तान के फुस्‍स 'पटाख़ों' का अंबार, डिफ्यूज करने में जुटी इंडियन आर्मी
कश्‍मीर:

विध्वंसक धमाके, फिजाओं में बारूद की गंध... सीन जंग जैसा है! लेकिन ठहरिए, ये कोई जंग नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की कायरता के प्रमाण हैं, जिनका वजूद बॉम्ब स्क्वाड की टीम मिटाने में लगी है. ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तान ने भारत पर नाकाम हमले किए कई मिसाइलें दागी ज्यादातर को भारत ने मार गिराया, जो बचीं वो पाकिस्तान की तरह फुस्स साबित हुईं. जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती गांवों में ऐसे बम गोले का अंबार लगा है. बिना फटे इसी गोला-बारूद को क्‍लीयर करने का अभियान जम्मू कश्मीर के सरहदी इलाकों में चल रहा है.

ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर कई मिसाइलें दागी. ज्यादातर मिसाइलें भारत ने मार गिराई थी, लेकिन कुछ फुस्स साबित हुईं. जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती गांवों में ऐसे ही फुस्स बमों का अंबार लगा है, जिन्हें क्लियर करने का मिशन चल रहा है. पुंछ, राजौरी और सांबा से सटे बॉर्डर पर ये अभियान चल रहा है. बॉम्ब स्क्वॉड का दस्ता, बिना फटे बिना को डिफ्यूज करने में जुटा है, ताकि कोई अनहोनी न हो. ऑपरेशन सिंदूर से घबराए पाकिस्तान ने भारत के रिहायशी इलाकों में फायरिंग की थी. गोलीबारी में 23 लोगो की जान चली गई थी, जबकि 50 से ज्यादा घायल हुए थे.

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बॉम्ब स्क्वाड 'सफाई' में जुटा...

  • सरहद के पास पाक के 'पटाख़ों' का अंबार
  • पाक के कई हथियार फुस्स साबित हुए थे
  • ज़्यादातर मिसाइलें भारत ने मार गिराई थीं
  • बिना फटे गोला-बारूद को हटाने के लिए अभियान जारी
  • लोगों को संदिग्‍ध वस्‍तुओं का न छूने के निर्देश 

सीमावर्ती गांवों में पाकिस्तान द्वारा दागे गए बिना फटे गोला-बारूद को नष्ट करने के लिए सेना और पुलिस बॉम्ब स्क्वाड ने एक बड़ी कवायद शुरू की है. चीफ सेक्रेटरी अटल डुल्लू ने बताया कि वे हालात पर नजर रख रहे हैं और सुरक्षा एजेंसियों से मंजूरी मिलने के बाद विस्थापित सीमावर्ती निवासियों की वापसी में सुविधा प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा कि वे उन लोगों को शीघ्र मुआवजा भी सुनिश्चित करेंगे जिनके घर नागरिक क्षेत्रों पर अंधाधुंध गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हो गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि राजौरी और पुंछ जिलों में नियंत्रण रेखा (एलओसी)और जम्मू और सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों में विशेषज्ञों ने दर्जनों विस्फोटक नष्ट किए, जहां सात मई से 10 मई तक सीमा पार से भारी गोलाबारी और ड्रोन हमले हुए थे. 

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पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी की तीव्रता सात मई को बढ़ गई थी, जब भारतीय सशस्त्र बलों ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत सीमा पार नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे. पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे.  पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम का उल्लंघन पहलगाम आतंकवादी हमले के तुरंत बाद उत्तरी कश्मीर से शुरू हो गया था और यह जम्मू संभाग में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के क्षेत्रों तक फैल गया, जिसके जवाब में भारतीय सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की.

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सीमा पार से की गई गोलाबारी में 28 लोग मारे गए और 50 से अधिक लोग घायल हो गए. इस गोलाबारी की वजह से दो लाख से अधिक सीमावर्ती निवासियों को घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर शरण लेनी पड़ी. पिछले तीन दिन में इनमें से काफी लोग अपने गांव लौट चुके हैं. हालांकि, कई लोग अब भी सरकार द्वारा स्थापित राहत शिविरों में अधिकारियों की हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं. चीफ सेक्रेटरी अटल डुल्लू ने हालात का आकलन करने के लिए गोलाबारी से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज करा रहे पीड़ितों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली.

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सेना के अधिकारियों ने बताया कि सेना और पुलिस के दल गांव-गांव जाकर पाकिस्तान की ओर से दागे गए बिना फटे गोला-बारूद का पता लगा रहे हैं और उसे निष्क्रिय कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि अभियान सोमवार दोपहर को शुरू किया गया था और विशेषज्ञ नियंत्रित विस्फोट करके बिना फटे गोलों को नष्ट कर रहे हैं. पुलिस ने पहले ही लोगों से अनुरोध किया है कि वे किसी भी संदिग्ध वस्तु को न छुएं और अपनी सुरक्षा के लिए निकटतम थाने या सुरक्षा प्रतिष्ठान को इसकी सूचना दें.

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