पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सरकार के बीच रात भर चली बातचीत में कुछ खास प्रगति न हो पाने के कारण देश में राजनीतिक गतिरोध कायम है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान और धार्मिक गुरु ताहिर उल कादिरी की अगुवाई में प्रदर्शनकारी पिछले साल हुए संसदीय चुनावों में कथित धांधली का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इस्तीफा दें और देश में फिर से चुनाव कराए जाएं।
इमरान खान और कादरी ने लाहौर में 14 अगस्त से अलग-अलग विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत की थी, ताकि 15 महीने पुरानी सरकार को सत्ता से बाहर किया जा सके। दोनों नेताओं की अगुवाई में हजारों प्रदर्शनकारी पिछले शनिवार से ही राजधानी इस्लामाबाद में डेरा डाले हुए हैं। राजनीतिक संकट की वजह से सरकार पसोपेश में है और पाकिस्तान की लोकतांत्रिक स्थिरता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
प्रदर्शन समाप्त कराने के मकसद से सरकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को इमरान खान की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। प्रदर्शनकारी नेताओं ने नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) से वार्ता की पेशकश पहले ही ठुकरा दी थी। ताजा दौर की बातचीत ऐसे समय में हुई जब पीटीआई के सांसदों ने नेशनल असेंबली से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, स्पीकर ने इन सांसदों का इस्तीफा कबूल नहीं किया है। नेशनल असेंबली में सरकार का बहुमत है।
पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने संवाददाताओं को बताया कि अगले दौर की बातचीत दिन में होगी। सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को कादरी के संगठन पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) की मांगों पर चर्चा के लिए उनके नेताओं से बात की थी, पर पीएटी बातचीत से संतुष्ट नहीं हुई।
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