हैदराबाद:
मुसलमानों को गुजरात दंगा भूल जाने की सलाह देने वाले पाकिस्तानी इस्लामिक विद्वान ताहिर-उल-कादरी के कथित बयान को लेकर विवाद छिड़ गया है। मुस्लिम संगठनों ने इस पर नाराजगी जताते हुए कादरी की भारत यात्रा का विरोध किया है।
जमीयत-उल-उलेमा तथा अन्य मुस्लिम संगठनों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने मंगलवार को यहां के पांच दिवसीय दौरे पर पहुंचे कादरी की सुरक्षा बढ़ा दी।
पाकिस्तान के विवादास्पद विद्वान ने पिछले सप्ताह गुजरात के वडोदरा में 25 फरवरी को एक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कथित तौर पर भारतीय मुसलमानों को सलाह दी थी कि वे गोधरा के बाद हुए दंगों को भूलकर आगे बढ़ें। उन्होंने खुद को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिया।
पाकिस्तान में कादरी को जान का खतरा है, जिसके कारण वे अधिकतर पश्चिमी देशों में रहते हैं। वह मार्च तक भारत के दौरे पर हैं। इस दौरान वह अजमेर, मुम्बई, रायपुर तथा बेंगलुरू में कई धार्मिक सम्मेलनों को भी सम्बोधित करेंगे।
कादरी की भारत यात्रा को लेकर उर्दू के समाचार पत्रों के विचार बंटे हुए हैं। उर्दू समाचार-पत्रों के एक समूह ने जहां कादरी के बयान की निंदा करने वाले मौलाना नसीरुद्दीन और जमीयत-उल-उलेमा के कई नेताओं के बयान प्रकाशित किए हैं, वहीं कुछ ने कादरी की यात्रा का स्वागत किया है।
समाचार पत्र 'मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन' में कादरी का स्वागत करने वाले कई विज्ञापन एवं बयान हैं। जमीयत-उल-उलेमा के नेताओं ने कादरी पर पश्चिम की भाषा बोलने का आरोप लगाया है।
जमीयत-उल-उलेमा तथा अन्य मुस्लिम संगठनों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने मंगलवार को यहां के पांच दिवसीय दौरे पर पहुंचे कादरी की सुरक्षा बढ़ा दी।
पाकिस्तान के विवादास्पद विद्वान ने पिछले सप्ताह गुजरात के वडोदरा में 25 फरवरी को एक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कथित तौर पर भारतीय मुसलमानों को सलाह दी थी कि वे गोधरा के बाद हुए दंगों को भूलकर आगे बढ़ें। उन्होंने खुद को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिया।
पाकिस्तान में कादरी को जान का खतरा है, जिसके कारण वे अधिकतर पश्चिमी देशों में रहते हैं। वह मार्च तक भारत के दौरे पर हैं। इस दौरान वह अजमेर, मुम्बई, रायपुर तथा बेंगलुरू में कई धार्मिक सम्मेलनों को भी सम्बोधित करेंगे।
कादरी की भारत यात्रा को लेकर उर्दू के समाचार पत्रों के विचार बंटे हुए हैं। उर्दू समाचार-पत्रों के एक समूह ने जहां कादरी के बयान की निंदा करने वाले मौलाना नसीरुद्दीन और जमीयत-उल-उलेमा के कई नेताओं के बयान प्रकाशित किए हैं, वहीं कुछ ने कादरी की यात्रा का स्वागत किया है।
समाचार पत्र 'मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन' में कादरी का स्वागत करने वाले कई विज्ञापन एवं बयान हैं। जमीयत-उल-उलेमा के नेताओं ने कादरी पर पश्चिम की भाषा बोलने का आरोप लगाया है।
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